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मुख्तार अंसारी से वसूली की मांग को लेकर याचिका, विधायक पद का दायित्व न निभाने के आधार पर की गई मांग

हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में एक याचिका दाखिल कर मऊ से विधायक मुख्तार अंसारी को विधायक के रूप में किये गये सभी भुगतान के वसूली की मांग की गई है. याचिका पर अगली सुनवाई के लिए न्यायालय ने 9 मार्च को मामले को सूचीबद्ध करने का आदेश दिया है.

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हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच
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Published : Mar 4, 2022, 10:22 PM IST

लखनऊः हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में एक याचिका दाखिल की गई. जिसमें मऊ से विधायक मुख्तार अंसारी को विधायक के रूप में किये गये सभी भुगतान के वसूली की मांग की गई. कोर्ट में याचिका पर अगली सुनवाई 9 मार्च को होगी. ये आदेश न्यायमूर्ति एआर मसूदी और न्यायमूर्ति एनके जौहरी की खंडपीठ ने सुधीर कुमार सिंह की याचिका पर दिया है.

याची की ओर से अधिवक्ता अशोक पांडेय का कहना है कि संविधान के अनुच्छेद 190(4) के तहत कोई भी विधायक अगर बिना अनुमति 60 या अधिक दिनों तक सदन की कार्रवाई में शामिल नहीं होता, तो उसकी सीट को रिक्त घोषित कर दिया जाता है. कहा गया है कि मऊ से विधायक मुख्तार अंसारी लम्बे समय से जेल में हैं. वो न तो विधान सभा की कार्रवाई में एक लम्बे समय से सम्मिलित हो रहे हैं और न ही विधायक पद के अपने दायित्वों का ही निर्वहन कर रहे हैं. कहा गया कि इस दौरान वो छह करोड़ 35 लाख रुपये वेतन और भत्तों के रूप में प्राप्त कर चुके हैं.

इसे भी पढ़ें- माफिया मुख्तार के बेटे अब्बास अंसारी पर इलेक्शन कमीशन ने लगाया 24 घंटे का प्रतिबंध

मांग की गई है कि उनके निष्क्रिय रहने के कारण उनसे उक्त रकम की वसूली की जाए. याचिका में यह भी कहा गया है कि इस आशय की एक याचिका स्पीकर, विधान सभा के समक्ष भी दे दिए गये हैं. लेकिन अब तक उस पर कोई निर्णय नहीं हो सका. इसके साथ ही मुख्यमंत्री को भी पत्र भेजकर, इससे अवगत कराया जा चुका है. शुक्रवार को मामला सुनवाई के लिए न्यायालय के समक्ष पेश हुआ. लेकिन विधान सभा के अधिवक्ता के स्वीकृत अवकाश पर होने के कारण न्यायालय ने मामले की सुनवाई के लिए 9 मार्च की तिथि तय की है.

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लखनऊः हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में एक याचिका दाखिल की गई. जिसमें मऊ से विधायक मुख्तार अंसारी को विधायक के रूप में किये गये सभी भुगतान के वसूली की मांग की गई. कोर्ट में याचिका पर अगली सुनवाई 9 मार्च को होगी. ये आदेश न्यायमूर्ति एआर मसूदी और न्यायमूर्ति एनके जौहरी की खंडपीठ ने सुधीर कुमार सिंह की याचिका पर दिया है.

याची की ओर से अधिवक्ता अशोक पांडेय का कहना है कि संविधान के अनुच्छेद 190(4) के तहत कोई भी विधायक अगर बिना अनुमति 60 या अधिक दिनों तक सदन की कार्रवाई में शामिल नहीं होता, तो उसकी सीट को रिक्त घोषित कर दिया जाता है. कहा गया है कि मऊ से विधायक मुख्तार अंसारी लम्बे समय से जेल में हैं. वो न तो विधान सभा की कार्रवाई में एक लम्बे समय से सम्मिलित हो रहे हैं और न ही विधायक पद के अपने दायित्वों का ही निर्वहन कर रहे हैं. कहा गया कि इस दौरान वो छह करोड़ 35 लाख रुपये वेतन और भत्तों के रूप में प्राप्त कर चुके हैं.

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मांग की गई है कि उनके निष्क्रिय रहने के कारण उनसे उक्त रकम की वसूली की जाए. याचिका में यह भी कहा गया है कि इस आशय की एक याचिका स्पीकर, विधान सभा के समक्ष भी दे दिए गये हैं. लेकिन अब तक उस पर कोई निर्णय नहीं हो सका. इसके साथ ही मुख्यमंत्री को भी पत्र भेजकर, इससे अवगत कराया जा चुका है. शुक्रवार को मामला सुनवाई के लिए न्यायालय के समक्ष पेश हुआ. लेकिन विधान सभा के अधिवक्ता के स्वीकृत अवकाश पर होने के कारण न्यायालय ने मामले की सुनवाई के लिए 9 मार्च की तिथि तय की है.

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