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अवैध कॉलोनियों का प्रचार कर रहीं कई बड़ी वेबसाइट, इनके विश्वास में लोग फंसा रहे गाढ़ी कमाई

रीयल स्टेट एजेंट के तौर पर काम करने वाली बड़ी निजी वेबसाइट उत्तर प्रदेश में अवैध काॅलोनियों के प्लॉटों को बेचने में सबसे बड़ी भूमिका निभा रही हैं. इन वेबसाइट को बहुत विश्वासनीय मानते हुए देश भर के लोग उत्तर प्रदेश के बड़े शहरों में निवेश कर रहे हैं. मगर जिन रीयल एस्टेट प्रॉपर्टी में निवेश कर रहे हैं उनमें से 80 फीसदी अवैध हैं.

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Published : Dec 21, 2022, 3:19 PM IST

लखनऊ : रीयल स्टेट एजेंट के तौर पर काम करने वाली बड़ी निजी वेबसाइट उत्तर प्रदेश में अवैध काॅलोनियों (illegal colonies) के प्लॉटों को बेचने में सबसे बड़ी भूमिका निभा रही हैं. इन वेबसाइट को बहुत विश्वासनीय मानते हुए देश भर के लोग उत्तर प्रदेश के बड़े शहरों में निवेश कर रहे हैं. हालांकि जिन रीयल एस्टेट प्रॉपर्टी (real estate property) में निवेश कर रहे हैं उनमें से 80 फ़ीसदी अवैध हैं. आवास विभाग की जांच में यह बात सामने आई है कि रियल स्टेट की वेबसाइट (real estate website) निश्चित तौर पर उत्तर प्रदेश में आम लोगों को real-estate फ्रॉड में फंसाने के में योगदान दे रही हैं.

रीयल स्टेट एजेंट (real estate agent) के तौर पर कारोबार करने वाली लगभग एक दर्जन वेबसाइट इन दिनों देश में काम कर रही हैं. जबरदस्त प्रचार के जरिए आशियाने के चाहत में भटक रहे लोगों के लिए ये वेबसाइट आशियाने की चाहत का एक मुकाम बनती जा रही है. इन वेबसाइट की खामियों के चलते लोगों के अवैध काॅलोनियों में फसने का डर भी बना हुआ है. इन वेबसाइट पर जिन मकानों को बेचने के लिए विज्ञापन होते हैं इनमें कौन से वैध है और कौन से अवैध हैं. इसकी कोई जानकारी नहीं दी जाती है. जिसकी वजह से लोग आमतौर से इस जाल में उलझ जाते हैं. इस वजह से अवैध कॉलोनी बनाने वाले बिल्डर इन वेबसाइट पर आकर्षक प्रचार का जाल फैला चुके हैं. जिसकी वजह से लोग लगातार फंस रहे हैं.

लखनऊ विकास प्राधिकरण (Lucknow Development Authority) के अपनी रिसर्च के मुताबिक इन वेबसाइट के जरिए जमकर ठगी की जा रही है. जिन काॅलोनियों का लेआउट और जिन अपार्टमेंट का नक्शा पास नहीं है उनको लीगल बताकर जमकर खरीद-फरोख्त इन वेबसाइट के जरिए की जा रही है. जिससे आम लोग ठग बिल्डरों की चपेट में आ रहे हैं. आवास विकास परिषद के आयुक्त रणवीर प्रसाद (Housing Development Council Commissioner Ranvir Prasad) ने बताया कि हमने अपनी वेबसाइट के माध्यम से फ्लैट बुकिंग शुरू की है. लोग केवल हमारी वेबसाइट के जरिए ही फ्लैटों की बुकिंग करें. इधर किसी चक्कर में न पड़ें. लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ इंद्रमणि त्रिपाठी (Vice President of Lucknow Development Authority) ने बताया कि लोग किसी भी एजेंट के माध्यम से अगर कहीं भी सम्पत्ति खरीद रहे हों तो उनको एलडीए और रेरा में उसकी वैधता जरूर जांच लेनी चाहिए. वरना उनकी गाढ़ी कमाई डूबने की आशंका हमेशा रहेगी.

लखनऊ : रीयल स्टेट एजेंट के तौर पर काम करने वाली बड़ी निजी वेबसाइट उत्तर प्रदेश में अवैध काॅलोनियों (illegal colonies) के प्लॉटों को बेचने में सबसे बड़ी भूमिका निभा रही हैं. इन वेबसाइट को बहुत विश्वासनीय मानते हुए देश भर के लोग उत्तर प्रदेश के बड़े शहरों में निवेश कर रहे हैं. हालांकि जिन रीयल एस्टेट प्रॉपर्टी (real estate property) में निवेश कर रहे हैं उनमें से 80 फ़ीसदी अवैध हैं. आवास विभाग की जांच में यह बात सामने आई है कि रियल स्टेट की वेबसाइट (real estate website) निश्चित तौर पर उत्तर प्रदेश में आम लोगों को real-estate फ्रॉड में फंसाने के में योगदान दे रही हैं.

रीयल स्टेट एजेंट (real estate agent) के तौर पर कारोबार करने वाली लगभग एक दर्जन वेबसाइट इन दिनों देश में काम कर रही हैं. जबरदस्त प्रचार के जरिए आशियाने के चाहत में भटक रहे लोगों के लिए ये वेबसाइट आशियाने की चाहत का एक मुकाम बनती जा रही है. इन वेबसाइट की खामियों के चलते लोगों के अवैध काॅलोनियों में फसने का डर भी बना हुआ है. इन वेबसाइट पर जिन मकानों को बेचने के लिए विज्ञापन होते हैं इनमें कौन से वैध है और कौन से अवैध हैं. इसकी कोई जानकारी नहीं दी जाती है. जिसकी वजह से लोग आमतौर से इस जाल में उलझ जाते हैं. इस वजह से अवैध कॉलोनी बनाने वाले बिल्डर इन वेबसाइट पर आकर्षक प्रचार का जाल फैला चुके हैं. जिसकी वजह से लोग लगातार फंस रहे हैं.

लखनऊ विकास प्राधिकरण (Lucknow Development Authority) के अपनी रिसर्च के मुताबिक इन वेबसाइट के जरिए जमकर ठगी की जा रही है. जिन काॅलोनियों का लेआउट और जिन अपार्टमेंट का नक्शा पास नहीं है उनको लीगल बताकर जमकर खरीद-फरोख्त इन वेबसाइट के जरिए की जा रही है. जिससे आम लोग ठग बिल्डरों की चपेट में आ रहे हैं. आवास विकास परिषद के आयुक्त रणवीर प्रसाद (Housing Development Council Commissioner Ranvir Prasad) ने बताया कि हमने अपनी वेबसाइट के माध्यम से फ्लैट बुकिंग शुरू की है. लोग केवल हमारी वेबसाइट के जरिए ही फ्लैटों की बुकिंग करें. इधर किसी चक्कर में न पड़ें. लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ इंद्रमणि त्रिपाठी (Vice President of Lucknow Development Authority) ने बताया कि लोग किसी भी एजेंट के माध्यम से अगर कहीं भी सम्पत्ति खरीद रहे हों तो उनको एलडीए और रेरा में उसकी वैधता जरूर जांच लेनी चाहिए. वरना उनकी गाढ़ी कमाई डूबने की आशंका हमेशा रहेगी.

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