लखनऊ: PFI के सदस्य और ऑल इंडिया उलमा काउंसिल (All India Ulama Council) के अध्यक्ष मोहम्मद अहमद बेग को 5 दिन के लिए पुलिस रिमांड पर भेजा गया है. अहमद बेग पर भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने के लिए सदस्यों की भर्ती करने और आतंकी घटनाओं को अंजाम देकर भय पैदा करने का आरोप है. अहमद पर देश-प्रदेश की सरकार के खिलाफ साजिश रचने के आरोप में लखनऊ से गिरफ्तार किया गया था. यह आदेश विशेष न्यायाधीश अनुरोध मिश्रा ने दिया है. बता दें कि पुलिस 1 अक्टूबर की सुबह 11 बजे से 5 अक्टूबर की शाम 5 बजे तक मोहम्मद अहमद बेग को हिरासत में लेकर पूछताछ कर सकेगी.
इसके पहले मामले के विवेचक और सीओ चौक की ओर से सरकारी वकील एमके सिंह ने आरोपी मोहम्मद अहमद बेग को सात दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड पर दिए जाने की मांग वाली अर्जी दी. कहा गया कि एसटीएफ को काफी समय से सूचना मिल रही थी कि पीएफआई और कुछ अन्य मुस्लिम संगठनो द्वारा देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त होकर भारत वर्ष को खंडित कर 2047 तक इस्लामिक राष्ट्र बनाने की साजिश कर रहे हैं, कहा गया कि काफिर बताकर हिंदुओं की हत्या करने और राज्य में जगह-जगह विध्वंसक कार्यवाही की योजना के तहत मुस्लिमों के बीच साहित्य बांटा जा रहा है. आगे जानकारी मिली की मदेयगंज क्षेत्र में रहने वाला मोहम्मद अहमद बेग इस षड्यंत्र में शामिल है, जिस पर आरोपी को गिरफ्तार किया गया.
एसटीफ ने मोहम्मद अहमद को गिरफ्तार करके उसके पास से मोबाइल, लैप्टॉप, 22 किताबें , 5640 रु बरामद किए थे. आरोपी को रिमांड पर देने की मांग करते हुए कहा गया कि आरोपी ने पूछताछ में खुद को पीएफआई का सदस्य होना स्वीकार किया है, उसने बताया कि उसने 2012 और 2019 में ओमान की यात्रा की थी जहा वह धार्मिक जलसे में शामिल हुआ और 2017 में पूर्णिया के पीएफआई के सदस्य खुर्शीद के साथ कौमी एकता कार्यक्रम में शामिल हुआ, आरोपी ने कोलकाता निवासी सोशल डेमोक्रेटिव पार्टी के अध्यक्ष एके फैजी को पकड़वाने के साथ बहराइच में पीएफआई के कार्यालय का पता बताने और दस्तावेज बरामद करने का बयान दिया है.
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