लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी कैबिनेट ने शुक्रवार को राज्य के तीन और बड़े शहरों में पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली (Police commissionerate system) लागू करने के फैसले पर मुहर लगा दी है. जिन तीन जिलों में पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू होने करने का फैसला किया गया है इनमें गाजियाबाद, आगरा व प्रयागराज शामिल हैं. बीती 9 नवंबर को डीजीपी ने शासन को इन शहरों में पुलिस कमिश्नरी व्यवस्था लागू किए जाने को लेकर प्रस्ताव भेजा था, जिस पर सीएम योगी की सहमति पहले ही मिल चुकी थी. लखनऊ, गौतमबुद्धनगर, कानपुर व वाराणसी में पुलिस कमिश्नर प्रणाली की सफलता को देखते हुए आज तीन और शहरों को पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली से जोड़ा गया है.
सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) की प्राथमिकता में यूपी में कानून व्यवस्था व पुलिस आधुनिकीकरण है. इसी के चलते पहले योगी सरकार में लखनऊ व गौतमबुद्धनगर और सफल परिणाम देखते हुए कानपुर व वाराणसी में भी पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था लागू की गई. बीते दिनों लखनऊ, कानपुर व वाराणसी में पुलिस कमिश्नर प्रणाली का पुनर्गठन करते हुए तीनों जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों को भी पुलिस कमिश्नरी का हिस्सा बनाए जाने का निर्णय किया था.
क्या है पुलिस कमिश्नरी सिस्टम?
आजादी से पहले भारत में अंग्रेजों ने बॉम्बे, कलकत्ता और मद्रास में पुलिस कमिश्नरी सिस्टम लागू किया हुआ था. उस वक्त सारी न्यायिक शक्तियां पुलिस कमिश्नर के पास होती थीं. पुलिस कमिश्नरी सिस्टम पुलिस प्रणाली अधिनियम, 1861 पर आधारित है. देश आजाद होने के बाद यह प्रणाली वक्त के साथ-साथ दूसरे महानगरों में भी लागू की गई. यही वजह है कि अब भारत के कई महानगरों में यह प्रणाली लागू है. इस व्यवस्था में पुलिस को डीएम के आदेश का इंतजार नहीं करना पड़ता है, क्योंकि डीएम के कई अधिकार पुलिस कमिश्नर को मिल जाते हैं. इस प्रणाली में पुलिस खुद ही किसी भी हालात में कानून व्यवस्था से जुड़े सभी फैसले ले सकती है.
यह भी पढ़ें : एकेटीयू के दीक्षांत समारोह में ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के जरिए जारी होंगी डिग्रियां