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पार्थ श्रीवास्तव सुसाइड केस : सीएम सोशल मीडिया टीम के पुष्पेंद्र और शैलजा पर हत्या के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज - Partha Srivastava Suicide Case

बता दें कि इंदिरा नगर में सेक्टर-9 वैशाली एनक्लेव के मकान नंबर 424 A-2 निवासी रवीना श्रीवास्तव के बेटे पार्थ श्रीवास्तव ने बीते बुधवार को सुबह अपने मकान में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. पार्थ ने दो पन्ने का सुसाइड नोट सूचना निदेशक शिशिर सिंह को टैग करते हुए ट्वीट कर अपने सीनियर पुष्पेंद्र सिंह शैलजा व एक अन्य पर प्रताड़ना के गंभीर आरोप लगाए थे.

पार्थ श्रीवास्तव सुसाइड केस
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Published : May 22, 2021, 3:47 PM IST

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सोशल मीडिया टीम के कर्मचारी पार्थ श्रीवास्तव की आत्महत्या के मामले में इंदिरानगर पुलिस ने शनिवार को आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज कर लिया. मुकदमे में सीएम सोशल मीडिया टीम के पार्थ के सीनियर पुष्पेंद्र सिंह और शैलजा काे आरोपी बनाया गया है. पुलिस ने मामले की विवेचना शुरू कर दी है. इंस्पेक्टर इंदिरानगर अजय त्रिपाठी की मानें तो आरोपी पुष्पेंद्र और शैलजा को नोटिस देकर बयान दर्ज किया जाएगा. साथ ही पार्थ के परिवार वालों से पूछताछ कर बयान दर्ज किए जाएंगे.

पार्थ श्रीवास्तव सुसाइड केस
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'परिवारीजनों ने कोई आरोप नहीं लगाया'

बता दें कि इंदिरा नगर में सेक्टर-9 वैशाली एनक्लेव के मकान नंबर 424 A-2 निवासी रवीना श्रीवास्तव के बेटे पार्थ श्रीवास्तव ने बीते बुधवार को सुबह अपने मकान में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. पार्थ ने दो पन्ने का सुसाइड नोट सूचना निदेशक शिशिर सिंह को टैग करते हुए ट्वीट कर अपने सीनियर पुष्पेंद्र सिंह शैलजा व एक अन्य पर प्रताड़ना के गंभीर आरोप लगाए थे. पार्थ के सुसाइड करने के बाद किसी ने ट्विटर से सुसाइड नोट की पोस्ट डिलीट कर दी जिसे लेकर तमाम चर्चाएं शुरू हो गईं. पुलिस ने 36 घंटे तक पूरे मामले को दबाए रखा और बताया कि पार्थ के परिवारीजनों ने सिर्फ पार्थ के आत्महत्या करने की सूचना दी है. कोई आरोप नहीं लगाया है.

पार्थ श्रीवास्तव सुसाइड केस
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यह भी पढ़ें : सरकार की सोशल मीडिया को दो टूक, कोरोना के लिए 'इंडियन वेरिएंट' शब्द तुरंत हटाओ

"रोजाना मुजफ्फरनगर" समाचार पत्र में संवाददाता की नौकरी पर भी उठा था सवाल

पूरे मामले ने मीडिया में तूल पकड़ा. रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह और पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने पार्थ को प्रताड़ित करने वाले व ट्वीट से सुसाइड नोट डिलीट करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की. रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप ने सूचना विभाग से "रोजाना मुजफ्फरनगर" समाचार पत्र को विज्ञापन देने और कमीशनखोरी के बंदरबांट करने समेत मुख्यमंत्री सोशल मीडिया टीम के कर्मियों को "रोजाना मुजफ्फरनगर" समाचार पत्र में संवाददाता की नौकरी देने का मामला भी उठाया था.

बहन ने भी लगाए गंभीर आरोप

पार्थ श्रीवास्तव की बड़ी बहन शालिनी ने भी मुख्यमंत्री सोशल मीडिया टीम के सीनियर पर गंभीर आरोप लगाए थे. उनका कहना था कि पार्थ अक्सर ऑफिस को लेकर बहुत टेंशन में रहता था. जिस दिन उसने सुसाइड किया, उस दिन भी वह बहुत परेशान था. इस पूरे मामले की सच्चाई सामने आनी चाहिए. जो भी दोषी हैं, उन पर कार्यवाही की जानी चाहिए.

चार दिन बाद कार्रवाई

पार्थ श्रीवास्तव के सुसाइड करने के 4 दिन बाद मामला तूल पकड़ने पर पुलिस ने कार्रवाई की. इंस्पेक्टर अजय त्रिपाठी की माने तो पिता रविंद्र नाथ श्रीवास्तव की तहरीर पर पार्थ श्रीवास्तव के सीनियर पुष्पेंद्र सिंह और शैलजा के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज किया गया है. इन पर पार्थ को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया है.

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सोशल मीडिया टीम के कर्मचारी पार्थ श्रीवास्तव की आत्महत्या के मामले में इंदिरानगर पुलिस ने शनिवार को आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज कर लिया. मुकदमे में सीएम सोशल मीडिया टीम के पार्थ के सीनियर पुष्पेंद्र सिंह और शैलजा काे आरोपी बनाया गया है. पुलिस ने मामले की विवेचना शुरू कर दी है. इंस्पेक्टर इंदिरानगर अजय त्रिपाठी की मानें तो आरोपी पुष्पेंद्र और शैलजा को नोटिस देकर बयान दर्ज किया जाएगा. साथ ही पार्थ के परिवार वालों से पूछताछ कर बयान दर्ज किए जाएंगे.

पार्थ श्रीवास्तव सुसाइड केस
पार्थ श्रीवास्तव सुसाइड केस

'परिवारीजनों ने कोई आरोप नहीं लगाया'

बता दें कि इंदिरा नगर में सेक्टर-9 वैशाली एनक्लेव के मकान नंबर 424 A-2 निवासी रवीना श्रीवास्तव के बेटे पार्थ श्रीवास्तव ने बीते बुधवार को सुबह अपने मकान में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. पार्थ ने दो पन्ने का सुसाइड नोट सूचना निदेशक शिशिर सिंह को टैग करते हुए ट्वीट कर अपने सीनियर पुष्पेंद्र सिंह शैलजा व एक अन्य पर प्रताड़ना के गंभीर आरोप लगाए थे. पार्थ के सुसाइड करने के बाद किसी ने ट्विटर से सुसाइड नोट की पोस्ट डिलीट कर दी जिसे लेकर तमाम चर्चाएं शुरू हो गईं. पुलिस ने 36 घंटे तक पूरे मामले को दबाए रखा और बताया कि पार्थ के परिवारीजनों ने सिर्फ पार्थ के आत्महत्या करने की सूचना दी है. कोई आरोप नहीं लगाया है.

पार्थ श्रीवास्तव सुसाइड केस
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यह भी पढ़ें : सरकार की सोशल मीडिया को दो टूक, कोरोना के लिए 'इंडियन वेरिएंट' शब्द तुरंत हटाओ

"रोजाना मुजफ्फरनगर" समाचार पत्र में संवाददाता की नौकरी पर भी उठा था सवाल

पूरे मामले ने मीडिया में तूल पकड़ा. रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह और पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने पार्थ को प्रताड़ित करने वाले व ट्वीट से सुसाइड नोट डिलीट करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की. रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप ने सूचना विभाग से "रोजाना मुजफ्फरनगर" समाचार पत्र को विज्ञापन देने और कमीशनखोरी के बंदरबांट करने समेत मुख्यमंत्री सोशल मीडिया टीम के कर्मियों को "रोजाना मुजफ्फरनगर" समाचार पत्र में संवाददाता की नौकरी देने का मामला भी उठाया था.

बहन ने भी लगाए गंभीर आरोप

पार्थ श्रीवास्तव की बड़ी बहन शालिनी ने भी मुख्यमंत्री सोशल मीडिया टीम के सीनियर पर गंभीर आरोप लगाए थे. उनका कहना था कि पार्थ अक्सर ऑफिस को लेकर बहुत टेंशन में रहता था. जिस दिन उसने सुसाइड किया, उस दिन भी वह बहुत परेशान था. इस पूरे मामले की सच्चाई सामने आनी चाहिए. जो भी दोषी हैं, उन पर कार्यवाही की जानी चाहिए.

चार दिन बाद कार्रवाई

पार्थ श्रीवास्तव के सुसाइड करने के 4 दिन बाद मामला तूल पकड़ने पर पुलिस ने कार्रवाई की. इंस्पेक्टर अजय त्रिपाठी की माने तो पिता रविंद्र नाथ श्रीवास्तव की तहरीर पर पार्थ श्रीवास्तव के सीनियर पुष्पेंद्र सिंह और शैलजा के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज किया गया है. इन पर पार्थ को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया है.

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