लखनऊ : राजधानी के ट्रांसपोर्ट नगर स्थित आरटीओ कार्यालय में शायद ही ऐसा कोई सप्ताह गुजरे, जिसमें जनता को अपना काम कराने के लिए सर्वर की दिक्कतों का सामना न करना पड़े. ज्यादातर हर सप्ताह में दो या तीन दिन तक सर्वर ठप होने या फिर स्लो होने की समस्या बनी रहती है. शनिवार को एक बार फिर आरटीओ कार्यालय का सर्वर सुबह से लेकर दोपहर बाद तक पूरी तरह ठप हो गया, जिसके बाद यहां पर बड़ी संख्या में काम कराने आए लोगों ने कर्मचारियों से बहस शुरू कर दी. लोगों को समझा-बुझाकर किसी तरह सभी को शांत कराया गया.
शनिवार को सुबह की शिफ्ट में लाइसेंस के लिए पहुंचे आवेदक घंटों लाइन में खड़े रहे. कई बार आवेदकों ने यहां पर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की. यहां पर तैनात आरआई प्रशांत कुमार ने लोगों को समझाने की कोशिश की तो आवेदक उनसे ही भिड़ गए. दोपहर बाद सर्वर शुरू होने पर काम प्रारंभ हो सका. इसके बाद भी सभी आवेदकों को टेस्ट पूरे नहीं लिए जा सके.
ट्रांसपोर्ट नगर स्थित आरटीओ ऑफिस में सर्वर ठप होते ही यहां के कर्मचारियों और दलालों की कमाई बढ़ जाती है. आसानी से काम कराने के लिए आवेदक यहां पर तैनात कर्मचारियों और इधर-उधर घूम रहे दलालों के पास पहुंचने लगते हैं. सर्वर की समस्या का हवाला देते हुए आवेदकों से मुंह मांगी रकम ऐंठ ली जाती हैं.
आरटीओ के अधिकारी बताते हैं कि सर्वर की समस्या आज की नहीं है. पहले भी कई बार सर्वर ठप हो चुका है. इसके लिए मुख्यालय को प्रत्र भी लिखा जा चुका है. तकनीकी कमी के चलते कई बार सर्वर की समस्या सामने आ चुकी है. मुख्यालय और आरटीओ ऑफिस में नेट की प्राब्लम होने पर सर्वर की समस्या सामने आती है. विभागीय अधिकारियों का कहना है कि जिस कंपनी से नेट लिया गया है, उससे बात की जा रही है. जल्द ही समस्या दूर नहीं की तो किसी अन्य कंपनी से संपर्क किया जाएगा.
इसे भी पढ़ें- परमिट से जुड़े चार कार्यों के लिए अब आरटीओ जाने की जरूरत नहीं, लागू हुई नई व्यवस्था
आरटीओ ऑफिस में सर्वर ठप होने पर कोविड नियमों की भी धज्जियां उड़ाई गईं. सारथी भवन में खड़े आवेदक न तो सोशल डिस्टेसिंग का पालन कर रहे थे, न ही आवेदकों ने मास्क पहन रखे थे. यह आलम तब है जब एक बार फिर से कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है. ऑफिस में कहीं भी सेनेटाइजर की व्यवस्था भी नहीं है. आने वालों का टेम्परेचर नापने की व्यवस्था पहले ही दम तोड़ चुकी है. सर्वर की समसस्या दूर करने के लिए परिवहन विभाग मुख्यालय को पत्र लिखा गया है. उम्मीद है कि शीघ्र ही इसका हल निकाल लिया जाएगा. आवेदकों को परेशान होने की जरूरत नहीं है. उनकी सहायता के लिए कर्मचारियों की तैनाती की गई है.