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लखनऊ: सिविल अस्पताल में संविदा कर्मचारियों के हटाए जाने से व्यवस्था चरमराई

यूपी की राजधानी लखनऊ के सिविल जिला अस्पताल में संविदा कर्मचारियों को हटाए जाने से अस्पताल में मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. 17 कर्मचारियों को बिना किसी नोटिस के अस्पताल से हटा दिया गया है.

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Published : Nov 19, 2019, 10:25 PM IST

सिविल अस्पताल की व्यवस्था चरमराई.

लखनऊ: राजधानी के सिविल जिला अस्पताल में संविदा कर्मचारियों को हटाए जाने के बाद सिविल अस्पताल कि सेवाएं बुरी तरह से चरमरा गई है. इसकी वजह से राजधानी के कोने-कोने से आए मरीजों को तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

सिविल अस्पताल की व्यवस्था चरमराई.

सिविल अस्पताल की व्यवस्था चरमराई

  • लखनऊ के सिविल अस्पताल में 17 कर्मचारियों को बिना किसी नोटिस के अस्पताल से हटा दिया गया है.
  • इसके बाद सिविल अस्पताल की तमाम व्यवस्थाएं चरमरा गई है.
  • वहीं भारी संख्या में सोमवार होने की वजह से मरीजों की संख्या जबरदस्त रही.
  • सिविल अस्पताल में 17 संविदा कर्मचारियों को बिना नोटिस के हटाए जाने के बाद सिविल अस्पताल में व्यवस्थाएं चरमरा गई.
  • इसके चलते पर्चा काउंटर पर भारी मरीजों की भीड़ लगी रही.
  • इससे मरीजों को पर्चा बनवाने में भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा.

यूपी पैरामेडिकल को स्थाई करने के लिए कहा गया है. जिसमें नॉनमेडिकल को स्थाई नहीं किया गया, जिसके चलते इन संविदा कर्मचारियों को सिविल अस्पताल से हटा दिया गया है. ऐसे में एनएचएम से लोगों को सैलरी भी नहीं मिल रही थी. अव्यवस्थाओं को सुधारने के लिए नए लड़कों को ट्रेनिंग दी जा रही है, जिससे कि आने वाले दिनों में किसी भी तरह की किसी भी दिक्कत का सामना मरीज व उनके तीमारदारों को न करना पड़े.
-डॉ. डी. एस. नेगी, निदेशक, सिविल अस्पताल

इसे भी पढ़ें- डीएचएफएल में निवेश के कागज लहरा कर बोले लल्लू, चुप क्यों है योगी सरकार

लखनऊ: राजधानी के सिविल जिला अस्पताल में संविदा कर्मचारियों को हटाए जाने के बाद सिविल अस्पताल कि सेवाएं बुरी तरह से चरमरा गई है. इसकी वजह से राजधानी के कोने-कोने से आए मरीजों को तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

सिविल अस्पताल की व्यवस्था चरमराई.

सिविल अस्पताल की व्यवस्था चरमराई

  • लखनऊ के सिविल अस्पताल में 17 कर्मचारियों को बिना किसी नोटिस के अस्पताल से हटा दिया गया है.
  • इसके बाद सिविल अस्पताल की तमाम व्यवस्थाएं चरमरा गई है.
  • वहीं भारी संख्या में सोमवार होने की वजह से मरीजों की संख्या जबरदस्त रही.
  • सिविल अस्पताल में 17 संविदा कर्मचारियों को बिना नोटिस के हटाए जाने के बाद सिविल अस्पताल में व्यवस्थाएं चरमरा गई.
  • इसके चलते पर्चा काउंटर पर भारी मरीजों की भीड़ लगी रही.
  • इससे मरीजों को पर्चा बनवाने में भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा.

यूपी पैरामेडिकल को स्थाई करने के लिए कहा गया है. जिसमें नॉनमेडिकल को स्थाई नहीं किया गया, जिसके चलते इन संविदा कर्मचारियों को सिविल अस्पताल से हटा दिया गया है. ऐसे में एनएचएम से लोगों को सैलरी भी नहीं मिल रही थी. अव्यवस्थाओं को सुधारने के लिए नए लड़कों को ट्रेनिंग दी जा रही है, जिससे कि आने वाले दिनों में किसी भी तरह की किसी भी दिक्कत का सामना मरीज व उनके तीमारदारों को न करना पड़े.
-डॉ. डी. एस. नेगी, निदेशक, सिविल अस्पताल

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Intro:लखनऊ के सिविल जिला अस्पताल में आज संविदा कर्मचारियों को हटाए जाने के बाद सिविल अस्पताल कि सेवाएं बुरी तरह से चरमरा गई।जिसकी वजह से राजधानी के कोने-कोने से आए मरीजों को तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ा।




Body:लखनऊ के सिविल अस्पताल में 17 कर्मचारियों को आज बिना किसी नोटिस के अस्पताल से हटा दिया गया है। जिसके बाद सिविल अस्पताल की तमाम व्यवस्थाएं चरमरा गयी।वही भारी संख्या में सोमवार होने की वजह से मरीजों की संख्या जबरदस्ती रही। लेकिन सिविल अस्पताल में 17 संविदा कर्मचारियों को बिना नोटिस व अन्य वैकल्पिक व्यवस्था के हटाए जाने के बाद सिविल अस्पताल में व्यवस्थाएं चरमरा गई। इसके चलते सिविल अस्पताल प्रशासन की हालत खराब हो गई। पर्चा काउंटर पर भारी मरीजों की भीड़ लगी रही। इससे मरीजों को पर्चा बनवाने में भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। सिविल अस्पताल के निदेशक डॉ डीएस नेगी से बातचीत में उन्होंने बताया कि यूपी पैरामेडिकल को स्थाई करने के लिए कहा गया है। जिसमें नॉनमेडिकल को स्थाई नहीं किया गया। जिसके चलते इन संविदा कर्मचारियों को सिविल अस्पताल से हटा दिया गया है। ऐसे में एनएचएम से लोगों को सैलरी भी नहीं मिल रही थी।हालांकि आने वाले दिनों में सिविल अस्पताल डॉ डीएस नेगी का कहना है कि अव्यवस्थाओं को सुधारने के लिए नए लड़कों को ट्रेनिंग दी जा रही है जिससे कि आने वाले दिनों में किसी भी तरह की किसी भी दिक्कत का सामना मरीज व उनके तीमारदारों को ना करना पड़े।

बाइट- मरीज
बाइट- मरीज
बाइट- डॉ डी एस नेगी, निदेशक, सिविल अस्पताल




Conclusion:एन्ड
शुभम पाण्डेय
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