लखनऊ: चारबाग रेलवे स्टेशन (Charbagh Railway Station) पर इंटीग्रेटेड पार्किंग के शुरू होने के बाद यात्रियों की दिक्कतों में इजाफा हो गया है. उन्हें चार पहिया वाहन के लिए भारी-भरकम भुगतान करना पड़ रहा है. चारबाग रेलवे स्टेशन की तरफ चार पहिया वाहन से आने वालों को चार कदम ही आगे बढ़ने पर कैब वे का इस्तेमाल करते ही 80 रुपये का न्यूनतम भुगतान करना पड़ रहा है. इससे यात्री परेशान हो गए हैं. अलग-अलग चार्ज को लेकर आये दिन लखनऊ जंक्शन और चारबाग रेलवे स्टेशन पर विवाद हो रहा है. सबसे ज्यादा नुकसान कैब बुक करने वाले यात्रियों को है. कॉमर्शियल वाहनों के लिए इंटीग्रेटेड पार्किंग की शुरूआती दो घंटे की फीस 20 रुपये है और कैब-वे का चार्ज 60 रुपये. कुल मिलाकर यात्री को 80 रुपये का भुगतान करना पड़ रहा है.
चारबाग रेलवे स्टेशन पर इंटीग्रेटेड पार्किंग शुरू हुए करीब एक महीने का समय हो रहा है. पहले 10 मिनट के लिए प्राइवेट गाड़ियों को कोई भुगतान नहीं करना होता है, लेकिन कॉमर्शियल वाहनों के ऊपर यह छूट लागू नहीं है. ऐसे में विभिन्न स्थानों से स्टेशन पर पहुंचने वाले यात्री को कैब बुक करने का तो पैसा चुकाना ही पड़ रहा है, साथ हीपार्किंग शुल्क भी उन्हें ही देना पड़ रहा है. इसके अलावा पूर्वोत्तर रेलवे के लखनऊ जंक्शन के प्लेटफॉर्म नंबर छह के बगल से बने कैब-वे पर कॉमर्शियल वाहनों के गुजरने का शुल्क 60 रुपये का भुगतान करना होता है.
ऐसे में इंटीग्रेटेड पार्किंग से 20 रुपए चुकाने हुए कैब-वे का प्रयोग करने वाले व्यावसायिक वाहनों में सवार यात्रियों को 80 रुपए चुकाने हो रहे हैं. इतना ही नहीं इंटीग्रेटेड पार्किंग से पहले 10 मिनट तक फ्री प्राइवेट वाहन वालों को भी इंटीग्रेटेड पार्किंग और लखनऊ जंक्शन के कैब वे से गुजरने के दौरान कई बार विवाद के चलते 20 रुपये चुकाने पड़ जाते हैं. इससे और भी ज्यादा विवाद की स्थिति उत्पन्न हो जाती है.
उत्तर रेलवे की सीनियर डीसीएम रेखा शर्मा का कहना है कि कैब-वे की पर्ची दिखाने के बाद इंटीग्रेटेड पार्किंग का कोई भी शुल्क नहीं लेना चाहिए. इसके लिए सख्त निर्देश जारी किए जाएंगे जिससे यात्रियों को कोई दिक्कत न हो. पूर्वोत्तर रेलवे के सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह ने बताया कि कैब-वे संचालकों और अधिकारियों से बात कर हल निकाला जाएगा. यात्रियों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा.
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