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IMA POP: सेना को मिले 319 जांबाज, राष्ट्रपति ने CDS बिपिन रावत को याद कर कहा- हमेशा ऊंचा रहेगा तिरंगा - जम्मू कश्मीर राष्ट्रीय राइफल

आईएमए देहरादून में पासिंग आउट परेड होने के साथ ही देश को 319 सैन्य अधिकारी मिले. इन सैन्य अधिकारियों में पीयूष शर्मा का भी नाम शामिल है. उनकी इस सफलता पर पूरा परिवार गौरवान्वित है. बता दें कि पीयूष उत्तर प्रदेश के नोएडा के रहने वाले हैं.

सेना को मिले 319 जांबाज
सेना को मिले 319 जांबाज
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Published : Dec 11, 2021, 10:12 PM IST

देहरादून: भारतीय सैन्य अकादमी (Indian Military Academy) से पास आउट होने वाले 319 भारतीय युवा सैन्य अधिकारियों में उत्तर प्रदेश नोएडा के रहने वाले पीयूष शर्मा का नाम भी शामिल हैं. पीयूष इससे पहले सिकंदराबाद एयर फोर्स एकेडमी (Secunderabad Air Force Academy) में ट्रेनिंग कर रहे थे. ट्रेनिंग बीच में छोड़ उन्होंने अपनी इच्छा से भारतीय थल सेना (Indian army) ज्वॉइन की. आईएमए में 18 महीने की कड़ी ट्रेनिंग को सफलतापूर्वक पार कर आज पीयूष शर्मा सेना में लेफ्टिनेंट (Piyush Sharma became lieutenant in army) बन गए.

बेटे की कामयाबी पर परिवार खुश: भारतीय थल सेना में बतौर अधिकारी शामिल होने वाले पीयूष का पूरा परिवार आज खुशी से फूले नहीं समा रहा है. पीयूष का पूरा परिवार आईएमए पासिंग आउट परेड (IMA Passing Out Parade) देखकर बेहद गौरवान्वित हैं. पीयूष की मां इंदर शर्मा कहती हैं कि आज बेटे के ऑफिसर बनने से पूरे खानदान में गर्व और खुशी का माहौल है.

सेना को मिले 319 जांबाज

18 महीने परिवार से दूर रहे पीयूष: 2020 सितंबर में पीयूष ने आईएमए ज्वाइन की थी. 18 महीनों से वह परिवार से दूर रहे. इस दौरान उनके दादाजी की मौत कोरोना से हो गई और वह ट्रेनिंग के चलते घर नहीं आ सके. घर में अभी दादी भी बीमार हैं. वह खुद अपने पोते की खुशी को आंखों से देखने के लिए आना चाहती थीं, लेकिन स्वास्थ्य कारणों से नहीं आ सकीं. पोते के ऑफिसर बनने पर बीमार होने के बावजूद दादी बेहद खुश हैं.

ये भी पढ़ें : गन्ना किसानों ने राकेश टिकैत के सुझाव को ठुकराया, ये है पूरा मामला

लेफ्टिनेंट पीयूष की पहली पोस्टिंग: उत्तर प्रदेश नोएडा के रहने वाले पीयूष के पिता परिवार में पहले पीढ़ी के सैन्य अधिकारी हैं और अब दूसरी पीढ़ी को जब पीयूष ने आगे बढ़ाने का फैसला किया तो पूरे परिवार ने उनके निर्णय का स्वागत किया. पीयूष के पिता का कहना है कि बेटा थल सेना इन्फेंट्री को ही ज्वाइन करना चाहता था और ऐसा ही हुआ. वह आईएमए से पास आउट होकर अब अपनी यूनिट कश्मीर वैली में जा रहा है, उसकी पहली पोस्टिंग जम्मू कश्मीर राष्ट्रीय राइफल (Jammu and Kashmir Rashtriya Rifle) में हुई है.

पीयूष का सपना सच हुआ: पीयूष की बहन अपने भाई को ऑफिसर बनता देख बेहद खुश नजर आयीं. उन्होंने कहा भाई का सपना हमेशा से ही सेना में अफसर बनने का था. आखिरकार वो मुकाम आ ही गया. पीयूष की कड़ी मेहनत और इंडियन मिलिट्री एकेडमी की बेहतरीन ट्रेनिंग के बाद आर्मी में अफसर बनने का गौरवान्वित पल शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है. ये हमारे लिए इतनी बड़ी खुशी है, जो आसानी से बताई नहीं जा सकती.

देहरादून: भारतीय सैन्य अकादमी (Indian Military Academy) से पास आउट होने वाले 319 भारतीय युवा सैन्य अधिकारियों में उत्तर प्रदेश नोएडा के रहने वाले पीयूष शर्मा का नाम भी शामिल हैं. पीयूष इससे पहले सिकंदराबाद एयर फोर्स एकेडमी (Secunderabad Air Force Academy) में ट्रेनिंग कर रहे थे. ट्रेनिंग बीच में छोड़ उन्होंने अपनी इच्छा से भारतीय थल सेना (Indian army) ज्वॉइन की. आईएमए में 18 महीने की कड़ी ट्रेनिंग को सफलतापूर्वक पार कर आज पीयूष शर्मा सेना में लेफ्टिनेंट (Piyush Sharma became lieutenant in army) बन गए.

बेटे की कामयाबी पर परिवार खुश: भारतीय थल सेना में बतौर अधिकारी शामिल होने वाले पीयूष का पूरा परिवार आज खुशी से फूले नहीं समा रहा है. पीयूष का पूरा परिवार आईएमए पासिंग आउट परेड (IMA Passing Out Parade) देखकर बेहद गौरवान्वित हैं. पीयूष की मां इंदर शर्मा कहती हैं कि आज बेटे के ऑफिसर बनने से पूरे खानदान में गर्व और खुशी का माहौल है.

सेना को मिले 319 जांबाज

18 महीने परिवार से दूर रहे पीयूष: 2020 सितंबर में पीयूष ने आईएमए ज्वाइन की थी. 18 महीनों से वह परिवार से दूर रहे. इस दौरान उनके दादाजी की मौत कोरोना से हो गई और वह ट्रेनिंग के चलते घर नहीं आ सके. घर में अभी दादी भी बीमार हैं. वह खुद अपने पोते की खुशी को आंखों से देखने के लिए आना चाहती थीं, लेकिन स्वास्थ्य कारणों से नहीं आ सकीं. पोते के ऑफिसर बनने पर बीमार होने के बावजूद दादी बेहद खुश हैं.

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लेफ्टिनेंट पीयूष की पहली पोस्टिंग: उत्तर प्रदेश नोएडा के रहने वाले पीयूष के पिता परिवार में पहले पीढ़ी के सैन्य अधिकारी हैं और अब दूसरी पीढ़ी को जब पीयूष ने आगे बढ़ाने का फैसला किया तो पूरे परिवार ने उनके निर्णय का स्वागत किया. पीयूष के पिता का कहना है कि बेटा थल सेना इन्फेंट्री को ही ज्वाइन करना चाहता था और ऐसा ही हुआ. वह आईएमए से पास आउट होकर अब अपनी यूनिट कश्मीर वैली में जा रहा है, उसकी पहली पोस्टिंग जम्मू कश्मीर राष्ट्रीय राइफल (Jammu and Kashmir Rashtriya Rifle) में हुई है.

पीयूष का सपना सच हुआ: पीयूष की बहन अपने भाई को ऑफिसर बनता देख बेहद खुश नजर आयीं. उन्होंने कहा भाई का सपना हमेशा से ही सेना में अफसर बनने का था. आखिरकार वो मुकाम आ ही गया. पीयूष की कड़ी मेहनत और इंडियन मिलिट्री एकेडमी की बेहतरीन ट्रेनिंग के बाद आर्मी में अफसर बनने का गौरवान्वित पल शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है. ये हमारे लिए इतनी बड़ी खुशी है, जो आसानी से बताई नहीं जा सकती.

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