लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कृष्ण जन्माष्टमी त्योहार को लेकर कोविड-19 के दृष्टिगत और सुरक्षा प्रबंध कड़े कर दिए गए हैं. यूपी के डीजीपी मुकुल गोयल ने जन्माष्टमी पर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर निर्देश दिए हैं कि संवेदनशील क्षेत्रों में पुलिस पिकेट की तैनाती करने के साथ-साथ प्रभावी गश्त की भी व्यवस्था की जाय. दरअसल, जन्माष्टमी में कुछ असमाजिक तत्व उत्सव में खलल डालने का पुरजोर प्रयास करते हैं. उस तरह के लोगों का मकसद ही समाजिक ताना-बाना को बिगाड़ना होता है. ऐसे में उनसे निपटने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस ने प्रदेश के सभी कमिश्नर, एसएसपी और एसपी को निर्देश दिए हैं कि, सुरक्षा व्यवस्था में कोई ढिलाई न बरती जाए.
सोमवार को कृष्ण जन्माष्टमी पर केंद्रीय गृह मंत्रालय और उत्तर प्रदेश शासन की ओर से कोविड-19 को देखते हुए जो SOP और गाइडलाइन जारी की गई है. इसमें DGP ने कहा है कि, पुलिस अफसर चौकन्ना रहें. अपने-अपने क्षेत्रों में गश्त करते रहें और बताए गए निर्देशों का पालन कराते रहें. उन्होंने पुलिस वालों को निर्देश देते हुए कहा है कि पुलिस वाहनों पर लाउडस्पीकर और माइक के माध्यम से सोशल डिस्टेंसिंग और मॉस्क पहनने के लिए लोगों को जागरूक करते रहें.
डीजीपी ने हर थाना को खुफिया इनपुट के आधार पर सांप्रदायिक और शरारती तत्वों पर नजर रखने का निर्देश दिये हैं. डीजीपी ने प्रत्येक थाने को सतर्क रहने की हिदायत दी है. उन्होंने पुलिस को निर्देश दिया है कि पुलिस छोटी से छोटी घटना को गंभीरता से लें और अफवाह फैलाने वाले और शरारती लोगों पर त्वरित कार्रवाई करें. उन्होंने संवेदनशील क्षेत्रों पर लगातार पैनी नजर रखते हुए क्विक रिस्पांस टीम (क्यूआरटी) की तैनाती करने की भी हिदायत दी है.
बता दें उन्होंने सोशल मीडिया के विभिन्न माध्यमों जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर एवं व्हाट्सएप आदि पर पुलिस को नजर रखने की बात कही गई है. साथ ही भ्रामक सूचना प्रसारित होने पर विधिक कार्रवाई करते हुए तत्काल खंडन किया जाए.
बताते चलें कि, सोमवार को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार है. इसको लेकर प्रशासन ने रात्रि कर्फ्यू में छूट दी है.