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लखनऊ में होली के दौरान निकला परंपरागत जुलूस, बिना किसी भेदभाव के शामिल हुए हर वर्ग के लोग

रंगों के त्यौहार होली के दौरान राजधानी लखनऊ में हर साल की तरह इस बार भी निकलने वाला परंपरागत जुलूस उसी तरह अपने पुराने अंदाज में निकाला गया. इस दौरान सभी वर्ग के लोग जुलूस में शामिल हुए और एक दूसरे के साथ रंग-गुलाल खेलते हुए जमकर खुशियां मनाईं.

पुराने लखनऊ के चौक में निकाला गया होली का परंपरागत जुलूस
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Published : Mar 21, 2019, 6:09 PM IST

लखनऊ: पुराने लखनऊ में होली का जुलूस पूरी शान से निकाला गया. हालांकि इस बार जुलूस में बीते सालों की अपेक्षा कम लोग शामिल हुए. प्रेम और सौहार्द्र का संदेश देने वाले इस जुलूस में सालों पुरानी परंपरा एक बार फिर बरकरार दिखाई दी.

पुराने लखनऊ के चौक में निकाला गया होली का परंपरागत जुलूस


इस दौरान लखनऊ के एक दर्जन से ज्यादा मोहल्लों से होकर गुजरने वाले इस जुलूस में सभी वर्ग के लोग शामिल हुए . इस जुलूस में लोग ऊंट और तांगा- इक्के पर सवार होकर शामिल हुए. जुलूस के आयोजकों ने बताया कि देश की आजादी के पहले से शहर में होली के रंगारंग जुलूस की परंपरा चली आ रही है. इसका मकसद लोगों के घर-घर जाकर उन्हें आपसी भेदभाव भुलाकर एक साथ होली खेलने का न्यौता देना है. यह जुलूस जब गलियों से होकर गुजरता है तो उन लोगों के पास भी पहुंचता है जो किसी परेशानी की वजह से होली के उत्सव में शामिल नहीं हो पाए. ऐसा करके छोटी-मोटी परेशानी से घिरे लोगों को जुलूस में शामिल लोग अपने साथ आने का मौका देकर उसके दुख को कम करने का प्रयास करते हैं. साथ ही अगर किसी पर कोई बड़ा संकट है तो उसके मोहल्ले से गुजरने के दौरान लोग हकीकत से वाकिफ होने पर मदद की पेशकश भी करते रहे हैं. इसी वजह से इस जुलूस की अहमियत सालों-साल बढ़ती जा रही है.


लखनऊ: पुराने लखनऊ में होली का जुलूस पूरी शान से निकाला गया. हालांकि इस बार जुलूस में बीते सालों की अपेक्षा कम लोग शामिल हुए. प्रेम और सौहार्द्र का संदेश देने वाले इस जुलूस में सालों पुरानी परंपरा एक बार फिर बरकरार दिखाई दी.

पुराने लखनऊ के चौक में निकाला गया होली का परंपरागत जुलूस


इस दौरान लखनऊ के एक दर्जन से ज्यादा मोहल्लों से होकर गुजरने वाले इस जुलूस में सभी वर्ग के लोग शामिल हुए . इस जुलूस में लोग ऊंट और तांगा- इक्के पर सवार होकर शामिल हुए. जुलूस के आयोजकों ने बताया कि देश की आजादी के पहले से शहर में होली के रंगारंग जुलूस की परंपरा चली आ रही है. इसका मकसद लोगों के घर-घर जाकर उन्हें आपसी भेदभाव भुलाकर एक साथ होली खेलने का न्यौता देना है. यह जुलूस जब गलियों से होकर गुजरता है तो उन लोगों के पास भी पहुंचता है जो किसी परेशानी की वजह से होली के उत्सव में शामिल नहीं हो पाए. ऐसा करके छोटी-मोटी परेशानी से घिरे लोगों को जुलूस में शामिल लोग अपने साथ आने का मौका देकर उसके दुख को कम करने का प्रयास करते हैं. साथ ही अगर किसी पर कोई बड़ा संकट है तो उसके मोहल्ले से गुजरने के दौरान लोग हकीकत से वाकिफ होने पर मदद की पेशकश भी करते रहे हैं. इसी वजह से इस जुलूस की अहमियत सालों-साल बढ़ती जा रही है.


Intro:लखनऊ. पुराने लखनऊ में होली का जुलूस पूरी शान से निकला. जुलूस में हालांकि बीते सालों की अपेक्षा इस बार कम लोग शामिल हुए लेकिन सौहार्द के संदेश वाले जुलूस में सालों पुरानी परंपरा बरकरार दिखाई दी।


Body:लखनऊ में होली का जुलूस हर साल की तरह बड़ी धूम से निकला पुराने लखनऊ के एक दर्जन से ज्यादा मोहल्लों से होकर गुजरने वाले इस जुलूस में सभी वर्ग के लोग शामिल हुए हालांकि जुलूस इस बार थोड़ी देर में शुरू हुआ लेकिन ऊंट और तांगा- इक्के पर सवार होकर लोग इस जुलूस में शामिल हुए जुलूस के आयोजकों ने बताया कि देश की आजादी के पहले से शहर में होली के रंगारंग जुलूस की परंपरा चली आ रही है इसका मकसद लोगों के घर घर जाकर उन्हें आपसी भेदभाव बुलाकर एक साथ होली खेलने का न्योता देना है। यह जुलूस जब गलियों से होकर गुजरता है तो उन लोगों के पास भी पहुंचता है जो किसी परेशानी की वजह से होली के उत्सव में शामिल नहीं हो पाए। जुलूस जब उनके घर के सामने से गुजरता है तो लोगों को खैर खबर भी मिलती है । छोटी मोटी परेशानी में घिरे व्यक्ति को जुलूस में शामिल लोग अपने साथ आने का मौका देकर उसके दुख को कम कर देते हैं। इसके अलावा अगर किसी पर कोई बड़ा संकट है तो उसके मोहल्ले से गुजरने के दौरान लोग हकीकत से वाकिफ होने पर मदद की पेशकश भी करते रहे हैं इस वजह से इस जुलूस की अहमियत सालों -साल बढ़ती जा रही है.


बाइट/ जुलूस के आयोजक
पीटीसी /अखिलेश तिवारी


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