ETV Bharat / state

अमिताभ ठाकुर के 'जबरिया रिटायर्ड' का मामला पहुंचा हाईकोर्ट, दी गई चुनौती

पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर के जबरन रिटायरमेंट का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है. सामाजिक कार्यकर्ता प्रताप चंद्रा ने उन्हें अनिवार्य सेवानिवृति न मिलने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दायर की है. बता दें कि बीते दिनों यूपी के तीन आईपीएस अधिकारियों को जबरन रिटायरमेंट दे दिया गया था.

author img

By

Published : Mar 27, 2021, 4:58 PM IST

Updated : Mar 27, 2021, 8:25 PM IST

पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर
पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर

लखनऊ: पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर को जबरन रिटायरमेंट देने का मामला अब हाईकोर्ट पहुंच गया है. सामाजिक कार्यकर्ता प्रताप चंद्रा ने शनिवार उन्हें अनिवार्य सेवानिवृति न मिलने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दायर की है.

याचिका के अनुसार, केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार को सरकारी सेवकों को समय से पूर्व अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने का अधिकार है. इन प्रावधानों में 50 वर्ष से अधिक आयु के कामचोर अफसरों को व्यापक जनहित में सेवा से बाहर किये जाने की व्यवस्था है. इसके विपरीत केंद्र व राज्य सरकार द्वारा इन प्रावधानों का दुरुपयोग करते हुए उन सरकारी सेवकों को बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है, जो अन्याय व भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी आवाज उठाते हैं या सरकारी सेवकों के अधिकारों के प्रति मुखर रहते हैं.

याचिका के अनुसार अमिताभ ठाकुर की समयपूर्व सेवानिवृति इस बात का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है, जहां उन्हें मात्र व्यवस्था में खामियों एवं अनियमितताओं के सम्बन्ध में आवाज उठाने के कारण सेवानिवृत्त कर दिया गया है. याचिका में केंद्र और राज्य सरकार को अनिवार्य सेवानिवृति के सम्बन्ध में स्पष्ट और वस्तुनिष्ठ नियम बनाए जाने व इन नियमों का पारदर्शी ढंग से पालन कराये जाने के आदेश देने की मांग की गई है. साथ ही अमिताभ ठाकुर सहित अन्य कर्मियों को अनिवार्य सेवानिवृति देने के कारणों को भी सार्वजनिक करने की प्रार्थना की गई है.

इसे भी पढ़ें:- मुजफ्फरनगर दंगा: मंत्री सुरेश राणा व MLA संगीत सोम पर दर्ज मुकदमे हुए वापस

इन तीन लोगों को किया गया था जबरन रिटायर
आपको बता दें कि अमिताभ ठाकुर (आईजी रूल्स एवं मैनुअल) पर तमाम मामलों में जांच लंबित है. वहीं राजेश कृष्ण (सेनानायक, 10वीं बटालियन, बाराबंकी) पर आजमगढ़ में पुलिस भर्ती में घोटाले का आरोप रहा है. इनके अलावा राकेश शंकर (डीआईजी स्थापना) पर देवरिया शेल्टर होम प्रकरण में संदिग्ध भूमिका का आरोप था. इसके बाद इन तीनों को जबरन रिटायरमेंट दे दिया गया था.

जबरन VRS पर क्या बोले थे अमिताभ ठाकुर
गौरतलब है कि अमिताभ ठाकुर 1992 बैच के IPS हैं. वह सरकारों के खिलाफ मुखर होकर मुद्दे उठाते रहे हैं. वीआरएस के फैसले के बाद उन्होंने ट्वीट कर लिखा था कि मुझे अभी-अभी VRS (लोकहित में सेवानिवृति) आदेश प्राप्त हुआ. सरकार को अब मेरी सेवाएं नहीं चाहिए. जय हिन्द! इसके अगले दिन उन्होंने अपने नेमप्लेट पर 'जबरिया रिटायर्ड' भी जोड़ लिया था.

लखनऊ: पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर को जबरन रिटायरमेंट देने का मामला अब हाईकोर्ट पहुंच गया है. सामाजिक कार्यकर्ता प्रताप चंद्रा ने शनिवार उन्हें अनिवार्य सेवानिवृति न मिलने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दायर की है.

याचिका के अनुसार, केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार को सरकारी सेवकों को समय से पूर्व अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने का अधिकार है. इन प्रावधानों में 50 वर्ष से अधिक आयु के कामचोर अफसरों को व्यापक जनहित में सेवा से बाहर किये जाने की व्यवस्था है. इसके विपरीत केंद्र व राज्य सरकार द्वारा इन प्रावधानों का दुरुपयोग करते हुए उन सरकारी सेवकों को बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है, जो अन्याय व भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी आवाज उठाते हैं या सरकारी सेवकों के अधिकारों के प्रति मुखर रहते हैं.

याचिका के अनुसार अमिताभ ठाकुर की समयपूर्व सेवानिवृति इस बात का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है, जहां उन्हें मात्र व्यवस्था में खामियों एवं अनियमितताओं के सम्बन्ध में आवाज उठाने के कारण सेवानिवृत्त कर दिया गया है. याचिका में केंद्र और राज्य सरकार को अनिवार्य सेवानिवृति के सम्बन्ध में स्पष्ट और वस्तुनिष्ठ नियम बनाए जाने व इन नियमों का पारदर्शी ढंग से पालन कराये जाने के आदेश देने की मांग की गई है. साथ ही अमिताभ ठाकुर सहित अन्य कर्मियों को अनिवार्य सेवानिवृति देने के कारणों को भी सार्वजनिक करने की प्रार्थना की गई है.

इसे भी पढ़ें:- मुजफ्फरनगर दंगा: मंत्री सुरेश राणा व MLA संगीत सोम पर दर्ज मुकदमे हुए वापस

इन तीन लोगों को किया गया था जबरन रिटायर
आपको बता दें कि अमिताभ ठाकुर (आईजी रूल्स एवं मैनुअल) पर तमाम मामलों में जांच लंबित है. वहीं राजेश कृष्ण (सेनानायक, 10वीं बटालियन, बाराबंकी) पर आजमगढ़ में पुलिस भर्ती में घोटाले का आरोप रहा है. इनके अलावा राकेश शंकर (डीआईजी स्थापना) पर देवरिया शेल्टर होम प्रकरण में संदिग्ध भूमिका का आरोप था. इसके बाद इन तीनों को जबरन रिटायरमेंट दे दिया गया था.

जबरन VRS पर क्या बोले थे अमिताभ ठाकुर
गौरतलब है कि अमिताभ ठाकुर 1992 बैच के IPS हैं. वह सरकारों के खिलाफ मुखर होकर मुद्दे उठाते रहे हैं. वीआरएस के फैसले के बाद उन्होंने ट्वीट कर लिखा था कि मुझे अभी-अभी VRS (लोकहित में सेवानिवृति) आदेश प्राप्त हुआ. सरकार को अब मेरी सेवाएं नहीं चाहिए. जय हिन्द! इसके अगले दिन उन्होंने अपने नेमप्लेट पर 'जबरिया रिटायर्ड' भी जोड़ लिया था.

Last Updated : Mar 27, 2021, 8:25 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.