ETV Bharat / state

पीएफ घोटाला: सीबीआई ने 3 आईएएस अधिकारियों के खिलाफ मांगी अभियोजन की स्वीकृति

उत्तर प्रदेश पॉवर कारपोरेशन (यूपीपीसीएल) के पीएफ घोटाले की जांच कर रही सीबीआई ने प्रदेश सरकार से तीन तत्कालीन अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति मांगी है. इन अधिकारियों में उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड के दो पूर्व चेयरमैन संजय अग्रवाल और आलोक कुमार के अलावा एमडी अपर्णा यूके खिलाफ मामला चलाए जाने की अनुमति मांगी है.

Cbi, uppcl, pf scam  lucknow latest news  etv bharat up news  PF scam case  पीएफ घोटाला मामला  मांगी अभियोजन की स्वीकृति  सीबीआई ने 3 आईएएस अधिकारियों  CBI seeks sanction for prosecution  against 3 IAS officers  उत्तर प्रदेश पॉवर कारपोरेशन  पीएफ घोटाले की जांच  अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति  पूर्व चेयरमैन संजय अग्रवाल  एमडी अपर्णा यूके  गृह विभाग को पत्र लिखा  दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड  कर्मचारियों की सामान्य भविष्य निधि  यूपीपीसीएल की प्रबंध निदेशक  हजरतगंज पुलिस स्टेशन
Cbi, uppcl, pf scam lucknow latest news etv bharat up news PF scam case पीएफ घोटाला मामला मांगी अभियोजन की स्वीकृति सीबीआई ने 3 आईएएस अधिकारियों CBI seeks sanction for prosecution against 3 IAS officers उत्तर प्रदेश पॉवर कारपोरेशन पीएफ घोटाले की जांच अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति पूर्व चेयरमैन संजय अग्रवाल एमडी अपर्णा यूके गृह विभाग को पत्र लिखा दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड कर्मचारियों की सामान्य भविष्य निधि यूपीपीसीएल की प्रबंध निदेशक हजरतगंज पुलिस स्टेशन
author img

By

Published : Jan 30, 2022, 12:31 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश पॉवर कारपोरेशन (यूपीपीसीएल) के पीएफ घोटाले की जांच कर रही सीबीआई ने प्रदेश सरकार से तीन तत्कालीन अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति मांगी है. इन अधिकारियों में उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड के दो पूर्व चेयरमैन संजय अग्रवाल और आलोक कुमार के अलावा एमडी अपर्णा यूके खिलाफ मामला चलाए जाने की अनुमति मांगी है. सीबीआई ने गृह विभाग को पत्र लिखा है.

दरअसल, साल 2017 से 2019 तक यूपीपीसीएल ने 4,100 करोड़ रुपये से ज्यादा का रिटायरमेंट फंड हाउसिंग फाइनेंस कंपनी दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड में निवेश किया. इसमें से यूपीपीसीएल को केवल 1,855 करोड़ रुपये ही मिले थे. सामने आया था कि एक लाख से अधिक कर्मचारियों की सामान्य भविष्य निधि (जीपीएफ)और अंशदायी भविष्य निधि (सीपीएफ) के 2267.90 करोड़ रुपये दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) में फंस गए हैं. जिसके बाद राज्य सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी.

इसे भी पढ़ें - इन सीटों पर फाइट हुई टाइट, सपा के बागियों को अब बसपा का सहारा

सीबीआई ने इस मामलें में संजय अग्रवाल, आलोक कुमार व अपर्णा यू से पूछताछ की थी. सीबीआई को पता चला था कि यूपीपीसीएल ने आलोक कुमार व अपर्णा यू की मंजूरी के बाद 4100 करोड़ स अधिक की राशि घोटालाग्रस्त डीएचएफएल और अन्य गैर-बैंकिंग कंपनियों में निवेश किया था. आलोक 2017 से 2019 के बीच यूपीपीसीएल के अध्यक्ष व अपर्णा 2017 से 2019 के बीच यूपीपीसीएल की प्रबंध निदेशक थीं.

इस मामले में यूपीपीसीएल के एमडी रहे एपी मिश्रा समेत आधा दर्जन से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया था. पहले इस मामले की जांच ईओडब्ल्यू को सौंपी गई और बाद में इसे सीबीआई को दे दिया गया. सीबीआई ने लखनऊ के हजरतगंज पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर के आधार पर साल 5 मार्च, 2020 को घोटाले की जांच शुरू की थी.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

लखनऊ: उत्तर प्रदेश पॉवर कारपोरेशन (यूपीपीसीएल) के पीएफ घोटाले की जांच कर रही सीबीआई ने प्रदेश सरकार से तीन तत्कालीन अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति मांगी है. इन अधिकारियों में उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड के दो पूर्व चेयरमैन संजय अग्रवाल और आलोक कुमार के अलावा एमडी अपर्णा यूके खिलाफ मामला चलाए जाने की अनुमति मांगी है. सीबीआई ने गृह विभाग को पत्र लिखा है.

दरअसल, साल 2017 से 2019 तक यूपीपीसीएल ने 4,100 करोड़ रुपये से ज्यादा का रिटायरमेंट फंड हाउसिंग फाइनेंस कंपनी दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड में निवेश किया. इसमें से यूपीपीसीएल को केवल 1,855 करोड़ रुपये ही मिले थे. सामने आया था कि एक लाख से अधिक कर्मचारियों की सामान्य भविष्य निधि (जीपीएफ)और अंशदायी भविष्य निधि (सीपीएफ) के 2267.90 करोड़ रुपये दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) में फंस गए हैं. जिसके बाद राज्य सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी.

इसे भी पढ़ें - इन सीटों पर फाइट हुई टाइट, सपा के बागियों को अब बसपा का सहारा

सीबीआई ने इस मामलें में संजय अग्रवाल, आलोक कुमार व अपर्णा यू से पूछताछ की थी. सीबीआई को पता चला था कि यूपीपीसीएल ने आलोक कुमार व अपर्णा यू की मंजूरी के बाद 4100 करोड़ स अधिक की राशि घोटालाग्रस्त डीएचएफएल और अन्य गैर-बैंकिंग कंपनियों में निवेश किया था. आलोक 2017 से 2019 के बीच यूपीपीसीएल के अध्यक्ष व अपर्णा 2017 से 2019 के बीच यूपीपीसीएल की प्रबंध निदेशक थीं.

इस मामले में यूपीपीसीएल के एमडी रहे एपी मिश्रा समेत आधा दर्जन से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया था. पहले इस मामले की जांच ईओडब्ल्यू को सौंपी गई और बाद में इसे सीबीआई को दे दिया गया. सीबीआई ने लखनऊ के हजरतगंज पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर के आधार पर साल 5 मार्च, 2020 को घोटाले की जांच शुरू की थी.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.