ETV Bharat / state

विकास दुबे को पकड़वाने वालों के नाम तय, लेकिन यूपी जाकर इनाम लेने में लग रहा डर - Suresh Kahar

उज्जैन के महाकाल मंदिर में दर्शन के दौरान विकास दुबे को पकड़ने में किसने भूमिका निभाई थी और इनाम राशि किसको दी जाए. इसे लेकर शुक्रवार को कमेटी ने छह नाम देकर एसपी उज्जैन संभाग के आईजी को फाइल भेजी है. जिसके बाद फाइल को आईजी द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार तक पहुंचाने की प्रक्रिया को अंजाम दिया गया है.

एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ल
एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ल
author img

By

Published : Dec 5, 2020, 4:17 PM IST

उज्जैन: कानपुर पुलिस हत्‍याकांड के मुख्‍य आरोपी विकास दुबे बेहद शातिराना अंदाज में तीन राज्‍य क्रॉस करते हुए मध्‍य प्रदेश के उज्जैन पहुंचा था. एनकाउंटर में मारे जाने से पहले पूछताछ में उसने पुलिस को कई अहम जानकारियां दी थीं. वहीं जब विकास दुबे महाकाल मंदिर के थोड़े ही पास में लगी फूल प्रसाद की दुकान पर पहुंचा था, तो विक्रेता ने उसे पहचान लिया और तत्काल मंदिर के सुरक्षा गार्ड को अलर्ट कर महाकाल मंदिर पुलिस को सूचित किया था. जिसके बाद तत्कालीन एसपी मनोज कुमार सिंह के निर्देशन में एक टीम गठित कर आरोपी को धर लिया गया था.

कमेटी को जांच के लिए निर्देश दिए गए थे कि आरोपी को पकड़ने में किसने भूमिका निभाई थी और इनाम राशि किसको दी जाए. इसी सिलसिले में शुक्रवार को कमेटी ने छह नाम देकर एसपी ने उज्जैन संभाग के आईजी को फाइल भेज दी थी, जिसके बाद फाइल को आईजी द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार तक पहुंचाने की प्रक्रिया को अंजाम दिया गया है.

कानपुर पुलिस हत्‍याकांड

सबसे पहले फूल विक्रेता ने की थी पहचान

उत्तर प्रदेश के कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर फरारी काट रहा विकास दुबे 6 दिन बाद उज्जैन के महाकाल मंदिर पहुंचा. यहां से सबसे पहले मंदिर के बाहर हार-फूल बेचने वाले सुरेश कहार ने उसे पहचाना, उसने मंदिर के निजी सिक्योरिटी गार्ड राहुल शर्मा, धर्मेंद्र परमार को बताया कि उसने न्यूज चैनल में विकास दुबे की फोटो देखी थी और उसके बाद ही वह पहचाना गया था. इसके बाद तीनों ने महाकाल चौकी पर तैनात आरक्षक विजय राठौर, जीतेंद्र कुमार और परशुराम को जानकारी दी. तीनों पुलिसकर्मी विकास को हिरासत में लेकर चौकी गए थे.

तीन अधिकारियों की टीम ने तय किए नाम

अपर पुलिस अधीक्षक के तीन अधिकारियों की टीम ने तय किए नाम पांच लाख के इनामी बदमाश विकास दुबे को पकड़वाने वाले लोगों के नाम पता करने के लिए तत्कालीन एसपी मनोज कुमार सिंह ने अपर पुलिस अधीक्षक की एक टीम तैयार की थी, जिसमें एएसपी अमरेंद्र सिंह, एएसपी आकाश भूरिया और तत्कालीन एएसपी रूपेश त्रिवेदी शामिल थे. टीम ने जहां-जहां विकास दुबे गया वहां पूछताछ और तमाम सीसीटीवी फुटेज के साथ ही चश्मदीद के बयान लिए तब जाकर यहां से नाम फाइनल कर रिपोर्ट सौंपी गई.

राजस्थान से उज्जैन पहुंचा था विकास दुबे

उत्तर प्रदेश के कानपुर से सीओ देवेंद्र मिश्रा समेत आठ-आठ पुलिसकर्मियों को मौत के घाट उतारकर फरार हुआ कुख्यात बदमाश विकास दुबे राजस्थान होते हुए उज्जैन पहुंचा था, जिसके बाद राजस्थान के अलवर से झालावाड़ तक राजस्थान परिवहन की बस से आया और वहां से निजी बस से उज्जैन पहुंचा और बाबा महाकाल दर्शन किए.

सुरेश कहार को इनाम की राशि लेने में डर

विकास दुबे को सबसे पहले पहचानने वाले फूल-प्रसाद विक्रेता सुरेश कहार को खुशी के साथ-साथ डर भी है. उसका कहना है कि राशि से में अच्छा रोजगार स्थापित तो कर लूंगा. लेकिन वहां जाकर राशि लेना मेरे लिए चिंताजनक है. मुझे सुरक्षा चाहिए उसका एक दिव्यांग बच्चा है, जिसकी वजह से उसे डर है कि उसे कुछ हो गया तो परिवार को कौन संभालेगा.

कमेटी गठित की गई थी, जिसकी रिपोर्ट आज प्राप्त हुई है, इसमें छह नाम मिले हैं. अब आगे जो भी प्रक्रिया होगी उसे पूरा किया जाएगा. वहीं सुरेश कहर के डर पर एसपी ने कहा कि ऐसा है तो राशि लेने जाने की स्थिति में सभी को सुरक्षा दी जाएगी.

सत्येंद्र कुमार शुक्ल, एसपी

उज्जैन: कानपुर पुलिस हत्‍याकांड के मुख्‍य आरोपी विकास दुबे बेहद शातिराना अंदाज में तीन राज्‍य क्रॉस करते हुए मध्‍य प्रदेश के उज्जैन पहुंचा था. एनकाउंटर में मारे जाने से पहले पूछताछ में उसने पुलिस को कई अहम जानकारियां दी थीं. वहीं जब विकास दुबे महाकाल मंदिर के थोड़े ही पास में लगी फूल प्रसाद की दुकान पर पहुंचा था, तो विक्रेता ने उसे पहचान लिया और तत्काल मंदिर के सुरक्षा गार्ड को अलर्ट कर महाकाल मंदिर पुलिस को सूचित किया था. जिसके बाद तत्कालीन एसपी मनोज कुमार सिंह के निर्देशन में एक टीम गठित कर आरोपी को धर लिया गया था.

कमेटी को जांच के लिए निर्देश दिए गए थे कि आरोपी को पकड़ने में किसने भूमिका निभाई थी और इनाम राशि किसको दी जाए. इसी सिलसिले में शुक्रवार को कमेटी ने छह नाम देकर एसपी ने उज्जैन संभाग के आईजी को फाइल भेज दी थी, जिसके बाद फाइल को आईजी द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार तक पहुंचाने की प्रक्रिया को अंजाम दिया गया है.

कानपुर पुलिस हत्‍याकांड

सबसे पहले फूल विक्रेता ने की थी पहचान

उत्तर प्रदेश के कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर फरारी काट रहा विकास दुबे 6 दिन बाद उज्जैन के महाकाल मंदिर पहुंचा. यहां से सबसे पहले मंदिर के बाहर हार-फूल बेचने वाले सुरेश कहार ने उसे पहचाना, उसने मंदिर के निजी सिक्योरिटी गार्ड राहुल शर्मा, धर्मेंद्र परमार को बताया कि उसने न्यूज चैनल में विकास दुबे की फोटो देखी थी और उसके बाद ही वह पहचाना गया था. इसके बाद तीनों ने महाकाल चौकी पर तैनात आरक्षक विजय राठौर, जीतेंद्र कुमार और परशुराम को जानकारी दी. तीनों पुलिसकर्मी विकास को हिरासत में लेकर चौकी गए थे.

तीन अधिकारियों की टीम ने तय किए नाम

अपर पुलिस अधीक्षक के तीन अधिकारियों की टीम ने तय किए नाम पांच लाख के इनामी बदमाश विकास दुबे को पकड़वाने वाले लोगों के नाम पता करने के लिए तत्कालीन एसपी मनोज कुमार सिंह ने अपर पुलिस अधीक्षक की एक टीम तैयार की थी, जिसमें एएसपी अमरेंद्र सिंह, एएसपी आकाश भूरिया और तत्कालीन एएसपी रूपेश त्रिवेदी शामिल थे. टीम ने जहां-जहां विकास दुबे गया वहां पूछताछ और तमाम सीसीटीवी फुटेज के साथ ही चश्मदीद के बयान लिए तब जाकर यहां से नाम फाइनल कर रिपोर्ट सौंपी गई.

राजस्थान से उज्जैन पहुंचा था विकास दुबे

उत्तर प्रदेश के कानपुर से सीओ देवेंद्र मिश्रा समेत आठ-आठ पुलिसकर्मियों को मौत के घाट उतारकर फरार हुआ कुख्यात बदमाश विकास दुबे राजस्थान होते हुए उज्जैन पहुंचा था, जिसके बाद राजस्थान के अलवर से झालावाड़ तक राजस्थान परिवहन की बस से आया और वहां से निजी बस से उज्जैन पहुंचा और बाबा महाकाल दर्शन किए.

सुरेश कहार को इनाम की राशि लेने में डर

विकास दुबे को सबसे पहले पहचानने वाले फूल-प्रसाद विक्रेता सुरेश कहार को खुशी के साथ-साथ डर भी है. उसका कहना है कि राशि से में अच्छा रोजगार स्थापित तो कर लूंगा. लेकिन वहां जाकर राशि लेना मेरे लिए चिंताजनक है. मुझे सुरक्षा चाहिए उसका एक दिव्यांग बच्चा है, जिसकी वजह से उसे डर है कि उसे कुछ हो गया तो परिवार को कौन संभालेगा.

कमेटी गठित की गई थी, जिसकी रिपोर्ट आज प्राप्त हुई है, इसमें छह नाम मिले हैं. अब आगे जो भी प्रक्रिया होगी उसे पूरा किया जाएगा. वहीं सुरेश कहर के डर पर एसपी ने कहा कि ऐसा है तो राशि लेने जाने की स्थिति में सभी को सुरक्षा दी जाएगी.

सत्येंद्र कुमार शुक्ल, एसपी

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.