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चुनावी दंगल हुआ डिजिटल, बिना अनुमति डिजिटल वैन से नहीं कर सकेंगे प्रचार - उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022

यूपी में विधानसभा चुनाव को लेकर चल रहे डिजिटल प्रचार पर चुनाव आयोग ने नया नियम लागू किया है. दरअसल अब वीडियो वैन के माध्यम से प्रचार-प्रसार के लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारी उप्र से अनुमति प्राप्त करनी होगी.

डिजिटल वैन
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Published : Jan 25, 2022, 9:11 PM IST

लखनऊ: कोरोना का असर चुनाव में भी दिखने लगा है. चुनाव आयोग के डिजिटली प्रचार पर जोर देने के बाद सभी पार्टियां माइक, माला और शोर-शराबे से दूर सोशल मीडिया के जरिए जंग जीतने की जुगत में हैं. लेकिन चुनाव आयोग ने निर्देश दिया है कि पूरे प्रदेश में वीडियो वैन के माध्यम से प्रचार-प्रसार के लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारी उप्र से अनुमति प्राप्त करनी होगी. उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. ब्रह्मदेव राम तिवारी ने बताया कि जिला निर्वाचन अधिकारियों को इस संबंध में विस्तृत निर्देश जारी किये गये हैं.

चुनावी खर्चे में जोड़ा जाएगा

जनपद अथवा विधानसभा स्तर पर वीडियो वैन के माध्यम से प्रचार-प्रसार की अनुमति जिला निर्वाचन अधिकारी से प्राप्त की जा सकती है. इस स्थिति में नोडल अधिकारी परिवहन द्वारा मुख्य निर्वाचन अधिकारी को इस आशय का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा कि वीडियो वैन मोटर वाहन अधिनियम के अनुरूप है. अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि वीडियो वैन पर चुनाव प्रचार की सामग्री एमसीएमसी से प्रमाणित करानी होगी. राजनैतिक दलों द्वारा वीडियो वैन का उपयोग वोट मांगने के लिए, अपने कार्यक्रमों एवं नीतियों के प्रचार हेतु ही किया जायेगा. किसी विशेष उम्मीदवार के लिए वोट या समर्थन के लिए वीडियो वैन का इस्तेमाल नहीं किया जायेगा. प्रचार के लिए इस्तेमाल की जा सकने वाली वीडियो वैन की संख्या पर कोई प्रतिबंध नहीं है, लेकिन वीडियो वैन पर होने वाले खर्च को पार्टी के चुनावी खर्च में सम्मिलित किया जायेगा, जिसे चुनाव के उपरान्त भारत निर्वाचन आयोग के समक्ष प्रस्तुत करना होगा.

इसे भी पढ़ें- 300 रुपये में हो सकेगा मोटरसाइकिल से चुनाव प्रचार, कार का किराया प्रतिदिन 1000

रात 8 बजे तक ही कर पाएंगे प्रचार

अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि प्रचार के लिए इस्तेमाल की जाने वाली वीडियो वैन के रूट की सूचना स्थानीय प्रशासन एवं जिला निर्वाचन अधिकारी को पहले ही देनी होगी. ऐसा न करने की स्थिति में मुख्य निर्वाचन अधिकारी, जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा नोटिस देकर वीडियो वैन की अनुमति वापस ली जा सकती है. वीडियो वैन का उपयोग रैली अथवा रोड शो के लिए नहीं किया जायेगा. वीडियो वैन का संचालन सुबह 8 बजे से रात 8 बजे के बीच ही किया जायेगा. कोविड महामारी को देखते हुए वीडियो वैन को रोकने के लिए खुले स्थानों को व्यूइंग प्वाइंट के रूप में चिन्हित करने का दायित्व जिला निर्वाचन अधिकारी का होगा. भीड़-भाड़ अथवा बाजार में वीडियो वैन का संचालन नहीं किया जायेगा.

50 प्रतिशत से अधिक दर्शक न इकट्ठे हों

डॉ. ब्रह्मदेव राम तिवारी ने बताया कि राजनैतिक दल एवं उम्मीदवार की जिम्मेदारी होगी कि वह राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और चुनाव आयोग द्वारा जारी कोविड-19 प्रोटोकाल का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराएंगे. उन्होंने बताया कि व्यूइंग प्वाइंट पर 500 से अधिक या निर्धारित क्षमता के 50 प्रतिशत से अधिक दर्शक एकत्रित नहीं होने चाहिए. वीडियो वैन का ठहराव एक स्थान पर 30 मिनट से अधिक नहीं होना चाहिए. इसके अतिरिक्त राजनैतिक दल एवं उम्मीदवारों की जिम्मेदारी होगी कि वीडियो वैन की ध्वनि नियमों में उल्लिखित निर्धारित सीमा से अधिक न हो.

1 घंटा एक्स्ट्रा होगी वोटिंग

लखनऊ की 9 विधानसभा सीटों पर 23 फरवरी को मतदान होना है. इसके लिए नामांकन की प्रक्रिया 27 जनवरी यानी गुरुवार से शुरू होगी. जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेस कर इसका विस्तृत कार्यक्रम जारी किया. जिलाधिकारी ने बताया कि इस बार मतदान के लिए एक घंटा अतिरिक्त समय दिया गया है. सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक मतदान कराया जाएगा. 6 बजे तक मतदान केंद्र में प्रवेश करने वाले मतदाताओं को पीठासीन अधिकारी की तरफ से उल्टे क्रम में पर्ची दी जाएगी. जिलाधिकारी ने कहा कि इस बार का टारगेट 90% से अधिक मतदान कराने का है.

बूथ पर ये होंगी सुविधाएं

लखनऊ के सभी 9 विधानसभा क्षेत्रों में 41 महिला बूथ बनाए जा रहे हैं. डीएम ने बताया कि इन महिला बूथों पर सिर्फ महिला कर्मचारी ही रहेंगी. यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक अहम कदम होगा. महिला बूथ के साथ ही 9 विकलांग बूथ भी बनाए जाएंगे. यानी हर विधानसभा में एक विकलांग बूथ होगा. इस बूथ पर मतदान कराने की जिम्मेदारी विकलांग कर्मचारियों को ही होगी. इसके अलावा एक मॉडल ग्रीन बूथ भी बनाया जा रहा है. इस बूथ पर पूरी तरह से रिन्यूएबल एनर्जी का इस्तेमाल किया जाएगा. सोलर एनर्जी के इस्तेमाल से उपकरण संचालित होंगे. इसके अलावा किसी तरह का धुआं या प्रदूषण नहीं होगा.

लखनऊ: कोरोना का असर चुनाव में भी दिखने लगा है. चुनाव आयोग के डिजिटली प्रचार पर जोर देने के बाद सभी पार्टियां माइक, माला और शोर-शराबे से दूर सोशल मीडिया के जरिए जंग जीतने की जुगत में हैं. लेकिन चुनाव आयोग ने निर्देश दिया है कि पूरे प्रदेश में वीडियो वैन के माध्यम से प्रचार-प्रसार के लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारी उप्र से अनुमति प्राप्त करनी होगी. उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. ब्रह्मदेव राम तिवारी ने बताया कि जिला निर्वाचन अधिकारियों को इस संबंध में विस्तृत निर्देश जारी किये गये हैं.

चुनावी खर्चे में जोड़ा जाएगा

जनपद अथवा विधानसभा स्तर पर वीडियो वैन के माध्यम से प्रचार-प्रसार की अनुमति जिला निर्वाचन अधिकारी से प्राप्त की जा सकती है. इस स्थिति में नोडल अधिकारी परिवहन द्वारा मुख्य निर्वाचन अधिकारी को इस आशय का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा कि वीडियो वैन मोटर वाहन अधिनियम के अनुरूप है. अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि वीडियो वैन पर चुनाव प्रचार की सामग्री एमसीएमसी से प्रमाणित करानी होगी. राजनैतिक दलों द्वारा वीडियो वैन का उपयोग वोट मांगने के लिए, अपने कार्यक्रमों एवं नीतियों के प्रचार हेतु ही किया जायेगा. किसी विशेष उम्मीदवार के लिए वोट या समर्थन के लिए वीडियो वैन का इस्तेमाल नहीं किया जायेगा. प्रचार के लिए इस्तेमाल की जा सकने वाली वीडियो वैन की संख्या पर कोई प्रतिबंध नहीं है, लेकिन वीडियो वैन पर होने वाले खर्च को पार्टी के चुनावी खर्च में सम्मिलित किया जायेगा, जिसे चुनाव के उपरान्त भारत निर्वाचन आयोग के समक्ष प्रस्तुत करना होगा.

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रात 8 बजे तक ही कर पाएंगे प्रचार

अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि प्रचार के लिए इस्तेमाल की जाने वाली वीडियो वैन के रूट की सूचना स्थानीय प्रशासन एवं जिला निर्वाचन अधिकारी को पहले ही देनी होगी. ऐसा न करने की स्थिति में मुख्य निर्वाचन अधिकारी, जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा नोटिस देकर वीडियो वैन की अनुमति वापस ली जा सकती है. वीडियो वैन का उपयोग रैली अथवा रोड शो के लिए नहीं किया जायेगा. वीडियो वैन का संचालन सुबह 8 बजे से रात 8 बजे के बीच ही किया जायेगा. कोविड महामारी को देखते हुए वीडियो वैन को रोकने के लिए खुले स्थानों को व्यूइंग प्वाइंट के रूप में चिन्हित करने का दायित्व जिला निर्वाचन अधिकारी का होगा. भीड़-भाड़ अथवा बाजार में वीडियो वैन का संचालन नहीं किया जायेगा.

50 प्रतिशत से अधिक दर्शक न इकट्ठे हों

डॉ. ब्रह्मदेव राम तिवारी ने बताया कि राजनैतिक दल एवं उम्मीदवार की जिम्मेदारी होगी कि वह राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और चुनाव आयोग द्वारा जारी कोविड-19 प्रोटोकाल का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराएंगे. उन्होंने बताया कि व्यूइंग प्वाइंट पर 500 से अधिक या निर्धारित क्षमता के 50 प्रतिशत से अधिक दर्शक एकत्रित नहीं होने चाहिए. वीडियो वैन का ठहराव एक स्थान पर 30 मिनट से अधिक नहीं होना चाहिए. इसके अतिरिक्त राजनैतिक दल एवं उम्मीदवारों की जिम्मेदारी होगी कि वीडियो वैन की ध्वनि नियमों में उल्लिखित निर्धारित सीमा से अधिक न हो.

1 घंटा एक्स्ट्रा होगी वोटिंग

लखनऊ की 9 विधानसभा सीटों पर 23 फरवरी को मतदान होना है. इसके लिए नामांकन की प्रक्रिया 27 जनवरी यानी गुरुवार से शुरू होगी. जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेस कर इसका विस्तृत कार्यक्रम जारी किया. जिलाधिकारी ने बताया कि इस बार मतदान के लिए एक घंटा अतिरिक्त समय दिया गया है. सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक मतदान कराया जाएगा. 6 बजे तक मतदान केंद्र में प्रवेश करने वाले मतदाताओं को पीठासीन अधिकारी की तरफ से उल्टे क्रम में पर्ची दी जाएगी. जिलाधिकारी ने कहा कि इस बार का टारगेट 90% से अधिक मतदान कराने का है.

बूथ पर ये होंगी सुविधाएं

लखनऊ के सभी 9 विधानसभा क्षेत्रों में 41 महिला बूथ बनाए जा रहे हैं. डीएम ने बताया कि इन महिला बूथों पर सिर्फ महिला कर्मचारी ही रहेंगी. यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक अहम कदम होगा. महिला बूथ के साथ ही 9 विकलांग बूथ भी बनाए जाएंगे. यानी हर विधानसभा में एक विकलांग बूथ होगा. इस बूथ पर मतदान कराने की जिम्मेदारी विकलांग कर्मचारियों को ही होगी. इसके अलावा एक मॉडल ग्रीन बूथ भी बनाया जा रहा है. इस बूथ पर पूरी तरह से रिन्यूएबल एनर्जी का इस्तेमाल किया जाएगा. सोलर एनर्जी के इस्तेमाल से उपकरण संचालित होंगे. इसके अलावा किसी तरह का धुआं या प्रदूषण नहीं होगा.

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