लखनऊ: जेल प्रशासन जहां एक ओर कैदियों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए प्रभावी कार्रवाई कर रहा है तो वहीं दूसरी ओर आधुनिक संसाधन उपलब्ध कराकर जेल में कैदियों को बेहतर सुविधा व शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए भी काम किया जा रहा है. डीजी जेल आनंद कुमार के अनुसार, उत्तर प्रदेश की जेलों में रेडियो फ्रीक्वेंसी पर काम करने वाले पैनिक अलार्म सिस्टम लगाए जाएंगे, जिससे बैरक या जेल परिसर के किसी भी कोने में किसी भी तरह की आपातकाल की स्थिति में इस पैनिक अलार्म बटन की मदद से जेल प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों तक सूचना आसानी से व सेकंड भर में पहुंचाई जा सकेगी.
अभी तक जेलों में किसी तरह की आकस्मिक घटना होने पर मौके पर मौजूद अन्य कैदियों व कर्मचारियों के माध्यम से अधिकारियों को घटना के संदर्भ में जानकारी मिलती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. क्योंकि बैरक व जेल परिसर के प्रमुख स्थानों पर पैनिक अलार्म बटन मौजूद होगा. इस बटन को दबाते ही अधिकारी के कमरे में लगा अलार्म बजेगा, जिससे उस तक सूचना पहुंच जाएगी कि जेल में आपातकाल की स्थिति है और इसके बाद अधिकारी त्वरित कार्रवाई कर सकेंगे.
जेल विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, शुरुआती फेज में राजधानी लखनऊ सहित चित्रकूट, गौतम बुद्ध नगर, बरेली व आजमगढ़ की जेलों में पैनिक अलार्म सिस्टम लगाया जाएगा. इस सिस्टम को लागू करने के लिए बैरक में पैनिक अलार्म बटन इंस्टॉल किया जाएगा. वहीं, बैरक में ट्रांसमीटर व वायरलेस सेट किए जाएंगे, जिन्हें जेल में बने कंट्रोल रूम से कनेक्ट किया जाएगा.
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आपातकाल की स्थिति में कैदी अलार्म बटन दबाएंगे, जिसके बाद सूचना कंट्रोल रूम में पहुंचेगी. कंट्रोल रूम के बाद सूचना को सम्बन्धित अधिकारी तक पहुंचाया जा सकेगा. एक जेल में इस सिस्टम को लगाने में 10 लाख रुपये का खर्च आएगा. लखनऊ जेल में इस सिस्टम को लगाने के लिए कवायद शुरू कर दी गई है.