लखनऊ: राजधानी स्थित गोल्ड हाउस ज्वैलर्स की दुकान पर शनिवार सुबह हुई लूट का खुलासा पुलिस ने कर दिया है. इस घटना में पुलिस ने तीन आरोपियों को भी गिरफ्तार किया है. पुलिस के मुताबिक, लूट का मास्टरमाइंड दुकान पर काम करने वाला युवक प्रदीप कुमार रावत है. दुकान पर काम करने वाले प्रदीप कुमार रावत ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर वारदात को अंजाम देने की योजना बनाई थी. योजना के तहत आरोपी दुकान से सारी ज्वेलरी पार कर फरार हो गए थे. आरोपी ने लोगों की नजर से बचने के लिए महिलाओं द्वारा पहनने वाले बुर्के का इस्तेमाल किया था. पुलिस ने आरोपियों के पास से ज्वेलरी की दुकान का लूटा हुआ माल भी बरामद कर लिया है. पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार कर आगे की कार्रवाई में जुट गई है.
दरअसल, शनिवार की सुबह 11 बजे गोमतीनगर विस्तार इलाके में खरगापुर के गीतापुरी चौराहे के पास गोल्ड हाउस ज्वैलर्स में लूट हुई थी. लूट करने के बाद लुटेरे जब फरार हो गए, उसके कुछ मिनट बाद ही दुकान पर काम करने वाले युवक ने इस घटना की जानकारी अपने मालिक को दी थी. जिसके बाद ज्वैलर्स मालिक आर्यन सोनी ने पुलिस कंट्रोल रूम पर दुकान पर कर्मचारी को बंधक बनाकर लूट की सूचना दी थी. मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने जब दुकान पर काम करने वाले युवक प्रदीप कुमार रावत से पूछताछ की तो वह डर गया. जिसके बाद ही उसको हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी गई थी.
पुलिस की पूछताछ में प्रदीप कुमार रावत ने बताया कि उसने अपने साथी संदीप गुप्ता और इमरान के साथ मिलकर पूरी घटना की साजिश रची थी. प्रदीप द्वारा इमरान से कहा गया था कि वह अपना चेहरा ढक कर दुकान के अंदर आएगा. इसके बाद वह सामान भरकर उसको दे देगा और वह आसानी से निकल जाएगा. ठीक इसी तरह वारदात को अंजाम भी दिया गया. इमरान बुर्का पहनकर दुकान के अंदर पहुंचा था. इस बीच दुकान से कुछ दूरी पर कार में बैठा संदीप गुप्ता इमरान का इंतजार कर रहा था. लूट की सूचना देने के बाद प्रदीप भी पुलिस को काफी देर तक गुमराह करता रहा. प्रदीप ने पुलिस को बताया कि आरोपी नकाब पहन कर आया हुआ था. इस दौरान उसने असलहे के बल पर उस को बंधक बनाया और उसके हाथ बांध दिए. इसी बीच उसने दुकान पर से सारी ज्वैलरी बैग में भरी और चिल्लाने पर गोली मारने की धमकी दी थी.
एडीसीपी पूर्वी सैयद कासिम आब्दी की मानें तो घटना में मुख्य आरोपी दुकान पर काम करने वाला प्रदीप कुमार रावत उर्फ बउवा है. जिसने 2 दिन पहले अपने साथी इमरान और संदीप के साथ मिलकर घटना की साजिश रची थी. यह तीनों आपस में मित्र हैं और सभी लोग रामाश्रय पुरवा गांव के ही रहने वाले हैं. दुकान पर वारदात को अंजाम देने के लिए इमरान बुर्का पहनकर अंदर पहुंचा था. इसका सीसीटीवी बगल में लगी दुकान से प्राप्त हुआ. उस आधार पर पुलिस जांच कर रही थी. जांच में घटना का खुलासा भी किया गया है. आरोपियों की गिरफ्तारी कर ली गई है, उनके पास से ज्वैलरी की दुकान से लूटा हुआ माल और घटना में इस्तेमाल की गई कार भी बरामद हुई है.
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गोल्ड हाउस ज्वैलर्स की दुकान पर हुई लूट का पुलिस ने किया खुलासा, तीन गिरफ्तार - लखनऊ खबर
राजधानी लखनऊ में गोल्ड हाउस ज्वैलर्स की दुकान पर हुई लूट का पुलिस ने खुलासा कर दिया है. पुलिस के मुताबिक, दुकान पर काम करने वाले युवक ने ही लूट की साजिश रची थी. उसने अपने दो साथियों के साथ मिलकर दुकान को लूटने की योजना बनाई थी.
लखनऊ: राजधानी स्थित गोल्ड हाउस ज्वैलर्स की दुकान पर शनिवार सुबह हुई लूट का खुलासा पुलिस ने कर दिया है. इस घटना में पुलिस ने तीन आरोपियों को भी गिरफ्तार किया है. पुलिस के मुताबिक, लूट का मास्टरमाइंड दुकान पर काम करने वाला युवक प्रदीप कुमार रावत है. दुकान पर काम करने वाले प्रदीप कुमार रावत ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर वारदात को अंजाम देने की योजना बनाई थी. योजना के तहत आरोपी दुकान से सारी ज्वेलरी पार कर फरार हो गए थे. आरोपी ने लोगों की नजर से बचने के लिए महिलाओं द्वारा पहनने वाले बुर्के का इस्तेमाल किया था. पुलिस ने आरोपियों के पास से ज्वेलरी की दुकान का लूटा हुआ माल भी बरामद कर लिया है. पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार कर आगे की कार्रवाई में जुट गई है.
दरअसल, शनिवार की सुबह 11 बजे गोमतीनगर विस्तार इलाके में खरगापुर के गीतापुरी चौराहे के पास गोल्ड हाउस ज्वैलर्स में लूट हुई थी. लूट करने के बाद लुटेरे जब फरार हो गए, उसके कुछ मिनट बाद ही दुकान पर काम करने वाले युवक ने इस घटना की जानकारी अपने मालिक को दी थी. जिसके बाद ज्वैलर्स मालिक आर्यन सोनी ने पुलिस कंट्रोल रूम पर दुकान पर कर्मचारी को बंधक बनाकर लूट की सूचना दी थी. मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने जब दुकान पर काम करने वाले युवक प्रदीप कुमार रावत से पूछताछ की तो वह डर गया. जिसके बाद ही उसको हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी गई थी.
पुलिस की पूछताछ में प्रदीप कुमार रावत ने बताया कि उसने अपने साथी संदीप गुप्ता और इमरान के साथ मिलकर पूरी घटना की साजिश रची थी. प्रदीप द्वारा इमरान से कहा गया था कि वह अपना चेहरा ढक कर दुकान के अंदर आएगा. इसके बाद वह सामान भरकर उसको दे देगा और वह आसानी से निकल जाएगा. ठीक इसी तरह वारदात को अंजाम भी दिया गया. इमरान बुर्का पहनकर दुकान के अंदर पहुंचा था. इस बीच दुकान से कुछ दूरी पर कार में बैठा संदीप गुप्ता इमरान का इंतजार कर रहा था. लूट की सूचना देने के बाद प्रदीप भी पुलिस को काफी देर तक गुमराह करता रहा. प्रदीप ने पुलिस को बताया कि आरोपी नकाब पहन कर आया हुआ था. इस दौरान उसने असलहे के बल पर उस को बंधक बनाया और उसके हाथ बांध दिए. इसी बीच उसने दुकान पर से सारी ज्वैलरी बैग में भरी और चिल्लाने पर गोली मारने की धमकी दी थी.
एडीसीपी पूर्वी सैयद कासिम आब्दी की मानें तो घटना में मुख्य आरोपी दुकान पर काम करने वाला प्रदीप कुमार रावत उर्फ बउवा है. जिसने 2 दिन पहले अपने साथी इमरान और संदीप के साथ मिलकर घटना की साजिश रची थी. यह तीनों आपस में मित्र हैं और सभी लोग रामाश्रय पुरवा गांव के ही रहने वाले हैं. दुकान पर वारदात को अंजाम देने के लिए इमरान बुर्का पहनकर अंदर पहुंचा था. इसका सीसीटीवी बगल में लगी दुकान से प्राप्त हुआ. उस आधार पर पुलिस जांच कर रही थी. जांच में घटना का खुलासा भी किया गया है. आरोपियों की गिरफ्तारी कर ली गई है, उनके पास से ज्वैलरी की दुकान से लूटा हुआ माल और घटना में इस्तेमाल की गई कार भी बरामद हुई है.
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