लखनऊ : दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल लोगों को संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) के अपेक्स ट्रॉमा सेंटर में लाया जाता है. अपेक्स ट्रामा सेंटर के चिकित्सकों ने हाल ही में चार मरीजों की जान बचाने में सफलता हासिल की है. यहां मरीज का पूरा इलाज फ्री किया जाता है. इस दौरान मरीज का ऑपरेशन, उसकी दवाई, उसके बेड का शुल्क और अन्य सुविधाएं पूरी तरह से मुफ्त होती हैं. फिलहाल ट्रामा सेंटर में अभी 74 बेड हैं. ट्रामा सेंटर में 120 बेड बढ़ाने की प्रक्रिया चल रही है.
एसजीपीजीआई के ट्रामा सर्जरी के विशेषज्ञ डॉ. अमित ने बताया कि अपेक्स ट्रामा सेंटर के चिकित्सकों ने एक्सीडेंट में घायल गंभीर रूप से चार नए मरीजों को जीवनदान दिया है. ट्रामा सेंटर के चिकित्सकों ने 24 घंटे में मरीजों की रिकवरी कर लिवर और गुर्दा ख़राब हो चुके मरीजों का इलाज किया और अब वह पुरी तरह स्वस्थ हैं. इसके अलावा बांदा जिले में सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल 27 साल के व्यक्ति के गुर्दे में गंभीर चोट आई थी. जिससे उसकी यूरिन करने की क्षमता ख़त्म हो गई थी. बांदा जिला अस्पताल में लाभ न मिलने पर उसे यहां रेफर किया गया था. सर्जरी और 13 चक्र की डायलिसिस के बाद मरीज अब पूरी तरह स्वस्थ है. वहीं 30 साल के एक व्यक्ति का प्रयागराज में एक्सीडेंट हुआ था. उसे अपेक्स ट्रामा भेजा गया था. उसको पीलिया भी था जिसका समय रहते सर्जरी की गई और वह अब स्वस्थ है.
इसके अलावा गोरखपुर के रहने वाला पांच साल का बच्चा दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गया था. उसकी आंत में चोट के साथ संक्रमण भी हो गया था. 10 अप्रैल को उसे अपेक्स ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया. बच्चा क्रिटिकल स्थिति में था. डॉक्टरों की टीम ने उसका इलाज किया और 16 दिन बाद वह स्वस्थ हो गया है और उसे छुट्टी दे दी गई है. रायबरेली जिले की रहने वाली एक मरीज रोड एक्सीडेंट में गंभीर रूप से घायल हो गई थी. रायबरेली के जिला अस्पताल से उसे 18 अप्रैल को एपेक्स ट्रामा सेंटर रिफर किया गया. डॉक्टरों की टीम ने आठ दिनों के अंदर उसे स्वस्थ कर दिया. एसजीपीजीआई के निदेशक प्रोफेसर आरके धीमान ने चिकित्सकों की टीम को बधाई दी है और ट्रॉमा के मामलों में इलाज के बाद 24 घंटे की सुविधा के लिए उत्तर प्रदेश सरकार का आभार व्यक्त किया है.
वाराणसी के राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय की प्रिंसिपल बर्खास्त
भ्रष्टाचार के मामले में बुधवार को वाराणसी के राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय में बड़ी कार्रवाई हुई है. यूपी सरकार के आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्र दयालु ने वाराणसी के राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय की प्रो. नीलम गुप्ता कार्यवाहक प्रधानाचार्य को बर्खास्त कर दिया है. प्रो. नीलम को छात्रवृत्ति देने में गड़बड़ी करने के आरोप में निलंबित किया गया है. उन पर गलत प्रमाणपत्रों के आधार पर नियुक्ति देने का आरोप लगा है. चिकित्सा शिक्षा एवं निरीक्षण महानिदेशालय से मिली जानकारी के मुताबिक प्रो नीलम पर आरोप हैं कि उन्होंने भ्रामक और अमान्य अनुभव प्रमाण पत्रों के आधार पर लोक सेवा आयोग को अंधेरे में रखा. साथ ही कॉलेज के विद्यार्थियों के स्टाइपेंड की रकम का भुगतान नहीं किया. इन सभी शिकायतों की जांच बीते कुछ समय से चल रही थी.
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