लखनऊ: राजधानी के सिविल जिला अस्पताल में संविदा कर्मचारियों को हटाए जाने के बाद सिविल अस्पताल कि सेवाएं बुरी तरह से चरमरा गई है. इसकी वजह से राजधानी के कोने-कोने से आए मरीजों को तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
सिविल अस्पताल की व्यवस्था चरमराई
- लखनऊ के सिविल अस्पताल में 17 कर्मचारियों को बिना किसी नोटिस के अस्पताल से हटा दिया गया है.
- इसके बाद सिविल अस्पताल की तमाम व्यवस्थाएं चरमरा गई है.
- वहीं भारी संख्या में सोमवार होने की वजह से मरीजों की संख्या जबरदस्त रही.
- सिविल अस्पताल में 17 संविदा कर्मचारियों को बिना नोटिस के हटाए जाने के बाद सिविल अस्पताल में व्यवस्थाएं चरमरा गई.
- इसके चलते पर्चा काउंटर पर भारी मरीजों की भीड़ लगी रही.
- इससे मरीजों को पर्चा बनवाने में भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा.
यूपी पैरामेडिकल को स्थाई करने के लिए कहा गया है. जिसमें नॉनमेडिकल को स्थाई नहीं किया गया, जिसके चलते इन संविदा कर्मचारियों को सिविल अस्पताल से हटा दिया गया है. ऐसे में एनएचएम से लोगों को सैलरी भी नहीं मिल रही थी. अव्यवस्थाओं को सुधारने के लिए नए लड़कों को ट्रेनिंग दी जा रही है, जिससे कि आने वाले दिनों में किसी भी तरह की किसी भी दिक्कत का सामना मरीज व उनके तीमारदारों को न करना पड़े.
-डॉ. डी. एस. नेगी, निदेशक, सिविल अस्पताल
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