लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 29 फरवरी को बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास करेंगे. उनके साथ इस अवसर पर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत अन्य मंत्री और महत्वपूर्ण अधिकारी मौजूद रहेंगे. बुंदेलखंड क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के निर्माण का निर्णय लिया गया है. एक्सप्रेस-वे प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र को देश की राजधानी दिल्ली से आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे और यमुना एक्सप्रेस-वे के माध्यम से जोड़ेगा.
सरकार के प्रवक्ता से मिली जानकारी के मुताबिक पूरी परियोजना की कुल स्वीकृत लागत 14894.09 करोड़ रुपये है. सिविल निर्माण की कुल स्वीकृत लागत 8869.52 करोड़ रुपये है.
झांसी-प्रयागराज राष्ट्रीय मार्ग संख्या-35 जिला चित्रकूट में भरत कूप के निकट इस एक्सप्रेस-वे का शुभारंभ होगा. वहीं आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर इटावा में ग्राम कुदरेल के पास परियोजना का समापन होगा. परियोजना की लंबाई 296.070 किमी है.
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इस एक्सप्रेस-वे से सात जिलों को होगा लाभ
चित्रकूट, बांदा, हमीरपुर, महोबा, जालौन, औरैया एवं इटावा जिले को इससे लाभ होगा. बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे चार लेन चौड़ा (छह लेन विस्तारणीय) होगा. इसकी संरचनाएं छह लेन चौड़ाई की बनाई जाएंगी.
एक्सप्रेस-वे की right-of-way (आर ओ डब्ल्यू) की चौड़ाई 100 मीटर है. एक्सप्रेस-वे के एक ओर 3.75 मीटर चौड़ाई की सर्विस रोड स्टैगर्ड रूप में बनाई जाएगी. परियोजना में आवश्यकता अनुसार अंडरपास की व्यवस्था की गई है ताकि आसपास के ग्रामवासियों को सुगम आवागमन की सुविधा उपलब्ध हो सके.
एक्सप्रेस-वे पर प्रस्तावित स्ट्रक्चर्स
इसके अंतर्गत चार रेलवे ओवरब्रिज, 14 दीर्घ सेतु, छह टोल प्लाजा, सात रैम्प प्लाजा, 268 लघु सेतु, 18 फ्लाईओवर और 214 अंडरपास का निर्माण किया जाएगा.