लखनऊ: यूपी में तीसरी लहर का खतरा मंडरा रहा है. वहीं, स्वास्थ्यकर्मियों ने मांगों को लेकर आंदोलन का बिगुल बजा दिया है. पीजीआई में नर्स शुक्रवार से कार्य बहिष्कार करेंगी. वहीं, ट्रांसफर नीति को लेकर अन्य कर्मी भी भड़क गए हैं. पीजीआई नर्सेज संघ की अध्यक्ष सीमा शुक्ला ने संस्थान प्रशासन के प्रति आक्रोश जताया. उन्होंने कहा कि नर्सिंग पुनर्गठन और पदोन्नत के मामले वर्षों से अटके हैं. कई बार निदेशक व शासन के अधिकारियों को पत्र लिखा गया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. ऐसे में शुक्रवार से 10 से 12 बजे तक कार्य का बहिष्कार होगा. इसके अलावा मांगों का निस्तारण न होने पर पूर्ण कार्य बहिष्कार का एलान किया जाएगा.
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स्वास्थ्य भवन का करेंगे घेराव
संस्थान प्रशासन ने एस्मा लागू होने की बात कही है, जिससे कि धरना प्रदर्शन पर पाबंद लगा हुआ है. पदाधिकारियों ने संस्थान प्रशासन, एचओडी पर दबाव बनाने का भी आरोप लगाया है. वहीं, चिकित्सा स्वास्थ्य महासंघ के अध्यक्ष डॉ. अमित सिंह, महामंत्री अशोक कुमार ने महानगर कार्यालय में बैठक की. इस दौरान उन्होंने राज्य सरकार की स्थानांतरण नीति पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि करोना की तीसरी लहर आने वाली है. ऐसे में बेवजह कर्मचारियों का स्थानांतरण न किया जाए. इसकी स्पष्ट नीति बनाई जाए. साथ ही आवश्यकता पड़ने पर कर्मचारियों की पदोन्नति, समायोजन व स्थानांतरण जिला मंडल स्तर पर उपलब्ध रिक्त पद के आधार पर किया जाए. मांगों का निस्तारण न होने पर दो जुलाई को स्वास्थ्य भवन का घेराव करने की बात कही गई है.
भर्ती के लिए हो रही वसूली
एम्बुलेंस कर्मचारियों के संघ जीवनदायिनी के अध्यक्ष हनुमान प्रसाद ने नई कंपनी जिगित्सा पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश में एएलएस एम्बुलेंस में संचालन का ठेका जिगित्सा कंपनी को मिला है. इसमें चालक, टेक्नीशियन आदि पदों पर भर्ती चल रही है. इसके लिए 20-20 हजार की वसूली हो रही है. वहीं, कंपनी के यूपी प्रमुख चंदन दत्ता ने आरोपों को बेबुनियाद बताया. उन्होंने कहा कि टेंडर प्रक्रिया के जरिए एम्बुलेंस का काम मिला है. कुल 250 एएलएस एम्बुलेंस का कंपनी संचालन करेगी.