लखनऊ : इंटरनेशनल ब्रेस्ट री-कंस्ट्रक्शन एंड एस्थेटिक सर्जरी (ब्रास काॅन 2023) के तीन दिवसीय आयोजन की शुरुआत शुक्रवार को हुई. आयोजन में बड़ी संख्या में देश विदेश में जाने माने चिकित्सकों ने हिस्सा लिया. इस दौरान विशेषज्ञों ने ब्रेस्ट कैंसर के इलाज में शोध के आंकड़े पेश किए. साथ कैंसर के प्रति जागरूकता और उपचार की संभावनाओं पर चर्चा की. आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश में 15.12 फीसदी महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर से ग्रस्त हैं. विकसित देशों में 50-60 वर्ष की औसत उम्र में ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा होता है. भारत में अब 30 से 50 वर्ष की औसत उम्र में महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित हो रही हैं.
स्तन न होने पर महिलाएं को होती है मानसिक परेशानी : संजय गांधी पीजीआई में आयोजित इंटरनेशनल ब्रेस्ट री-कंस्ट्रक्शन एंड एस्थेटिक सर्जरी (ब्रास काॅन 2023) में प्लास्टिक सर्जरी विभाग के प्रोफेसर अंकुर भटनागर ने बताया कि ब्रेस्ट कैंसर के मामले में स्तन की सर्जरी होती है. 50 से 60 फीसदी मामलों में पूरे स्तन को निकालना पड़ता है. कैंसर ठीक होने के बाद स्तन न होने पर महिलाएं मानसिक परेशानी की शिकार होती हैं. स्तन पुनर्निर्माण किया जा सकता है. इसे डाक्टरी भाषा में मास्टेक्टॉमी या लुम्पेक्टोमी कहते हैं. स्तन पुनर्निर्माण की कई तकनीकें हैं. इसे सिलिकॉन या सलाइन स्तन को दोबारा बनाने में करते हैं. शरीर के निचले हिस्से के पेट के ऊतक के एक फ्लैप का उपयोग करती हैं. इसके जरिए भी दोबारा स्तन का निर्माण किया जाता है.
केजीएमयू के डॉ. वेद प्रकाश ने की अंगदान की घोषणा
किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) का पल्मोनरी एवं क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग क्रोनिक आब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) के खिलाफ लड़ाई में फेफड़े के प्रत्यारोपण अभियान का नेतृत्व करेगा. साथ ही मैं जरूरतमंदों को जीवन का उपहार देते हुए ब्रेन डेड होने की स्थिति में अपने अंगदान करने की प्रतिज्ञा करता हूं. यह घोषणा शुक्रवार को विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. वेद प्रकाश ने की. वह सीओपीडी दिवस के अवसर पर शुक्रवार को विभाग में आयोजित हुए जागरूकता कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.
सीपीओडी जागरूकता कार्यक्रम में ली शपथ
डॉ. वेद प्रकाश ने कहा सीओपीडी सिर्फ फेफडे़ की ही बीमारी नहीं है, बल्कि इस बीमारी की तीव्रता बढ़ने पर हृदय, गुर्दा व अन्य अंग भी प्रभावित हो जाते हैं. लिहाजा लोगों को इसके प्रति जागरूक होने के साथ ही अंगदान के लिए भी आगे आना होगा. कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि मौजूद केजीएमयू की कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद ने सीओपीडी के प्रति जागरूकता बढ़ाने व अधिक से अधिक अंगदान कराने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि धूम्रपान व प्रदूषण सीपीओडी का प्रमुख कारण है. आज पूरा विश्व प्रदूषण की मार झेल रहा है. बढ़ते हुए वायु प्रदूषण के साथ-साथ सांस से संबन्धित बीमारियों के मरीजों की सख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है. लिहाजा जागरूकता से इस पर काबू पाया जा सकेगा.
लखनऊ के ब्लड बैंकों को किया जाएगा अपग्रेड : डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा हैं कि सरकार प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को उच्चतम स्तर तक पहुंचाने के लिए दृढ संकल्प है. इस दिशा में लगातार प्रयासरत है. इस कड़ी में हजरतगंज स्थित डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी अस्पताल (CIVIL Hospital) के ब्लड बैंक को अपग्रेड किया जाएगा. ब्लड कम्पोनेंट को अलग करने के लिए एफरेसिस मशीन स्थापित की जाएगी. इसके लिए 62 लखा 86 हजार 224 रुपये स्वीकृत किए हैं.
इसके अलावा आशियाना स्थित लोकबंधु राजनारायण अस्पताल के ब्लड बैंक के लिए जरूरी उपकरण खरीदे जाएंगे. इसके लिए 85 लाख 56 हजार 224 रुपये को मंजूरी दी गई है. पैथोलॉजी विभाग के उपकरणों के लिए 16 लाख आठ हजार 812 रुपये स्वीकृत किए गए हैं. हजरतगंज स्थित वीरांगना झलकारीबाई महिला चिकित्सालय के लिए जरूरी उपकरणों के लिए 16 लाख आठ 812 रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है. मिर्जापुर के अहरौरा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में रोगियों के एक्सरे जांच की सुविधा बढ़ाई जा रही है. बेड पर रोगियों का एक्सरे हो सके. इसके लिए एक पोर्टेबल डिजिटल एक्सरे मशीन स्थापित की जाएगी. इसके लिए 19 लाख 80 हजार 255 रुपये की वित्तीय स्वीकृति दी गई है.
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