लखनऊ: उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव अगले साल मई महीने से शुरू हो सकते हैं. इसी साल दिसंबर महीने में प्रस्तावित चुनाव कोरोना वायरस के कारण अगले साल तक टल सकता है. इस त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर उत्तर प्रदेश के राज्य निर्वाचन आयोग ने अभी अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं, ताकि अगले साल मई में चुनाव कराए जा सकें. चुनाव आयोग अपनी तैयारियां शुरू करते हुए मतदाता सूची को लेकर पुनरीक्षण अभियान अक्टूबर महीने से शुरू कर सकता है.
राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारियों के मुताबिक मतदाता सूची के पुनरीक्षण कार्यक्रम से पहले 15 सितंबर से 30 सितंबर तक वोटर लिस्ट के पुनरीक्षण के काम में उपयोग आने वाली स्टेशनरी आदि की खरीद प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं. इस स्टेशनरी का उपयोग बूथ लेबल ऑफिसर करते हैं, जिसे बीएलओ किट कहा जाता है. यह निर्देश उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों के जिलाधिकारियों को दिए गए हैं. निर्देश के अनुसार 15 सितंबर से 30 सितंबर तक मतदाता सूची के पुनरीक्षण अभियान में उपयोग होने वाली स्टेशनरी की खरीद कर ली जाए, जिससे अक्टूबर महीने से यह काम शुरू कराया जा सके.
उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव दिसंबर महीने के बजाय अगले साल अप्रैल और मई महीने में कराए जाने के संकेत सरकार की तरफ से दिए गए हैं. इससे पहले उत्तर प्रदेश के पंचायती राज विभाग व राज्य निर्वाचन आयोग अपने स्तर पर तैयारियां शुरू कर रहे हैं, जिससे मतदाता सूची के पुनरीक्षण का काम, चुनावी सीटों के परिसीमन का काम और आरक्षण आदि के निर्धारण का काम धीरे-धीरे करके चलता रहे. ऐसे में चुनाव आयोग ने अभी से मतदाता सूची पुनरीक्षण के काम को लेकर तैयारियां करने के निर्देश सभी जिलाधिकारियों को दिए हैं. इसके साथ ही पंचायत चुनाव में नए मतदाता बनाने का काम भी शुरू करने का अभियान आगे चलकर कराया जाना है. इसमें नए मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में दर्ज किए जाने की प्रक्रिया मतदाता सूची पुनरीक्षण के दौरान कराई जाएगी.
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