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लखनऊ: तेजस पर नहीं होगा ठंड का असर, लेट होने के बाद भी मिलेगा मुआवजा - कोहरे के कारण लेट होने पर मिलेगा मुआवजा

तेजस एक्सप्रेस अगर किसी भी कारण से लेट होती है तो आईआरसीटीसी यात्रियों को मुआवजा देगा. ऐसे में ठंड के दिनों में यदि तेजस एक्सप्रेस लेट होती है तो आईआरसीटीसी तो एक घंटे से ज्यादा लेट होने पर यात्रियों को 100 रुपये और 2 घंटे से ज्यादा लेट होने पर 250 रुपये मुआवजा देगा.

तेजस एक्सप्रेस ( फाइल फोटो).
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Published : Nov 11, 2019, 8:49 PM IST

लखनऊ: आने वाले सर्दी के दिनों में तेजस एक्सप्रेस अगर लेट होती है तो भी यात्रियों के मुआवजे पर किसी तरह की कोई आंच नहीं आएगी. उनके लिए आईआरसीटीसी ने जो गाइडलाइन बनाई है, वह कोहरे में तेजस के देरी होने पर भी लागू रहेगी. दरअसल देश की पहली कारपोरेट तेजस एक्सप्रेस ट्रेन जब आईआरसीटीसी ने चलाई थी तो इसके लिए नियम कानून भी तय किए थे, जिसमें साफ तौर पर किसी भी रूप में तेजस एक्सप्रेस के देरी से होने पर मुआवजे का प्रावधान किया गया था.

कोहरे के कारण लेट होने पर भी यात्रियों को मिलेगा मुआवजा.


आईआरसीटीसी ने कही मुआवजा देने की बात
हाल ही में आईआरसीटीसी की तरफ से ये सुनने में आया कि चूंकि कोहरा 'एक्ट आफ गॉड' की श्रेणी में आता है तो ऐसे में अगर तेजस लेट होती है तो भला आईआरसीटीसी की क्या गलती. यात्रियों को भला इसके लिए आईआरसीटीसी क्यों मुआवजा दे. अब 'एक्ट आफ गॉड' यानि भगवान की गलती को भी आईआरसीटीसी ने दरकिनार करते हुए यात्रियों को तेजस एक्सप्रेस के लेट होने पर मुआवजा देने का वादा किया है.


ट्रेन संचालन पर पड़ता है कोहरे का सीधा असर
कोहरे का ट्रेनों के संचालन पर सीधा असर पड़ता है. कोहरे के चलते ट्रेनों की समयसारिणी ट्रैक से उतर जाती है. ट्रेनें अपने समय से काफी लेट चलती हैं, लेकिन रेलवे में कोहरे या फिर अन्य प्राकृतिक आपदाओं के चलते ट्रेन के लेट होने पर यात्रियों को किसी तरह के मुआवजे का कोई प्रावधान नहीं है.


कोहरे के कारण लेट होने पर भी मिलेगा मुआवजा
पहली बार आईआरसीटीसी ने तेजस एक्सप्रेस के संचालन से पहले 'एक्ट आफ गॉड' यानी ईश्वर की गलती होने के बावजूद यात्रियों को मुआवजा देने का नियम बनाया, जिसके चलते अगर सर्दी में भीषण कोहरे के चलते भी अगर तेजस एक्सप्रेस लेट होती है तो एक घंटे से ज्यादा लेट होने पर यात्रियों को 100 रुपये और 2 घंटे से ज्यादा लेट होने पर 250 रुपये मुआवजे के रूप में मिलते रहेंगे.


पहली बार 19 अक्टूबर को लेट हुई थी तेजस एक्सप्रेस
बता दें कि पहली बार 19 अक्टूबर को तेजस एक्सप्रेस लेट हुई थी, जिसके चलते 950 यात्रियों को डेढ़ लाख रुपये से ज्यादा का मुआवजा दिया जा चुका है. इनमें लखनऊ से दिल्ली जाने वाली तेजस के 450 यात्रियों को 1 घंटे से ज्यादा लेट होने पर 100 रुपये तो दिल्ली से लखनऊ आने वाली तेजस ट्रेन के लेट होने पर 500 यात्रियों को प्रति यात्री 250 रुपये आईआरसीटीसी की तरफ से वापस किया गया था.

ये भी पढ़ें- अब मंदिर निर्माण की दिशा में उठेंगे कदम, सब मिलकर करें सहयोग: विनय कटियार


एक माह में 72 लाख रुपये से ज्यादा की कमाई
लखनऊ से दिल्ली के बीच 4 अक्टूबर से शुरू हुई तेजस एक्सप्रेस में एक माह में 72 लाख रुपये से ज्यादा की कमाई की है. गौर करने वाली बात यह भी है कि अब तक कोहरा पड़ना शुरू नहीं हुआ था. ऐसे में सिर्फ एक ही बार तेजस तकनीकी कारणों से लेट हुई, लेकिन अब सर्दी पड़ने वाली है और कोहरे के चलते आए दिन ट्रेनों के संचालन पर असर पड़ेगा. ऐसे में कोहरे में भी अगर तेजस लेट हुई तो तय है कि आईआरसीटीसी को मुआवजा देना होगा. आईआरसीटीसी के अधिकारियों का कहना है कि मुआवजा दिए जाने का क्रम किसी भी तरह से तेजस के लेट होने पर जारी रहेगा.

लखनऊ: आने वाले सर्दी के दिनों में तेजस एक्सप्रेस अगर लेट होती है तो भी यात्रियों के मुआवजे पर किसी तरह की कोई आंच नहीं आएगी. उनके लिए आईआरसीटीसी ने जो गाइडलाइन बनाई है, वह कोहरे में तेजस के देरी होने पर भी लागू रहेगी. दरअसल देश की पहली कारपोरेट तेजस एक्सप्रेस ट्रेन जब आईआरसीटीसी ने चलाई थी तो इसके लिए नियम कानून भी तय किए थे, जिसमें साफ तौर पर किसी भी रूप में तेजस एक्सप्रेस के देरी से होने पर मुआवजे का प्रावधान किया गया था.

कोहरे के कारण लेट होने पर भी यात्रियों को मिलेगा मुआवजा.


आईआरसीटीसी ने कही मुआवजा देने की बात
हाल ही में आईआरसीटीसी की तरफ से ये सुनने में आया कि चूंकि कोहरा 'एक्ट आफ गॉड' की श्रेणी में आता है तो ऐसे में अगर तेजस लेट होती है तो भला आईआरसीटीसी की क्या गलती. यात्रियों को भला इसके लिए आईआरसीटीसी क्यों मुआवजा दे. अब 'एक्ट आफ गॉड' यानि भगवान की गलती को भी आईआरसीटीसी ने दरकिनार करते हुए यात्रियों को तेजस एक्सप्रेस के लेट होने पर मुआवजा देने का वादा किया है.


ट्रेन संचालन पर पड़ता है कोहरे का सीधा असर
कोहरे का ट्रेनों के संचालन पर सीधा असर पड़ता है. कोहरे के चलते ट्रेनों की समयसारिणी ट्रैक से उतर जाती है. ट्रेनें अपने समय से काफी लेट चलती हैं, लेकिन रेलवे में कोहरे या फिर अन्य प्राकृतिक आपदाओं के चलते ट्रेन के लेट होने पर यात्रियों को किसी तरह के मुआवजे का कोई प्रावधान नहीं है.


कोहरे के कारण लेट होने पर भी मिलेगा मुआवजा
पहली बार आईआरसीटीसी ने तेजस एक्सप्रेस के संचालन से पहले 'एक्ट आफ गॉड' यानी ईश्वर की गलती होने के बावजूद यात्रियों को मुआवजा देने का नियम बनाया, जिसके चलते अगर सर्दी में भीषण कोहरे के चलते भी अगर तेजस एक्सप्रेस लेट होती है तो एक घंटे से ज्यादा लेट होने पर यात्रियों को 100 रुपये और 2 घंटे से ज्यादा लेट होने पर 250 रुपये मुआवजे के रूप में मिलते रहेंगे.


पहली बार 19 अक्टूबर को लेट हुई थी तेजस एक्सप्रेस
बता दें कि पहली बार 19 अक्टूबर को तेजस एक्सप्रेस लेट हुई थी, जिसके चलते 950 यात्रियों को डेढ़ लाख रुपये से ज्यादा का मुआवजा दिया जा चुका है. इनमें लखनऊ से दिल्ली जाने वाली तेजस के 450 यात्रियों को 1 घंटे से ज्यादा लेट होने पर 100 रुपये तो दिल्ली से लखनऊ आने वाली तेजस ट्रेन के लेट होने पर 500 यात्रियों को प्रति यात्री 250 रुपये आईआरसीटीसी की तरफ से वापस किया गया था.

ये भी पढ़ें- अब मंदिर निर्माण की दिशा में उठेंगे कदम, सब मिलकर करें सहयोग: विनय कटियार


एक माह में 72 लाख रुपये से ज्यादा की कमाई
लखनऊ से दिल्ली के बीच 4 अक्टूबर से शुरू हुई तेजस एक्सप्रेस में एक माह में 72 लाख रुपये से ज्यादा की कमाई की है. गौर करने वाली बात यह भी है कि अब तक कोहरा पड़ना शुरू नहीं हुआ था. ऐसे में सिर्फ एक ही बार तेजस तकनीकी कारणों से लेट हुई, लेकिन अब सर्दी पड़ने वाली है और कोहरे के चलते आए दिन ट्रेनों के संचालन पर असर पड़ेगा. ऐसे में कोहरे में भी अगर तेजस लेट हुई तो तय है कि आईआरसीटीसी को मुआवजा देना होगा. आईआरसीटीसी के अधिकारियों का कहना है कि मुआवजा दिए जाने का क्रम किसी भी तरह से तेजस के लेट होने पर जारी रहेगा.

Intro:भगवान की गलती से भी अगर लेट होगी तेजस फिर भी यात्रियों के मुआवजे पर नहीं आएगी आंच

लखनऊ। आने वाले सर्दी के दिनों में तेजस एक्सप्रेस अगर भगवान की गलती से भी लेट होती है तो भी यात्रियों के मुआवजे पर किसी तरह की कोई आंच नहीं आएगी। उनके लिए आईआरसीटीसी ने जो गाइडलाइन बनाई है वह कोहरे में तेजस के लेट होने पर भी लागू रहेगी। दरअसल, देश की पहली कारपोरेट तेजस एक्सप्रेस ट्रेन जब आईआरसीटीसी ने चलाई थी तो इसके लिए नियम कानून भी तय किए थे, जिसमें साफ तौर पर किसी भी रूप में तेजस एक्सप्रेस के लेट होने पर मुआवजे का प्रावधान किया गया था। अभी हाल ही में आईआरसीटीसी की तरफ से ये सुनने में आया आवाज कि चूंकि कोहरा 'एक्ट आफ गॉड' की श्रेणी में आता है तो ऐसे में अगर तेजस लेट होती है तो भला आईआरसीटीसी की क्या गलती। यात्रियों को भला इसके लिए आईआरसीटीसी क्यों मुआवजा दे। अब 'एक्ट आफ गॉड' यानि भगवान की गलती को भी आईआरसीटीसी ने दरकिनार करते हुए यात्रियों को तेजस एक्सप्रेस के लेट होने पर मुआवजा देने का वादा किया है।


Body:कोहरे का ट्रेनों के संचालन पर सीधा असर पड़ता है। कोहरे के चलते ट्रेनों की समयसारिणी ट्रैक से उतर जाती है। ट्रेनें अपने समय से काफी लेट चलती हैं लेकिन रेलवे में कोहरे या फिर अन्य प्राकृतिक आपदाओं के चलते ट्रेन के लेट होने पर यात्रियों को किसी तरह के मुआवजे का कोई प्रावधान नहीं है। पहली बार आईआरसीटीसी ने तेजस एक्सप्रेस के संचालन से पहले एक्ट आफ गार्ड यानी ईश्वर की गलती होने के बावजूद यात्रियों को मुआवजा देने का नियम बनाया जिसके चलते अगर सर्दी में भीषण कोहरे के चलते भी अगर तेजस एक्सप्रेस लेट होती है तो एक घंटे से ज्यादा लेट होने पर यात्रियों को ₹100 और 2 घंटे से ज्यादा लेट होने पर ₹250 मुआवजे के रूप में मिलते रहेंगे। बता दें कि कोहरे के अलावा अन्य दैवीय आपदाएं 'एक्ट आफ गॉड' की श्रेणी में आती हैं, फिर भी इन सभी वजहों से भी तेजस के लेट होने पर यात्रियों के मुआवजे पर कोई असर नहीं पड़ेगा।


Conclusion:बता दें पहली बार 19 अक्टूबर को तेजस एक्सप्रेस लेट हुई थी जिसके चलते 950 यात्रियों को डेढ़ लाख रुपए से ज्यादा का मुआवजा भी दिया जा चुका है। इनमें लखनऊ से दिल्ली जाने वाली तेजस के 450 यात्रियों को 1 घंटे से ज्यादा लेट होने पर ₹100 तो दिल्ली से लखनऊ आने वाली तेजस ट्रेन के लेट होने पर 500 यात्रियों को प्रति यात्री 250 रुपए आईआरसीटीसी की तरफ से वापस किया गया था। बता दें कि लखनऊ से दिल्ली के बीच 4 अक्टूबर से शुरू हुई तेजस एक्सप्रेस में एक माह में 72 लाख रुपए से ज्यादा की कमाई की है। गौर करने वाली बात यह भी है कि अब तक कोहरा पड़ना शुरू नहीं हुआ था ऐसे में सिर्फ एक ही बार तेजस तकनीकी कारणों से लेट हुईज़ लेकिन अब सर्दी पड़ने वाली है और कोहरे के चलते आए दिन ट्रेनों के संचालन पर असर पड़ेगा। ऐसे में कोहरे में भी अगर तेजस लेट हुई तो तय है कि आईआरसीटीसी को मुआवजा भरने के लिए तैयार भी रहना होगा। आईआरसीटीसी के अधिकारियों का कहना है कि मुआवजा दिए जाने का क्रम किसी भी तरह से तेजस के लेट होने पर जारी रहेगा। ईश्वर की गलती भी यात्रियों के मुआवजे को प्रभावित नहीं करेगी।

बाइट: अश्विनी श्रीवास्तव: मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक, आईआरसीटीसी


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