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जनता विकास के मुद्दे पर भाजपा से ऊबी, फिर चुनेगी अखिलेश सरकार : गोप

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री अरविंद सिंह गोप ने कहा कि विगत पांच साल से भारतीय जनता पार्टी की सरकार के काम से किसान, गरीब और नौजवान आदि सभी नाराज हैं. प्रदेश की जनता परिवर्तन चाहती है. विकल्प के तौर पर जनता के पास सिर्फ और सिर्फ समाजवादी पार्टी ही है.

अरविंद सिंह गोप
अरविंद सिंह गोप
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Published : Jul 16, 2021, 5:11 PM IST

Updated : Jul 16, 2021, 10:41 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव 2022 की तैयारियों को लेकर सभी दलों ने राजनीतिक सरगर्मियां तेज कर दीं हैं. राज्य में मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी भी अपनी जीत के लिए रणनीति बना रही है. पार्टी की चुनाव को लेकर किस प्रकार की तैयारी है और किन मुद्दों पर पार्टी आगामी चुनाव में फोकस करने वाली है, इसे लेकर हमने समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री अरविंद सिंह गोप से बातचीत की. गोप का राजनीति में उभार छात्र राजनीति से हुआ. वह लखनऊ विश्वविद्यालय में छात्रसंघ अध्यक्ष भी रहे हैं. वह राजनीति की गहरी समझ रखते हैं. उनसे बीतचीत के प्रमुख अंश..

जनता विकास के मुद्दे पर भाजपा से ऊबी


प्रश्न : भावी विधानसभा चुनावों को लेकर सपा की क्या तैयारी है?

उत्तर : पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर सपा कार्यकर्ता पूरे प्रदेश में बूथ स्तर पर काम कर रहे हैं. पूरा संगठन सक्रिय है. हमारा लक्ष्य 2022 का चुनाव जीतना है. विगत पांच साल से भारतीय जनता पार्टी की सरकार के काम से किसान, गरीब और नौजवान सभी नाराज हैं. प्रदेश की जनता परिवर्तन चाहती है. विकल्प के तौर पर जनता के पास सिर्फ और सिर्फ समाजवादी पार्टी ही है. जो काम अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री रहते किया, चाहें युवाओं को लैपटॉप देना हो, गरीबों को लोहिया आवास देना हो, समाजवादी पेंशन, पुल हो या अस्पताल, सभी काम आज भी अपना महत्व रखते हैं. जिन मेडिकल कॉलेजों की बात भाजपा कर रही है, मैं पूछता हूं किसकी सरकार की देन हैं? यह सारे काम अखिलेश यादव जी ने किए हैं. इस सरकार का विकास से कोई लेना-देना नहीं है. जनता अब ऊब चुकी है.


प्रश्न : आपकी पार्टी इस बार चुनावों में कौन से मुद्दे लेकर जाने वाली है?

उत्तर : बेरोजगारी, महंगाई, कोरोना से निपटने में सरकार की असफलता आदि सभी महत्वपूर्ण मुद्दे रहेंगे चुनाव में. मुद्दे ही मुद्दे हैं हमारे पास. यह आजादी के बाद पहली सरकार है जिससे कोई खुश नहीं है.


प्रश्न : क्या विकास इस चुनाव में मुद्दा बनेगा?

उत्तर : विकास इस चुनाव में बहुत बड़ा मुद्दा होगा. बेरोजगारी भी बड़ा मुद्दा होगा.

प्रश्न : कहा जाता है कि समाजवादी पार्टी की पिछली सरकार में काफी काम हुए. यदि विकास का मुद्दा सफल होता तो आप लोग पिछला चुनाव हारते ही क्यों? आपका क्या मानना है?

उत्तर : भारतीय जनता पार्टी के लोग बड़े मायावी हैं. वह उत्तर प्रदेश की भोली-भाली जनता को बहकाने में कामयाब हो गए थे. लेकिन अब जनता समझ रही है कि बहकाने के बाद परिणाम क्या मिला उन्हें. आज किसान गांव में बिजली के लिए परेशान है. नलकूप के पानी के लिए परेशान है. बिजली की बढ़ी दरों के लिए परेशान है. विद्यार्थी पढ़ाई के लिए परेशान है. लोगों ने यह सोचा था कि भाजपा कोई बहुत बड़ा करिश्मा कर देगी लेकिन करिश्मा तो किया नहीं. भाजपा तो सारे वादों पर फेल है. यही कारण है कि आज जनता इनसे ऊब चुकी है और वह विकास के मुद्दे पर अखिलेश यादव को चुनेगी.

प्रश्न : भाजपा चुनाव के लिए बड़ी तैयारी कर रही है. मायावती जी दिल्ली छोड़ लखनऊ आ गई हैं. छोटे दल भी बहुत सक्रिय हैं. हालांकि समाजवादी पार्टी की तैयारी उस तरह नहीं दिखाई दे रही है. आपको क्या लगता है?

उत्तर : सपा की तैयारी युद्धस्तर पर है. हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष रोज पार्टी कार्यालय पर 6-7 घंटे बैठते हैं. कार्यकर्ता एवं नेताओं से मिलते हैं. प्रदेश से जो पीड़ित जनता आती है, उससे मिलते हैं. उनका फोकस सिर्फ और सिर्फ चुनाव पर है. यह सही है कि 2022 का चुनाव बहुत महत्वपूर्ण है. कोविड के कारण पिछले दो साल में सबके कार्यक्रम रुक गए हैं, लेकिन अखिलेश यादव आज लगातार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और फोन के माध्यम से लोगों से जुड़े रहे हैं. प्रदेश के पहले नेता हैं, जो लोगों से सीधे जुड़े रहते हैं. वह संगठन पर काम कर रहे हैं.

प्रश्न : असदुद्दीन ओवैसी और ओम प्रकाश राजभर का गठबंधन हो रहा है. समाजवादी पार्टी का आधार वोट बैंक माना जाने वाला मुस्लिम मतदाता इस गठबंधन में जा सकता है. इसको आप किस तरह से देखते हैं?

उत्तर : समाजवादी पार्टी का कोई वोट बैंक खिसक नहीं रहा है. बड़ी संख्या में लोग समाजवादी पार्टी से जुड़ रहे हैं. मैं साफ-साफ कहना चाहूंगा कि उत्तर प्रदेश में चुनाव सिर्फ समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच में होगा. प्रदेश के अवाम को तय करना होगा कि वह किसके साथ है. हमने जो हालात देखे हैं, पूरे प्रदेश की जनता अखिलेश यादव के साथ चट्टान की तरह खड़ी है. कोई भी आए इसका असर चुनाव पर नहीं होने वाला है.

यह भी पढ़ें : गांधी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर धरने पर बैठीं प्रियंका

प्रश्न : गठबंधन को लेकर आपकी क्या राय है?

उत्तर : हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष ने पहले ही कहा है कि छोटे दलों से बातचीत का रास्ता खुला है. उसमें जो लोग आएंगे उनका स्वागत है. समाजवादी पार्टी सीधे चुनाव के मैदान में है. हमारी पार्टी चाहती है कि यह सरकार हटे.

प्रश्न : यानी बसपा के साथ गठबंधन का सपा का अनुभव अच्छा नहीं रहा? इसलिए आप किसी बड़े दल से गठबंधन नहीं करेंगे?

उत्तर : देखिए, गठबंधन और प्रयोग में अच्छा बुरा नहीं देखा जाता. बड़े-बड़े प्रयोग किए जाते हैं. कोई फेल होता है तो कोई पास. हमारा गठबंधन था और लंबा चलता लेकिन इसे न हमने छोड़ा है और न छोड़ेंगे. अखिलेश यादव ने बड़े मन और बड़े दिल से गठबंधन किया था. अखिलेश आज भी गरीब, किसान और नौजवान के बीच में हैं. अगर कोई साथ छोड़कर जा रहा है तो उसके बारे में हम कुछ नहीं कहते हैं.

प्रश्न : आप सरकार की आलोचना करते हैं लेकिन सरकार के अपने दावे हैं. आपने के एक एक्सप्रेस वे बनाया था, वह कई बना रहे हैं. अखिलेश जी ने कुछ मेडिकल कॉलेज बनाए थे, वह हर जिले में मेडिकल कॉलेज बना रहे हैं.

उत्तर : मैं पूछना चाहता हूं भाजपा उस एक्सप्रेस-वे का नाम बता दे जो उसने साढ़े चार साल में बनाया हो. पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के लिए हमने जमीन का अधिग्रहण कर दिया था. वह भी नहीं बना पा रहे हैं. अगर वह बता दें कि वह पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन कब करेंगे तो मैं उनको मानूं. एक मेडिकल कॉलेज नया बताएं जो उन्होंने बनाकर शुरू करा दिया हो. सारे मेडिकल कॉलेज अखिलेश यादव की देन हैं. आप सिर्फ लखनऊ को देख लीजिए. क्या इस सरकार में कोई काम हुआ है लखनऊ में?

प्रश्न : अखिलेश यादव ने 2012 के चुनावों में रथ निकाला था जिसका उन्हें व्यापक समर्थन भी मिला था. सपा को स्पष्ट बहुमत मिला था. क्या इस बार अखिलेश यादव कोई रथयात्रा करेंगे?

उत्तर : राष्ट्रीय अध्यक्ष की रथ यात्रा का कार्यक्रम बना है एक साल पहले से. यदि यह कोविड काल न होता तो रथ चल रहा होता. दुर्भाग्य है कि कोविड के कारण सभी चीजें रोकनी पड़ीं. तमाम लोगों की मौतें होने लगीं, हमारी पार्टी गरीबों के साथ खड़ी हुई. अखिलेश जी प्रदेश के एकमात्र ऐसे नेता हैं जिन्हें देखने के लिए लाखों की जनता सड़क पर आती है. अखिलेश यादव ने इसे खुद रोका है लेकिन बहुत जल्दी ये रथ निकलने वाला है.

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव 2022 की तैयारियों को लेकर सभी दलों ने राजनीतिक सरगर्मियां तेज कर दीं हैं. राज्य में मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी भी अपनी जीत के लिए रणनीति बना रही है. पार्टी की चुनाव को लेकर किस प्रकार की तैयारी है और किन मुद्दों पर पार्टी आगामी चुनाव में फोकस करने वाली है, इसे लेकर हमने समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री अरविंद सिंह गोप से बातचीत की. गोप का राजनीति में उभार छात्र राजनीति से हुआ. वह लखनऊ विश्वविद्यालय में छात्रसंघ अध्यक्ष भी रहे हैं. वह राजनीति की गहरी समझ रखते हैं. उनसे बीतचीत के प्रमुख अंश..

जनता विकास के मुद्दे पर भाजपा से ऊबी


प्रश्न : भावी विधानसभा चुनावों को लेकर सपा की क्या तैयारी है?

उत्तर : पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर सपा कार्यकर्ता पूरे प्रदेश में बूथ स्तर पर काम कर रहे हैं. पूरा संगठन सक्रिय है. हमारा लक्ष्य 2022 का चुनाव जीतना है. विगत पांच साल से भारतीय जनता पार्टी की सरकार के काम से किसान, गरीब और नौजवान सभी नाराज हैं. प्रदेश की जनता परिवर्तन चाहती है. विकल्प के तौर पर जनता के पास सिर्फ और सिर्फ समाजवादी पार्टी ही है. जो काम अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री रहते किया, चाहें युवाओं को लैपटॉप देना हो, गरीबों को लोहिया आवास देना हो, समाजवादी पेंशन, पुल हो या अस्पताल, सभी काम आज भी अपना महत्व रखते हैं. जिन मेडिकल कॉलेजों की बात भाजपा कर रही है, मैं पूछता हूं किसकी सरकार की देन हैं? यह सारे काम अखिलेश यादव जी ने किए हैं. इस सरकार का विकास से कोई लेना-देना नहीं है. जनता अब ऊब चुकी है.


प्रश्न : आपकी पार्टी इस बार चुनावों में कौन से मुद्दे लेकर जाने वाली है?

उत्तर : बेरोजगारी, महंगाई, कोरोना से निपटने में सरकार की असफलता आदि सभी महत्वपूर्ण मुद्दे रहेंगे चुनाव में. मुद्दे ही मुद्दे हैं हमारे पास. यह आजादी के बाद पहली सरकार है जिससे कोई खुश नहीं है.


प्रश्न : क्या विकास इस चुनाव में मुद्दा बनेगा?

उत्तर : विकास इस चुनाव में बहुत बड़ा मुद्दा होगा. बेरोजगारी भी बड़ा मुद्दा होगा.

प्रश्न : कहा जाता है कि समाजवादी पार्टी की पिछली सरकार में काफी काम हुए. यदि विकास का मुद्दा सफल होता तो आप लोग पिछला चुनाव हारते ही क्यों? आपका क्या मानना है?

उत्तर : भारतीय जनता पार्टी के लोग बड़े मायावी हैं. वह उत्तर प्रदेश की भोली-भाली जनता को बहकाने में कामयाब हो गए थे. लेकिन अब जनता समझ रही है कि बहकाने के बाद परिणाम क्या मिला उन्हें. आज किसान गांव में बिजली के लिए परेशान है. नलकूप के पानी के लिए परेशान है. बिजली की बढ़ी दरों के लिए परेशान है. विद्यार्थी पढ़ाई के लिए परेशान है. लोगों ने यह सोचा था कि भाजपा कोई बहुत बड़ा करिश्मा कर देगी लेकिन करिश्मा तो किया नहीं. भाजपा तो सारे वादों पर फेल है. यही कारण है कि आज जनता इनसे ऊब चुकी है और वह विकास के मुद्दे पर अखिलेश यादव को चुनेगी.

प्रश्न : भाजपा चुनाव के लिए बड़ी तैयारी कर रही है. मायावती जी दिल्ली छोड़ लखनऊ आ गई हैं. छोटे दल भी बहुत सक्रिय हैं. हालांकि समाजवादी पार्टी की तैयारी उस तरह नहीं दिखाई दे रही है. आपको क्या लगता है?

उत्तर : सपा की तैयारी युद्धस्तर पर है. हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष रोज पार्टी कार्यालय पर 6-7 घंटे बैठते हैं. कार्यकर्ता एवं नेताओं से मिलते हैं. प्रदेश से जो पीड़ित जनता आती है, उससे मिलते हैं. उनका फोकस सिर्फ और सिर्फ चुनाव पर है. यह सही है कि 2022 का चुनाव बहुत महत्वपूर्ण है. कोविड के कारण पिछले दो साल में सबके कार्यक्रम रुक गए हैं, लेकिन अखिलेश यादव आज लगातार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और फोन के माध्यम से लोगों से जुड़े रहे हैं. प्रदेश के पहले नेता हैं, जो लोगों से सीधे जुड़े रहते हैं. वह संगठन पर काम कर रहे हैं.

प्रश्न : असदुद्दीन ओवैसी और ओम प्रकाश राजभर का गठबंधन हो रहा है. समाजवादी पार्टी का आधार वोट बैंक माना जाने वाला मुस्लिम मतदाता इस गठबंधन में जा सकता है. इसको आप किस तरह से देखते हैं?

उत्तर : समाजवादी पार्टी का कोई वोट बैंक खिसक नहीं रहा है. बड़ी संख्या में लोग समाजवादी पार्टी से जुड़ रहे हैं. मैं साफ-साफ कहना चाहूंगा कि उत्तर प्रदेश में चुनाव सिर्फ समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच में होगा. प्रदेश के अवाम को तय करना होगा कि वह किसके साथ है. हमने जो हालात देखे हैं, पूरे प्रदेश की जनता अखिलेश यादव के साथ चट्टान की तरह खड़ी है. कोई भी आए इसका असर चुनाव पर नहीं होने वाला है.

यह भी पढ़ें : गांधी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर धरने पर बैठीं प्रियंका

प्रश्न : गठबंधन को लेकर आपकी क्या राय है?

उत्तर : हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष ने पहले ही कहा है कि छोटे दलों से बातचीत का रास्ता खुला है. उसमें जो लोग आएंगे उनका स्वागत है. समाजवादी पार्टी सीधे चुनाव के मैदान में है. हमारी पार्टी चाहती है कि यह सरकार हटे.

प्रश्न : यानी बसपा के साथ गठबंधन का सपा का अनुभव अच्छा नहीं रहा? इसलिए आप किसी बड़े दल से गठबंधन नहीं करेंगे?

उत्तर : देखिए, गठबंधन और प्रयोग में अच्छा बुरा नहीं देखा जाता. बड़े-बड़े प्रयोग किए जाते हैं. कोई फेल होता है तो कोई पास. हमारा गठबंधन था और लंबा चलता लेकिन इसे न हमने छोड़ा है और न छोड़ेंगे. अखिलेश यादव ने बड़े मन और बड़े दिल से गठबंधन किया था. अखिलेश आज भी गरीब, किसान और नौजवान के बीच में हैं. अगर कोई साथ छोड़कर जा रहा है तो उसके बारे में हम कुछ नहीं कहते हैं.

प्रश्न : आप सरकार की आलोचना करते हैं लेकिन सरकार के अपने दावे हैं. आपने के एक एक्सप्रेस वे बनाया था, वह कई बना रहे हैं. अखिलेश जी ने कुछ मेडिकल कॉलेज बनाए थे, वह हर जिले में मेडिकल कॉलेज बना रहे हैं.

उत्तर : मैं पूछना चाहता हूं भाजपा उस एक्सप्रेस-वे का नाम बता दे जो उसने साढ़े चार साल में बनाया हो. पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के लिए हमने जमीन का अधिग्रहण कर दिया था. वह भी नहीं बना पा रहे हैं. अगर वह बता दें कि वह पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन कब करेंगे तो मैं उनको मानूं. एक मेडिकल कॉलेज नया बताएं जो उन्होंने बनाकर शुरू करा दिया हो. सारे मेडिकल कॉलेज अखिलेश यादव की देन हैं. आप सिर्फ लखनऊ को देख लीजिए. क्या इस सरकार में कोई काम हुआ है लखनऊ में?

प्रश्न : अखिलेश यादव ने 2012 के चुनावों में रथ निकाला था जिसका उन्हें व्यापक समर्थन भी मिला था. सपा को स्पष्ट बहुमत मिला था. क्या इस बार अखिलेश यादव कोई रथयात्रा करेंगे?

उत्तर : राष्ट्रीय अध्यक्ष की रथ यात्रा का कार्यक्रम बना है एक साल पहले से. यदि यह कोविड काल न होता तो रथ चल रहा होता. दुर्भाग्य है कि कोविड के कारण सभी चीजें रोकनी पड़ीं. तमाम लोगों की मौतें होने लगीं, हमारी पार्टी गरीबों के साथ खड़ी हुई. अखिलेश जी प्रदेश के एकमात्र ऐसे नेता हैं जिन्हें देखने के लिए लाखों की जनता सड़क पर आती है. अखिलेश यादव ने इसे खुद रोका है लेकिन बहुत जल्दी ये रथ निकलने वाला है.

Last Updated : Jul 16, 2021, 10:41 PM IST
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