लखनऊ: उत्तर प्रदेश में संपन्न हुई पंचायत चुनाव प्रक्रिया के बाद अब गांव की सरकार बनाने को लेकर निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों के शपथ ग्रहण के कार्यक्रम ब्लॉक मुख्यालयों पर आयोजित किए जाएंगे. पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की तरफ से इसकी तैयारियां की जा रही हैं. ताकि आने वाले कुछ दिनों में नवनिर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों की शपथ ग्रहण कराई जा सके. इसके बाद गांव की सरकार का गठन होगा.
नवनिर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों की शपथ को लेकर प्रयास शुरू
स्थानीय स्तर पर गांव की सरकार गठित होने के बाद गांव के विकास की इबारत लिखने का काम शुरू होगा. केंद्र और राज्य सरकार द्वारा विभिन्न विकास योजनाओं से संबंधित बजट भी गांव की सरकार बनने के बाद जारी किए जाने का काम भी शुरू होगा. आने वाले कुछ दिनों में गांव की सरकार बनाए जाने को लेकर नवनिर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों के शपथ ग्रहण के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिसको लेकर शासन स्तर पर तारीख आदि तय करने को लेकर प्रयास शुरू कर दिए गए हैं.
शासन स्तर पर शपथ को लेकर तारीख पर चल रहा है मंथन
पंचायती राज विभाग के अधिकारियों के अनुसार, ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत सदस्यों की शपथ ग्रहण कार्यक्रम के लिए तारीखों के निर्धारण पर विचार विमर्श किया जा रहा है. जल्द ही शासन स्तर पर इसका फैसला होगा और फिर स्थानीय स्तर पर शपथ ग्रहण कार्यक्रम पंचायती राज विभाग और जिला प्रशासन के अधिकारियों द्वारा कराया जाएगा. जिसमें नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान, नवनिर्वाचित ग्राम पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य व जिला पंचायत सदस्यों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई जाएगी.
राज्य निर्वाचन आयोग भेजेगा शासन को नवनिर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों की सूची
पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने ईटीवी भारत को फोन पर बताया कि राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा आने वाले कुछ समय में नवनिर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों की जानकारी शासन को भेजी जाएगी. इसके बाद फिर स्थानीय स्तर पर नवनिर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों के शपथ ग्रहण के कार्यक्रम आयोजित कराए जाएंगे.
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गांव की सरकार गठन के बाद केंद्र व राज्य सरकार आवंटित करेगी बजट
शपथ के बाद ग्राम पंचायतों का गठन होगा. इसके बाद केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा विभिन्न विकास योजनाओं को आगे बढ़ाने को लेकर धनराशि का आवंटन किया जाएगा. धनराशि के आवंटन के बाद ग्राम पंचायतों में विकास की रफ्तार तेज होगी और गांव की सरकार की बागडोर नवनिर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों के पास होगी. ग्राम पंचायतों की आबादी और उसमें अनुसूचित जनजाति की आबादी के अनुपात के आधार पर धनराशि आवंटन किए जाने का काम निर्धारित फार्मूले के आधार पर किया जाएगा, जिससे गांव में विकास के कार्य तेजी से आगे बढ़ाए जा सकें.
इतने पंचायत प्रतिनिधि हुए हैं निर्वाचित
उत्तर प्रदेश में संपन्न हुई निर्वाचन प्रक्रिया के अंतर्गत प्रदेश के सभी 75 जिलों में 58,176 ग्राम प्रधान, 7,32,485 ग्राम पंचायत वार्ड सदस्य, 75,852 क्षेत्र पंचायत वार्ड सदस्य और 3050 जिला पंचायत सदस्य निर्वाचित हुए हैं.