लखनऊः सोमवार को 2 करोड़ 36 लाख किसानों को चार हजार 720 करोड़ रुपये पीएम मोदी ट्रांसफर करेंगे. अगस्त, सितंबर, अक्टूबर और नवंबर महीने की धनराशि प्रति किसान को दो हजार रुपये भेजी जाएगी. केंद्र सरकार की ओर से संचालित प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में करीब 18 लाख किसानों को 32,500 करोड़ रुपये दिए गए हैं. इसमें वे किसान भी शामिल हैं. जिन्हें एक बार से लेकर आठ बार तक धनराशि दी गई है.
इसी तरह प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से दो करोड़ से अधिक किसान जुड़े हैं और इस योजना से 25 लाख 60 हजार से अधिक किसानों को 2,208 करोड़ रुपए की क्षतिपूर्ति दी गई है. सीएम योगी ने पिछली सरकारों की तुलना में कई गुना धनराशि किसानों को साढ़े चार साल में दी है. प्रदेश में पहली बार 433.86 लाख मीट्रिक टन से अधिक खाद्यान्न की सरकारी खरीद की गई और 78,23,357 किसानों को 78,000 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया गया है. किसानों को तीन लाख 92 हजार करोड़ रुपये का फसली ऋण का भुगतान किया गया है. इसके साथ ही 36 हजार करोड़ रुपए से 86 लाख किसानों का ऋण माफ किया गया है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों को आर्थिक रूप से समृद्ध और शक्तिशाली बनाने के लिए जितने प्रयास किए हैं, उतने शायद ही पहले किसी सरकार में हुए हों. सीएम योगी ने विभिन्न योजनाओं के माध्यम से किसानों को प्रदेश के सालाना बजट से ज्यादा धनराशि महज साढ़े चार साल के कार्यकाल में दी है. ये भी प्रदेश में एक इतिहास है. आजादी से लेकर 2017 से पहले तक किसी सरकार ने प्रदेश के सालाना बजट तो दूर उसकी आधी धनराशि भी किसानों को नहीं दी है. प्रदेश सरकार की ओर से विभिन्न मदों में किसानों को रिकार्ड छह लाख 80 हजार 708 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है. किसानों के हित में सरकार की ओर से उठाए गए कदमों और अन्य मदों में दी गई धनराशि को जोड़ लिया जाए, तो ये राशि 10 लाख करोड़ तक पहुंच सकती है.
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सीएम योगी ने कोरोना महामारी में भी किसानों की सुविधाओं का पूरा ख्याल रखा. इस दौरान प्रदेश में चीनी मिलें चलती रहीं और खेती किसानी से जुड़ी हर गतिविधियों को अनुमति दी गई. ताकि किसानों को किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े. पिछली सरकारों में चीनी मिलें बंद हो रहीं थी और गन्ना किसानों का बकाया साल दर साल बढ़ रहा था, लेकिन सीएम योगी ने रमाला, पिपराइच, मुण्डेरवा चीनी मिलों सहित 20 चीनी मिलों का आधुनिकीकरण और विस्तार कराया. इसके साथ ही प्रदेश के इतिहास में पहली बार 45 लाख गन्ना किसानों को एक लाख 40 हजार करोड़ से अधिक गन्ना मूल्य का भुगतान किया है.