लखनऊ: राजधानी लखनऊ के लक्ष्मण मेला मैदान (Laxman fair ground of capital Lucknow) के सामने बस्ती में सीवर की खुदाई से फुटपाथ धंस गया. इससे तीन मकानों में दरार आ गई है. जिन घरों में दरारें आई हैं, उन घरों को प्रशासन ने खाली करवा दिया है और वे लोग अब सड़क के किनारे रहने को मजबूर है. आपको बता दें कि लखनऊ में स्मार्ट सिटी योजना के तहत सीवर लाइन डालने का काम जल निगम विभाग की ओर से करवाया जा रहा है. हालांकि, काम करने वाली कंपनी इसमें लापरवाही कर रही है. इससे पहले भी कई जगह इसी तरीके से लापरवाही के मामले सामने आ चुके हैं. अब लक्ष्मण मेला मैदान के सामने मुख्य सड़क के नीचे बसी बस्ती में लापरवाही सामने आई है.
यहां पर गहरी लाइन के बड़ी मेनहोल चेंबर के लिए हुई खुदाई से करीब 5 मीटर के दायरे में घरों के सामने का फुटपाथ बैठ गया है. घरों में दरार आने के बाद भी काम को सुचारू रूप से किया जा रहा है. परिवारवालों ने ईटीवी भारत को बताया कि उन लोगों के लिए ठेकेदार की तरफ से कोई भी व्यवस्था नहीं की गई.
वहीं, गोमती प्रदूषण नियंत्रण इकाई के महाप्रबंधक अभिनेंद्र सिंह भाटी ने ईटीवी भारत को बताया कि उन्होंने पहले उन लोगों के लिए फ्लैट देने की बात कही थी और पीड़ित परिवारों ने फ्लैट लेने से मना कर दिया. इसके बाद उन लोगों के लिए वहीं तंबू लगा दिया गया है और वे लोग वहीं पर अब गुजर-बसर कर रहे हैं.
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ईटीवी भारत ने जब अभिनेंद्र सिंह भाटी से सवाल किया तो वे अवैध और वैध का सर्टिफिकेट देने लगे. उन्होंने कहा कि वे लोग अवैध तरीके से यहां पर रह रहे हैं. ऐसे में अब बड़ा सवाल यही उठता है कि क्या अब जल निगम वाले पहले किसी के घरों में दरार डालेंगे और फिर बाद में उसे वैध और अवैध घोषित करेंगे. क्या अब ये मान लिया जाए कि नगर निगम ही बताएगा की किसका घर वैध है किसका घर अवैध है?
कुल मिलाकर सच्चाई यह है कि जल निगम विभाग की ओर से एक तरह से संदेश दिया जा रहा है कि आप अपनी आवाज को मुखर नहीं कर सकते हैं. क्योंकि आप यहां पर अवैध तरीके से रह रहे हैं और इसी तरीके से घरों में दरारें आएंगी. अभिनेंद्र सिंह भाटी ने आगे कहा कि अगले दो-चार दिनों में उन लोगों के घरों की मरम्मत करा दी जाएगी और वे लोग पीड़ित परिवारों का पूरा ख्याल रख रहे हैं.
लेकिन दूसरी तरफ पीड़ित परिवारों ने ईटीवी भारत के कैमरे पर कुछ और ही बयां किया जो अभिनेंद्र सिंह भाटी के बयान से बिल्कुल अलग है.
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