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लखनऊ: महिला ने सड़क किनारे बच्ची को दिया जन्म, पुलिस ने कराया अस्पताल में भर्ती

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पुलिस ने एक मां-बेटी को अस्पताल में भर्ती कराया है. दरअसल, मानसिक रूप से कमजोर एक महिला ने सड़क किनारे बच्ची को जन्म दिया था. गश्त के दौरान काकोरी थाना इंचार्ज को जब बच्ची के रोने की आवाज सुनाई दी तो उन्होंने दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया.

पुलिस ने कराया अस्पताल में भर्ती
पुलिस ने कराया अस्पताल में भर्ती
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Published : Sep 14, 2020, 1:45 AM IST

लखनऊ: काकोरी थाना क्षेत्र में मानसिक रूप से कमजोर युवती ने सड़क किनारे एक बच्ची को जन्म दिया. मां और बेटी दोनों सड़क किनारे रो रहे थे. तभी वहां से गुजर रहे काकोरी थाना इंचार्ज प्रमेंद्र कुमार सिंह ने रोने की आवाज सुनी. इसके बाद वे मौके पर गए, जहां उन्होंने देखा कि एक नवजात बच्ची और उस को जन्म देने वाली मां दर्द से कराह रही हैं. उनकी यह हालत देख थाना इंचार्ज ने तत्काल महिला कॉन्स्टेबल की मदद से मां-बेटी को जिला हॉस्पिटल में भर्ती कराया.

राजधानी लखनऊ के काकोरी थाना क्षेत्र में रविवार की रात को गश्त के दौरान थाना प्रभारी प्रमेंद्र सिंह को एक बच्चे की रोने की आवाज सुनाई दी. जब वह नजदीक पहुंचे तो उन्होंने एक नवजात बच्ची और उसकी मां को दर्द से कराहते हुए देखा. इसके बाद उन्होंने तत्काल महिला कॉन्स्टेबल की मदद से दोनों को जिला हॉस्पिटल में भर्ती कराया, जहां पर मां और बेटी दोनों की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है.

पुलिस के इस मानवीय कदम की डॉक्टर भी तारीफ करते नहीं थक रहे हैं. वैसे तो कोरोना काल के पहले पुलिस को सिर्फ थाने की ड्यूटी के लिए ही जाना जाता था, लेकिन कोरोना काल के दौरान पुलिस मददगार के रूप में भी सामने आई है. चाहे भूखे को खाना खिलाना हो या राशन किट वितरित करना, घायलों को हॉस्पिटल पहुंचाना और गंभीर रूप से बीमार रोगियों को उनके एक फोन कॉल पर घर तक दवाई पहुंचाना हो. कोरोना काल के बाद पुलिस के प्रति लोगों का रवैया बदलता हुआ नजर आ रहा है.

इसे भी पढ़ें- 'किसकी मां ने पिलाया है इतना दूध, जो उद्धव को अयोध्या आने से रोक सके': चंपत राय

लखनऊ: काकोरी थाना क्षेत्र में मानसिक रूप से कमजोर युवती ने सड़क किनारे एक बच्ची को जन्म दिया. मां और बेटी दोनों सड़क किनारे रो रहे थे. तभी वहां से गुजर रहे काकोरी थाना इंचार्ज प्रमेंद्र कुमार सिंह ने रोने की आवाज सुनी. इसके बाद वे मौके पर गए, जहां उन्होंने देखा कि एक नवजात बच्ची और उस को जन्म देने वाली मां दर्द से कराह रही हैं. उनकी यह हालत देख थाना इंचार्ज ने तत्काल महिला कॉन्स्टेबल की मदद से मां-बेटी को जिला हॉस्पिटल में भर्ती कराया.

राजधानी लखनऊ के काकोरी थाना क्षेत्र में रविवार की रात को गश्त के दौरान थाना प्रभारी प्रमेंद्र सिंह को एक बच्चे की रोने की आवाज सुनाई दी. जब वह नजदीक पहुंचे तो उन्होंने एक नवजात बच्ची और उसकी मां को दर्द से कराहते हुए देखा. इसके बाद उन्होंने तत्काल महिला कॉन्स्टेबल की मदद से दोनों को जिला हॉस्पिटल में भर्ती कराया, जहां पर मां और बेटी दोनों की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है.

पुलिस के इस मानवीय कदम की डॉक्टर भी तारीफ करते नहीं थक रहे हैं. वैसे तो कोरोना काल के पहले पुलिस को सिर्फ थाने की ड्यूटी के लिए ही जाना जाता था, लेकिन कोरोना काल के दौरान पुलिस मददगार के रूप में भी सामने आई है. चाहे भूखे को खाना खिलाना हो या राशन किट वितरित करना, घायलों को हॉस्पिटल पहुंचाना और गंभीर रूप से बीमार रोगियों को उनके एक फोन कॉल पर घर तक दवाई पहुंचाना हो. कोरोना काल के बाद पुलिस के प्रति लोगों का रवैया बदलता हुआ नजर आ रहा है.

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