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Dengue in Lucknow: ड्यूटी से गायब दिखे डॉक्टर-कर्मचारी, ग्लूकोज की बोतल लेकर घूमने को मजबूर मरीज

लखनऊ में बढ़ते डेंगू के मामले के बाद भी सिविल अस्पताल में डॉक्टर और कर्मचारी लापरवाही बरत रहे हैं. अस्पताल में मरीज खुद दिक्कत होने पर ग्लूकोज की बोतल लेकर स्टाफ रूम की ओर दौड़ लगा रहे हैं. दिन में ही अस्पताल से डॉक्टर-कर्मचारी गायब हैं. जिससे मरीजों को खासी परेशानी उठानी पड़ रही है.

अस्पताल प्रशासन की लापरवाही.
अस्पताल प्रशासन की लापरवाही.
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Published : Nov 3, 2021, 9:33 AM IST

Updated : Nov 3, 2021, 9:54 AM IST

लखनऊ: राजधानी के कुछ इलाकों में डेंगू का कहर जमकर बरपा है. वैसे तो शहर का एक भी ऐसा इलाका नहीं बचा है. जहां डेंगू के मरीज न मिले हो. वहीं इलाके ऐसे भी है. जहां से रोजाना 2 से 4 मरीज डेंगू संक्रमित मिल रहे हैं. डेंगू बुखार से पीड़ित लोग इमरजेंसी में अस्पताल पहुंच रहे हैं. सिविल अस्पताल में वर्तमान में 5 मरीज भर्ती हैं. दीपावली पर्व को देखते हुए तीमारदार थोड़ी स्थिति ठीक होते ही मरीज को घर लेकर चले गए. इसलिए सामान्य डेंगू वार्ड खाली हो गया. अस्पताल में डॉक्टर व कर्मचारी ​इतनी लापरवाही बरत रहे हैं कि मरीज त्रस्त हो गए हैं. रात में तो लापरवाही होती ही है, लेकिन अगर दिन के 2 बजे भी इस तरह की लापरवाही होगी तो इसका जिम्मेदार कौन होगा? मरीज खुद दिक्कत होने पर ग्लूकोज की बोतल लेकर स्टाफ रूम की ओर भाग रहा है. दिन में ही डॉक्टर और कर्मचारी सभी गायब है. मरीज खुद से ही जैसे-तैसे काम कर रहे हैं.

सीएमओ एसके नंदा का कहना है कि ड्यूटी के दौरान जो डॉक्टर व कर्मचारी नहीं थे. उनसे बात करेगें. दोपहर 2 बजे ओपीडी बंद होती है. शिफ्ट बदलती है शायद जिसकी शिफ्ट 2 बजे से थी. वह कर्मचारी व डॉक्टर समय से नहीं आए हैं. उनसे भी बात करेगें.

जानकारी देते मरीज और तीमारदार.

बीते सोमवार को रेडक्रास, अलीगंज, काकोरी, सिलवर जुबली, टूडियागंज, मलिहाबाद, इंदिरानगर, चिनहट, एनके रोड, आलमबाग इलाके से कुल 34 डेंगू मरीज मिले थे. जबकि बीते सोमवार को कुल 3,472 घरों और विभिन्न मच्छरजनित स्थितियों का सर्वेक्षण किया गया था और कुल 12 घरों में मच्छरजनित स्थितियां पाए जाने पर नोटिस जारी किया गया था. ऐसे ही बीते रविवार को 26 डेंगू मरीज मिले थे. वहीं 10 घरों को नोटिस जारी किया गया था. जबकि 3,455 घरों का स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा निरीक्षण किया गया था.

अलीगंज, इंदिरानगर, आलमबाग, टूडियागंज, माल, रेडक्रॉस, गुडंबा, सिल्वर जुबली व ऐशबाग क्षेत्र में बीते शनिवार को डेंगू के 22 नए मरीज पाए गए थे. करीब एक हफ्ते से इन क्षेत्रों में लगातार दर्जन भर से अधिक डेंगू मरीज रोजाना पाए जा रहे हैं. मगर स्वास्थ्य विभाग डेंगू को रोक पाने में नाकाम साबित हो रहा है. हैरानी की बात है कि कुल डेंगू पीड़ितों में 30 फीसद से अधिक मरीज बच्चे हैं. इससे स्वास्थ्य विभाग के सामने चुनौतियां बढ़ गई हैं. विभिन्न अस्पतालों में लगातार बड़ी संख्या में पहुंच रहे बुखार पीड़ितों की जांच में डेंगू की पुष्टि हो रही है. इसमें से काफी मरीजों को अस्पताल में भर्ती कर इलाज किया जा रहा है.



जीका वायरस का भी डर

स्वास्थ्य विभाग सीएमओ के मुताबिक जीका वायरस रोग एक मच्छरजनित नया उभरता रोग है. जीका वायरस जीनस फ्लेविवायस और फैमिली फ्लेविविरिडी के अन्तर्गत आता है. नवीनतम सूचना के अनुसार प्रदेश के कई जिलों में जीका वायरस के कुछ मरीज सामने आए हैं. जिसको देखते हुए जीका वायरस से बचाव के लिए सतर्कता बेहद आवश्यक हैै. जीका वायरस बहुत तेजी से फैलता है. इसके लिए सभी राजकीय एवं निजी चिकित्सलयों, नर्सिग होम, पैथालाजी आदि को दिशा-निर्देश दिए गए हैं.


संभावित बीमारी के शुरुआती लक्षण

-दो सप्ताह पूर्व किसी ऐसे देश की यात्रा की हो जहां जीका रोग का प्रसार होने के साथ.
- बुखार एवं शरीर पर दाने (चकत्ते)
- बुखार (37.2 C) या इससे अधिक अथवा निम्न में से कोई लक्षण.
- जोड़ो या मांसपेशियों में दर्द.
- ऑखें लाल होना (Non purulent conjunctivitis or Conjuctival hyperacmia).
- सिर में दर्द व भारीपन महसूस करना.

रोकथाम एवं नियंत्रण

- जल एकत्रित करने वाले पात्रों का मच्छर के लार्वा व प्यूपा की उपस्थिति हेतु (House index, Container index, Breteau index and pupae index) सर्वेक्षण नियमित रूप से किया जाना चाहिए.
- व्यस्क मच्छरों का सर्वेक्षण लैडिंग/बाइटिंग कलेक्शन, रेस्टिंग कलेक्शन और ओविपॉजिशन ट्रैप द्वारा किया जाना चाहिए.
- वेक्टर नियन्त्रण के लिए भूमिगत पानी का संग्रहण स्थान, बडे़ जल निकायों आदि में लार्वा नष्ट करने वाले कीटनाशकों और लार्वा भक्षण करने वाली मछलियों का प्रयोग उपयोगी है.
- घर के आस-पास पानी जमा न होने.
- पानी से भरे हुए बर्तनों एवं टंकियों को ढक कर रखें.
- समय-समय के अन्तराल पर कूलर को खाली करके साफ कपडे़ से पोछ कर सूखा एवं साफ करने के बाद ही दोबारा प्रयोग करें.
- पूरी बाह के कपड़े पहने.

- बच्चों को घर से बाहर न निकलने दें.
- मच्छर रोधी क्रीम लगाने एवं मच्छरदानी का प्रयोग करें.

इसे भी पढे़ं- अमरोहा में डेंगू के बचाव को लेकर जिला पंचायत अध्यक्ष ललित तंवर ने शुरू की मुहिम

लखनऊ: राजधानी के कुछ इलाकों में डेंगू का कहर जमकर बरपा है. वैसे तो शहर का एक भी ऐसा इलाका नहीं बचा है. जहां डेंगू के मरीज न मिले हो. वहीं इलाके ऐसे भी है. जहां से रोजाना 2 से 4 मरीज डेंगू संक्रमित मिल रहे हैं. डेंगू बुखार से पीड़ित लोग इमरजेंसी में अस्पताल पहुंच रहे हैं. सिविल अस्पताल में वर्तमान में 5 मरीज भर्ती हैं. दीपावली पर्व को देखते हुए तीमारदार थोड़ी स्थिति ठीक होते ही मरीज को घर लेकर चले गए. इसलिए सामान्य डेंगू वार्ड खाली हो गया. अस्पताल में डॉक्टर व कर्मचारी ​इतनी लापरवाही बरत रहे हैं कि मरीज त्रस्त हो गए हैं. रात में तो लापरवाही होती ही है, लेकिन अगर दिन के 2 बजे भी इस तरह की लापरवाही होगी तो इसका जिम्मेदार कौन होगा? मरीज खुद दिक्कत होने पर ग्लूकोज की बोतल लेकर स्टाफ रूम की ओर भाग रहा है. दिन में ही डॉक्टर और कर्मचारी सभी गायब है. मरीज खुद से ही जैसे-तैसे काम कर रहे हैं.

सीएमओ एसके नंदा का कहना है कि ड्यूटी के दौरान जो डॉक्टर व कर्मचारी नहीं थे. उनसे बात करेगें. दोपहर 2 बजे ओपीडी बंद होती है. शिफ्ट बदलती है शायद जिसकी शिफ्ट 2 बजे से थी. वह कर्मचारी व डॉक्टर समय से नहीं आए हैं. उनसे भी बात करेगें.

जानकारी देते मरीज और तीमारदार.

बीते सोमवार को रेडक्रास, अलीगंज, काकोरी, सिलवर जुबली, टूडियागंज, मलिहाबाद, इंदिरानगर, चिनहट, एनके रोड, आलमबाग इलाके से कुल 34 डेंगू मरीज मिले थे. जबकि बीते सोमवार को कुल 3,472 घरों और विभिन्न मच्छरजनित स्थितियों का सर्वेक्षण किया गया था और कुल 12 घरों में मच्छरजनित स्थितियां पाए जाने पर नोटिस जारी किया गया था. ऐसे ही बीते रविवार को 26 डेंगू मरीज मिले थे. वहीं 10 घरों को नोटिस जारी किया गया था. जबकि 3,455 घरों का स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा निरीक्षण किया गया था.

अलीगंज, इंदिरानगर, आलमबाग, टूडियागंज, माल, रेडक्रॉस, गुडंबा, सिल्वर जुबली व ऐशबाग क्षेत्र में बीते शनिवार को डेंगू के 22 नए मरीज पाए गए थे. करीब एक हफ्ते से इन क्षेत्रों में लगातार दर्जन भर से अधिक डेंगू मरीज रोजाना पाए जा रहे हैं. मगर स्वास्थ्य विभाग डेंगू को रोक पाने में नाकाम साबित हो रहा है. हैरानी की बात है कि कुल डेंगू पीड़ितों में 30 फीसद से अधिक मरीज बच्चे हैं. इससे स्वास्थ्य विभाग के सामने चुनौतियां बढ़ गई हैं. विभिन्न अस्पतालों में लगातार बड़ी संख्या में पहुंच रहे बुखार पीड़ितों की जांच में डेंगू की पुष्टि हो रही है. इसमें से काफी मरीजों को अस्पताल में भर्ती कर इलाज किया जा रहा है.



जीका वायरस का भी डर

स्वास्थ्य विभाग सीएमओ के मुताबिक जीका वायरस रोग एक मच्छरजनित नया उभरता रोग है. जीका वायरस जीनस फ्लेविवायस और फैमिली फ्लेविविरिडी के अन्तर्गत आता है. नवीनतम सूचना के अनुसार प्रदेश के कई जिलों में जीका वायरस के कुछ मरीज सामने आए हैं. जिसको देखते हुए जीका वायरस से बचाव के लिए सतर्कता बेहद आवश्यक हैै. जीका वायरस बहुत तेजी से फैलता है. इसके लिए सभी राजकीय एवं निजी चिकित्सलयों, नर्सिग होम, पैथालाजी आदि को दिशा-निर्देश दिए गए हैं.


संभावित बीमारी के शुरुआती लक्षण

-दो सप्ताह पूर्व किसी ऐसे देश की यात्रा की हो जहां जीका रोग का प्रसार होने के साथ.
- बुखार एवं शरीर पर दाने (चकत्ते)
- बुखार (37.2 C) या इससे अधिक अथवा निम्न में से कोई लक्षण.
- जोड़ो या मांसपेशियों में दर्द.
- ऑखें लाल होना (Non purulent conjunctivitis or Conjuctival hyperacmia).
- सिर में दर्द व भारीपन महसूस करना.

रोकथाम एवं नियंत्रण

- जल एकत्रित करने वाले पात्रों का मच्छर के लार्वा व प्यूपा की उपस्थिति हेतु (House index, Container index, Breteau index and pupae index) सर्वेक्षण नियमित रूप से किया जाना चाहिए.
- व्यस्क मच्छरों का सर्वेक्षण लैडिंग/बाइटिंग कलेक्शन, रेस्टिंग कलेक्शन और ओविपॉजिशन ट्रैप द्वारा किया जाना चाहिए.
- वेक्टर नियन्त्रण के लिए भूमिगत पानी का संग्रहण स्थान, बडे़ जल निकायों आदि में लार्वा नष्ट करने वाले कीटनाशकों और लार्वा भक्षण करने वाली मछलियों का प्रयोग उपयोगी है.
- घर के आस-पास पानी जमा न होने.
- पानी से भरे हुए बर्तनों एवं टंकियों को ढक कर रखें.
- समय-समय के अन्तराल पर कूलर को खाली करके साफ कपडे़ से पोछ कर सूखा एवं साफ करने के बाद ही दोबारा प्रयोग करें.
- पूरी बाह के कपड़े पहने.

- बच्चों को घर से बाहर न निकलने दें.
- मच्छर रोधी क्रीम लगाने एवं मच्छरदानी का प्रयोग करें.

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Last Updated : Nov 3, 2021, 9:54 AM IST
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