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डायरिया की आड़ में, कोरोना बच्चों को ले रहा चपेट में - बच्चों में कोरोना

कोरोना की दूसरी लहर में बच्चे भी संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं. बालरोग विशेषज्ञों का कहना है कि अगर बच्चों में डायरिया या निमोनिया के लक्षण दिखे तो बच्चों को तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं. उनका कहना है कि कई ऐसे मामलों में देखा गया है कि डायरिया से पीड़ित बच्चों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है.

डायरिया की आड़ में कोरोना.
डायरिया की आड़ में कोरोना.
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Published : May 14, 2021, 4:35 PM IST

लखनऊः कोरोना की पहली लहर में बच्चों को कोरोना वायरस से कोई खतरा नहीं था, लेकिन वर्तमान समय में बच्चे भी कोरोना वायरस की चपेट में आ रहे हैं. इस समय अगर पेरेंट्स किसी बालरोग चिकित्सक को दिखाने लेकर जा रहे हैं तो विशेषज्ञ का भी यही कहना होता है कि अगर वर्तमान समय में बच्चे के पेट में दर्द के साथ ऐठन हो रही है, तो जाहिर सी बात है, बच्चे को डायरिया की शिकायत है. विशेषज्ञों का कहना है कि इस समय बच्चों में डायरिया का बढ़ना कोरोना वायरस की ही देन है. विशेषज्ञ बतातें हैं कि बच्चों में संक्रमण के लक्षण वयस्कों से बहुत अलग नहीं हैं. बच्चों में संक्रमण के बाद डायरिया के मामले अधिक देखे जा रहे हैं. इसलिए बच्चे को अचानक डायरिया हो तो कोरोना की जांच जरूर कराएं.

रिपोर्ट.

पेट में दर्द के साथ हो ऐठन तो दिखाएं डॉक्टर को

बलरामपुर अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. हिमांशु ने बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण बच्चों में पेट संबंधी तकलीफ अधिक देखने को मिल रही है. उन्होंने कहा कि, हो सकता है कि बच्चा तकलीफ न बताए पाए या अपनी दिक्कत को समझ न पाए. अभिभावक ध्यान रखें कि अगर बच्चा बार-बार पेट पकड़ रहा है, खाना नहीं खा रहा है, उसका स्वभाव अचानक बदल रहा है, बच्चा चिड़चिड़ा हो रहा है तो बिना देर किए डॉक्टर से परामर्श लें. बच्चे लक्षण नहीं बता पाएंगे, लेकिन जांच से उनमें वायरस का पता चल सकता है. उन्होंने बताया कि बच्चों में अभी तक संक्रमण बहुत अधिक हावी नहीं हो रहा है और सामान्य इलाज से बच्चे आसानी से ठीक भी हो रहे हैं. इसलिए समय रहते बच्चे को डॉक्टर के पास ले जाएं और बच्चों का विशेष ख्याल रखें.

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हाई रिस्क वाले बच्चों को लेकर बरतनी होगी सावधानी

डॉ. हिमांशु बताते हैं कि कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों पर वायरस के हमले का अनुमान लगाया जा रहा है. क्योंकि दूसरी लहर में बच्चों पर वायरस का प्रभाव पड़ा है. जिसके कारण उन्हें डायरिया की शिकायत हो रही है, लेकिन माता-पिता संक्रमण को पहचान नहीं कर पा रहे हैं. अभिभावकों को हाई रिस्क वाले बच्चों जैसे अस्थमा, हृदयरोग, कैंसर, मधुमेह समेत अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित बच्चों को लेकर अधिक सावधानी बरतनी होगी. ऐसे बच्चों को बदले हुए स्ट्रेन से संक्रमण हुआ तो इनकी स्थिति बिगड़ सकती है. जिन बच्चों की कीमोथैरेपी चल रही है, उनको लेकर बहुत अधिक सतर्क रहना होगा. बच्चों का विशेष ख्याल रखें.

एक फीसदी से कम बच्चों को निमोनिया

उन्होंने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर में पूरा परिवार संक्रमित हो रहा है. ऐसे में बच्चों में भी संक्रमण का खतरा बढ़ा है. बच्चों पर भी वायरस का प्रभाव पड़ रहा है. जिसकी वजह से बच्चों को डायरिया और निमोनिया जैसी बीमारी हो रही है, लेकिन अच्छी बात ये है कि बच्चों में गंभीर मामले नहीं दिखे हैं. संक्रमित बच्चों में निमोनिया की तकलीफ भी एक फीसदी से कम बच्चों में मिली है और वेंटिलेटर सपोर्ट की जरूरत भी एक फीसदी से कम बच्चों को पड़ी है.

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केजीएमयू में 32 संक्रमित बच्चे भर्ती

केजीएमयू कोविड इंचार्ज डॉ. जेडी रावत बताते हैं कि कोरोना की दूसरी लहर में बच्चों पर असर पड़ा हैं. ऐसे में केजीएमयू कोविड सेंटर में कुल 32 बच्चे ऐसे आए, जिनकी कोविड-19 रिपोर्ट पॉजिटिव आई. वहीं लोहिया अस्पताल के पीडियाट्रिक डॉ. श्रीकेश सिंह ने बताया कि लोहिया अस्पताल में 18 बच्चे की रिपोर्ट कोविड पॉजिटिव आई. कई सारे बच्चे ऐसे हैं, जिन्हें डायरिया की शिकायत हो रही है, लेकिन पेरेंट्स को समझना होगा कि डायरिया की आड़ में कोरोना वायरस उनके बच्चे को अपनी चपेट में ले रहा है.

ऐसे बरतें सावधानी

  • बच्चों को ठंडा पानी न पीने दें.
  • बच्चा जब भी पानी पिए तो गर्म या हल्का गुनगुना पिए.
  • ताजे फल खिलाएं.
  • बच्चों के खानपान का एक रूटीन तय करें.
  • रोज सुबह योगा कराएं.
  • बच्चों को अच्छी-अच्छी कहानी सुनाए, जिससे उनका मन खुश रहें.
  • फास्ट फूड से दूर रखें.
  • खाने में मूंग की दाल की खिचड़ी खिलाएं.

लखनऊः कोरोना की पहली लहर में बच्चों को कोरोना वायरस से कोई खतरा नहीं था, लेकिन वर्तमान समय में बच्चे भी कोरोना वायरस की चपेट में आ रहे हैं. इस समय अगर पेरेंट्स किसी बालरोग चिकित्सक को दिखाने लेकर जा रहे हैं तो विशेषज्ञ का भी यही कहना होता है कि अगर वर्तमान समय में बच्चे के पेट में दर्द के साथ ऐठन हो रही है, तो जाहिर सी बात है, बच्चे को डायरिया की शिकायत है. विशेषज्ञों का कहना है कि इस समय बच्चों में डायरिया का बढ़ना कोरोना वायरस की ही देन है. विशेषज्ञ बतातें हैं कि बच्चों में संक्रमण के लक्षण वयस्कों से बहुत अलग नहीं हैं. बच्चों में संक्रमण के बाद डायरिया के मामले अधिक देखे जा रहे हैं. इसलिए बच्चे को अचानक डायरिया हो तो कोरोना की जांच जरूर कराएं.

रिपोर्ट.

पेट में दर्द के साथ हो ऐठन तो दिखाएं डॉक्टर को

बलरामपुर अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. हिमांशु ने बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण बच्चों में पेट संबंधी तकलीफ अधिक देखने को मिल रही है. उन्होंने कहा कि, हो सकता है कि बच्चा तकलीफ न बताए पाए या अपनी दिक्कत को समझ न पाए. अभिभावक ध्यान रखें कि अगर बच्चा बार-बार पेट पकड़ रहा है, खाना नहीं खा रहा है, उसका स्वभाव अचानक बदल रहा है, बच्चा चिड़चिड़ा हो रहा है तो बिना देर किए डॉक्टर से परामर्श लें. बच्चे लक्षण नहीं बता पाएंगे, लेकिन जांच से उनमें वायरस का पता चल सकता है. उन्होंने बताया कि बच्चों में अभी तक संक्रमण बहुत अधिक हावी नहीं हो रहा है और सामान्य इलाज से बच्चे आसानी से ठीक भी हो रहे हैं. इसलिए समय रहते बच्चे को डॉक्टर के पास ले जाएं और बच्चों का विशेष ख्याल रखें.

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हाई रिस्क वाले बच्चों को लेकर बरतनी होगी सावधानी

डॉ. हिमांशु बताते हैं कि कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों पर वायरस के हमले का अनुमान लगाया जा रहा है. क्योंकि दूसरी लहर में बच्चों पर वायरस का प्रभाव पड़ा है. जिसके कारण उन्हें डायरिया की शिकायत हो रही है, लेकिन माता-पिता संक्रमण को पहचान नहीं कर पा रहे हैं. अभिभावकों को हाई रिस्क वाले बच्चों जैसे अस्थमा, हृदयरोग, कैंसर, मधुमेह समेत अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित बच्चों को लेकर अधिक सावधानी बरतनी होगी. ऐसे बच्चों को बदले हुए स्ट्रेन से संक्रमण हुआ तो इनकी स्थिति बिगड़ सकती है. जिन बच्चों की कीमोथैरेपी चल रही है, उनको लेकर बहुत अधिक सतर्क रहना होगा. बच्चों का विशेष ख्याल रखें.

एक फीसदी से कम बच्चों को निमोनिया

उन्होंने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर में पूरा परिवार संक्रमित हो रहा है. ऐसे में बच्चों में भी संक्रमण का खतरा बढ़ा है. बच्चों पर भी वायरस का प्रभाव पड़ रहा है. जिसकी वजह से बच्चों को डायरिया और निमोनिया जैसी बीमारी हो रही है, लेकिन अच्छी बात ये है कि बच्चों में गंभीर मामले नहीं दिखे हैं. संक्रमित बच्चों में निमोनिया की तकलीफ भी एक फीसदी से कम बच्चों में मिली है और वेंटिलेटर सपोर्ट की जरूरत भी एक फीसदी से कम बच्चों को पड़ी है.

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केजीएमयू में 32 संक्रमित बच्चे भर्ती

केजीएमयू कोविड इंचार्ज डॉ. जेडी रावत बताते हैं कि कोरोना की दूसरी लहर में बच्चों पर असर पड़ा हैं. ऐसे में केजीएमयू कोविड सेंटर में कुल 32 बच्चे ऐसे आए, जिनकी कोविड-19 रिपोर्ट पॉजिटिव आई. वहीं लोहिया अस्पताल के पीडियाट्रिक डॉ. श्रीकेश सिंह ने बताया कि लोहिया अस्पताल में 18 बच्चे की रिपोर्ट कोविड पॉजिटिव आई. कई सारे बच्चे ऐसे हैं, जिन्हें डायरिया की शिकायत हो रही है, लेकिन पेरेंट्स को समझना होगा कि डायरिया की आड़ में कोरोना वायरस उनके बच्चे को अपनी चपेट में ले रहा है.

ऐसे बरतें सावधानी

  • बच्चों को ठंडा पानी न पीने दें.
  • बच्चा जब भी पानी पिए तो गर्म या हल्का गुनगुना पिए.
  • ताजे फल खिलाएं.
  • बच्चों के खानपान का एक रूटीन तय करें.
  • रोज सुबह योगा कराएं.
  • बच्चों को अच्छी-अच्छी कहानी सुनाए, जिससे उनका मन खुश रहें.
  • फास्ट फूड से दूर रखें.
  • खाने में मूंग की दाल की खिचड़ी खिलाएं.
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