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लखनऊ: ट्रेनों के संचालन से संबंधित फर्जी विज्ञापन कर रहे यात्रियों को गुमराह

रेलवे से संबंधित फर्जी विज्ञापनों से रेलवे के अधिकारी भी परेशान हो गए हैं. अभी हाल ही में एक विज्ञापन सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है कि ट्रेनों का निरस्तीकरण बढ़ाकर 30 सितंबर कर दिया गया है, जिसका रेलवे ने खंडन किया है.

फर्जी विज्ञापनों से गुमराह हो रहे यात्री.
रेलवे से संबंधित फर्जी विज्ञापनों से रेलवे के अधिकारी भी परेशान हो गए हैं.
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Published : Aug 11, 2020, 9:24 AM IST

लखनऊ : रेलवे से संबंधित फर्जी विज्ञापनों से रेलवे के अधिकारी भी परेशान हो गए हैं. अभी हाल ही में एक विज्ञापन सोशल मीडिया पर वायरस हो रहा है कि ट्रेनों का निरस्तीकरण बढ़ाकर 30 सितंबर कर दिया गया है, जिसका रेलवे ने खंडन किया है.

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रेलवे से संबंधित फर्जी विज्ञापनों से रेलवे के अधिकारी भी परेशान हो गए हैं.
दरअसल, सोमवार को रेलवे बोर्ड का एक आदेश जारी हुआ. इसमें यह कहा गया कि कोरोना संक्रमण की वजह से निरस्त चल रहीं नियमित ट्रेनों का निरस्तीकरण बढ़ाकर 30 सितंबर तक कर दिया गया है. जबकि अभी तक इनका निरस्तीकरण 12 अगस्त तक था. देर शाम तक यह खबर सोशल मीडिया से लेकर यात्रियों तक वायरल हो गई. इसी बीच रेलवे अधिकारियों को जब इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने इसका स्पष्ट खंडन किया. उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज सिंह ने बताया कि ट्रेनों के निरस्तीकरण बढ़ाने के लिए अभी बोर्ड की ओर से कोई भी आदेश नहीं हुआ है. सोशल मीडिया पर आदेश की जो कॉपी वायरल हो रही है, वह फर्जी है.

उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले एक फर्जी विज्ञापन छपा था, जिसमें यह बताया गया कि एवस्ट्रोन इन्फोटेक की ओर से रेलवे की भर्तियां की जा रही हैं. इसमें रेलवे में जूनियर असिस्टेंट, कंट्रोलर, बुकिंग क्लर्क सहित अन्य कई पदों पर भर्तियां की जा रही हैं. जैसे ही मामले की जानकारी मिली, उक्त विज्ञापन का खंडन किया गया. अखबार में छपा यह विज्ञापन पूरी तरीके से फर्जी था. उनके मुताबिक लॉकडाउन के चलते बेरोजगारी में बढ़ोतरी हुई है. ऐसे में ठग और दलाल भी सक्रिय हो गए हैं. ठग फर्जी आदेशों के जरिए यात्रियों को बरगलाने व लूटने का काम कर रहे हैं.

उन्होंने बताया कि फिलहाल अभी तक नियमित ट्रेनों के निरस्तीकरण को लेकर कोई नया आदेश भारतीय रेलवे की तरफ से जारी नहीं हुआ है. अभी 12 अगस्त तक जो ट्रेनों का निरस्तीकरण किया गया था, वही लागू है. इस तरह का कोई भी आदेश जारी होगा तो अधिकृत तौर पर भारतीय रेलवे इसकी सूचना देगा. उन्होंने यात्रियों से अपील की है कि वह किसी भी रूप में ट्रेनों के ऑपरेशन से लेकर भर्ती संबंधी विज्ञापनों के झांसे में न आएं.

लखनऊ : रेलवे से संबंधित फर्जी विज्ञापनों से रेलवे के अधिकारी भी परेशान हो गए हैं. अभी हाल ही में एक विज्ञापन सोशल मीडिया पर वायरस हो रहा है कि ट्रेनों का निरस्तीकरण बढ़ाकर 30 सितंबर कर दिया गया है, जिसका रेलवे ने खंडन किया है.

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रेलवे से संबंधित फर्जी विज्ञापनों से रेलवे के अधिकारी भी परेशान हो गए हैं.
दरअसल, सोमवार को रेलवे बोर्ड का एक आदेश जारी हुआ. इसमें यह कहा गया कि कोरोना संक्रमण की वजह से निरस्त चल रहीं नियमित ट्रेनों का निरस्तीकरण बढ़ाकर 30 सितंबर तक कर दिया गया है. जबकि अभी तक इनका निरस्तीकरण 12 अगस्त तक था. देर शाम तक यह खबर सोशल मीडिया से लेकर यात्रियों तक वायरल हो गई. इसी बीच रेलवे अधिकारियों को जब इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने इसका स्पष्ट खंडन किया. उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज सिंह ने बताया कि ट्रेनों के निरस्तीकरण बढ़ाने के लिए अभी बोर्ड की ओर से कोई भी आदेश नहीं हुआ है. सोशल मीडिया पर आदेश की जो कॉपी वायरल हो रही है, वह फर्जी है.

उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले एक फर्जी विज्ञापन छपा था, जिसमें यह बताया गया कि एवस्ट्रोन इन्फोटेक की ओर से रेलवे की भर्तियां की जा रही हैं. इसमें रेलवे में जूनियर असिस्टेंट, कंट्रोलर, बुकिंग क्लर्क सहित अन्य कई पदों पर भर्तियां की जा रही हैं. जैसे ही मामले की जानकारी मिली, उक्त विज्ञापन का खंडन किया गया. अखबार में छपा यह विज्ञापन पूरी तरीके से फर्जी था. उनके मुताबिक लॉकडाउन के चलते बेरोजगारी में बढ़ोतरी हुई है. ऐसे में ठग और दलाल भी सक्रिय हो गए हैं. ठग फर्जी आदेशों के जरिए यात्रियों को बरगलाने व लूटने का काम कर रहे हैं.

उन्होंने बताया कि फिलहाल अभी तक नियमित ट्रेनों के निरस्तीकरण को लेकर कोई नया आदेश भारतीय रेलवे की तरफ से जारी नहीं हुआ है. अभी 12 अगस्त तक जो ट्रेनों का निरस्तीकरण किया गया था, वही लागू है. इस तरह का कोई भी आदेश जारी होगा तो अधिकृत तौर पर भारतीय रेलवे इसकी सूचना देगा. उन्होंने यात्रियों से अपील की है कि वह किसी भी रूप में ट्रेनों के ऑपरेशन से लेकर भर्ती संबंधी विज्ञापनों के झांसे में न आएं.

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