लखनऊ: त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के बाद आखिरकार सरकार की नींद टूट गई है. कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख के चुनाव को फिलहाल टाल दिया गया है. तमाम स्तर पर पंचायत चुनाव स्थगित कराए जाने की मांग को दरकिनार करते हुए पंचायत चुनाव कराए गए, जिससे कोरोना का प्रकोप बढ़ता चला गया. प्रदेश में 75 जिला पंचायत अध्यक्ष और 826 ब्लॉक प्रमुख के पद पर चुनाव कराए जाने थे.
क्या बोले पंचायती राज मंत्री
उत्तर प्रदेश के पंचायती राज मंत्री चौधरी भूपेंद्र सिंह ने ईटीवी भारत से फोन पर हुई बातचीत में कहा कि अभी सरकार की प्राथमिकता में जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख का चुनाव नहीं हैं. सरकार की प्राथमिकता सबसे पहले कोरोना संक्रमण को प्रदेश में नियंत्रित करने को लेकर है. अभी राज्य निर्वाचन आयोग और शासन स्तर पर भी इस पर कोई चर्चा नहीं हुई है. स्थिति सामान्य होने के बाद ही इस पर अंतिम फैसला किया जाएगा.
'पंचायत चुनाव भी आगे बढ़ाने के प्रयास में थी सरकार'
मंत्री भूपेंद्र चौधरी ने कहा, सरकार का पूरा फोकस कोरोना को नियंत्रित करने को लेकर है. प्रदेश में हमने पंचायत चुनाव भी हाईकोर्ट के निर्देश पर कराए थे, क्योंकि कोरोना को लेकर स्थितियां ठीक नहीं थी. सरकार की कोशिश थी कि पंचायत चुनाव और आगे बढ़ा दिए जाए, लेकिन उच्च न्यायालय के आदेश पर चुनाव कराना पड़ा. उन्होंने कहा कि इस समय की स्थितियां ठीक नहीं हैं. गांव-गांव संक्रमण तेजी से फैल रहा है और इन सभी परिस्थितियों का आंकलन करने के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख का चुनाव कराया जाना उचित नहीं होगा. इसलिए फिलहाल इन्हें नहीं कराए जाने का फैसला किया गया है.
मई में चुनाव कराने का था प्रस्ताव
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों उत्तर प्रदेश में संपन्न हुई पंचायत चुनाव प्रक्रिया के बाद पंचायती राज निदेशालय की तरफ से जिला पंचायत अध्यक्ष व क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष यानी ब्लॉक प्रमुख के पदों के निर्वाचन की प्रस्तावित तारीखों को लेकर एक प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा गया था. प्रस्ताव के अनुसार, 17 से लेकर 27 मई तक पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख चुनाव कराने की योजना थी. उच्च स्तर पर मंजूरी लेकर चुनाव कराए जाने थे, लेकिन लगातार कोरोना की भयावहता को देखते हुए सरकार ने तय किया है कि फिलहाल पंचायत चुनाव के अंतर्गत जिला पंचायत अध्यक्ष व ब्लॉक प्रमुख का चुनाव नहीं कराया जाएगा. जब स्थितियां सामान्य होंगी, तब इसके बारे मैं फैसला किया जाएगा.
... तो क्या डर की वजह से सरकार ने टाले चुनाव
सूत्रों का कहना है कि उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को अपेक्षित सफलता नहीं मिली, जिसके चलते चुनाव टालने का फैसला किया गया है. चार साल की सरकार होने के बावजूद उम्मीद से काफी कम चुनाव परिणाम भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में आए हैं. निर्दलियों व समाजवादी पार्टी की जिला पंचायत सदस्य की ज्यादा सीट आई है. ऐसे में जब जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख के चुनाव होंगे तो भाजपा की स्थिति ठीक नहीं रहने की जानकारी नेतृत्व को मिल रही है. ऐसे में फिलहाल चुनाव को टालने का फैसला किया गया है.
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चुनाव टलने की वजह से जो समय मिलेगा, उसमें की जाएगी जोर आजमाइश
चुनाव टलने की वजह से इस बीच जो समय मिलेगा, सरकार व संगठन को, जिलों में जो जिला पंचायत सदस्य निर्वाचित हुए हैं, उनसे संपर्क बढ़ाने में मदद मिलेगी और उन्हें अपने पाले में लाने की हर स्तर पर कोशिश की जाएगी. ताकि जिला पंचायत अध्यक्ष व ब्लॉक प्रमुख के पदों पर भारतीय जनता पार्टी के लोग बैठाए जा सकें और विधानसभा चुनाव से पहले एक बड़ा पॉलिटिकल मैसेज दिया जा सके. इन्हीं सब परिस्थितियों का आंकलन करते हुए सरकार के उच्च स्तर पर पंचायत अध्यक्ष व ब्लॉक प्रमुख के चुनाव टालने का फैसला किया गया.