लखनऊ: प्रदेश की राजधानी लखनऊ और नोएडा में कमिश्नरी सिस्टम के बाद अब पीएम के संसदीय क्षेत्र वाराणसी और कानपुर में भी कमिश्नरी सिस्टम लागू कर दिया गया है. सीएम योगी आदित्यनाथ के मोहर के बाद कमिश्नरेट प्रणाली जारी हो गई. गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से यूपी कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है. जल्द ही सरकार इन दोनों शहरों में इस नई व्यवस्था के तहत पुलिस कमिश्नर समेत अन्य पदों पर अधिकारियों की तैनाती की जाएगी. इसके साथ ही 20 अन्य प्रस्तावों को भी योगी कैबिनेट की मंजूरी मिली है.
पुलिस कमिश्नर सिस्टम के तहत वाराणसी और कानपुर पुलिस की ताकत कई मायनों में बढ़ जाएगी. पुलिस विभाग के पास मजिस्ट्रियल पावर ट्रांसफर हो जाएगा, जिससे पुलिस विभाग को मजिस्ट्रेट के पास धारा 144 और लाठीचार्ज जैसे कामों के लिए अनुमति लेने नहीं जाना पड़ेगा. ये शक्तियां मिलने के साथ-साथ पुलिस विभाग की जिम्मेदारी भी बढ़ेगी. मजिस्ट्रियल सिस्टम के दौरान पुलिस को कई चुनौतियों का सामना भी करना पड़ेगा.
कमिश्नरी सिस्टम के बाद पुलिस विभाग की बढ़ जाएंगी ताकतें
- लॉ एंड ऑर्डर मैनेज करने के लिए जिला प्रशासन के SDM व ADM को दी गई एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रियल पावर पुलिस को मिल जाएगी.
- पुलिस खुद गुंडा एक्ट, गैंगस्टर एक्ट, रासुका लगाने में सक्षम होगी. इन मामलों में कार्रवाई करने के लिए पुलिस को जिलाधिकारी से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होगी.
- सीआरपीसी की धारा 107-16, धारा 144, धारा 109, धारा 110, धारा 145 के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी भी पुलिस के पास आ जाएगी.
- अभी तक होटल, बार और हथियार के लाइसेंस जिला प्रशासन की ओर से जारी किए जाते हैं, लेकिन कमिश्नरी सिस्टम लागू हो जाने के बाद इन सबके लाइसेंस पुलिस विभाग की ओर से जारी होंगे.
- जिला प्रशासन द्वारा धरना व प्रदर्शन की अनुमति दी जाती है, लेकिन अब इसकी अनुमति पुलिस विभाग की ओर से जारी की जाएगी.
- दंगों के दौरान लाठीचार्ज का निर्णय लेने का अधिकार भी पुलिस विभाग का होगा। पुलिस विभाग को लाठीचार्ज के लिए पुलिस विभाग से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होगी.
- जमीन विवाद के निपटारे के लिए भी पुलिस, लेखपाल को निर्देश दे सकेगी, जिससे जमीन संबंधित विवादों को समय से निपटाया जा सकेगा.