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लखनऊ: लॉकडाउन में पान मसाला कारोबारी परेशान, कर्ज लेकर पाल रहे परिवार

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में लॉकडाउन के चलते पान मसाला कारोबारी परेशान हैं. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कारोबारियों ने बताया कि कर्ज लेकर वे अपना और परिवार का पेट पाल रहे हैं. सरकारी सुविधा भी नहीं मिल रही है.

pan masala businessman upset due to lockdown
लखनऊ में लॉकडाउन में पान मसाला कारोबारी परेशान.
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Published : May 8, 2020, 3:47 PM IST

लखनऊ: देश में लागू लॉकडाउन के चलते नवाबों की नगर में पान मसाला कारोबारियों को काफी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है. ईटीवी भारत ने जब पान मसाला कारोबारियों से बात की तो उन्होंने बताया कि कर्ज लेकर वे अपना परिवार पाल रहे हैं.

पान मसाला कारोबारियों से बातचीत करते संवाददाता.

पान मसाला कारोबारी लाल बहादुर ने बताया, 'किसी तरीके से अभी काम चल रहा है. सरकार की तरफ से जो सुविधा मिली थी, उसमें केवल 5 किलो चावल मिला था. रोजाना की इनकम करीब ढाई से तीन हजार रुपये थी.'

लाल बहादुर ने बताया कि उनके घर में 5 लोग हैं. किसी तरह अभी तो घर चल रहा है, लेकिन आगे कर्जा लेना पड़ेगा. उन्होंने बताया कि वे किराए के घर में रहते हैं. अभी किराया नहीं दिया है, लेकिन आगे देना पड़ेगा. किसी से कर्ज लेकर किराया देंगे.

कारोबारी पुनीत का कहना है, 'यह बहुत बुरी स्थिति है. कुछ काम नहीं बचा है. कर्जा लिया था, वह भी पैसा खत्म हो गया है. पान मसाला बिक नहीं रहा है. दुकानें खुल नहीं रही हैं. सरकार ने कुछ छूट दी है, लेकिन पता ही नहीं लग पा रहा है कि दुकानें खुलेंगी कि नहीं खुलेंगी.'

लखनऊ: क्या आप जानते हैं खजूर से रोजा खोलने की वजह

उन्होंने बताया, 'कोई भी सरकारी सुविधा नहीं मिली है. मां के खाते में जो पैसे आए हैं, अकाउंट बंद होने के चलते वे नहीं मिल पाएं. बिजली का बिल डेढ़ महीने से पेंडिंग है. अभी वह भी नहीं जमा हुआ है. मेरे पास थोड़े बहुत पैसे पड़े हैं, जिससे घर का खर्च चल रहा है.'

लखनऊ: देश में लागू लॉकडाउन के चलते नवाबों की नगर में पान मसाला कारोबारियों को काफी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है. ईटीवी भारत ने जब पान मसाला कारोबारियों से बात की तो उन्होंने बताया कि कर्ज लेकर वे अपना परिवार पाल रहे हैं.

पान मसाला कारोबारियों से बातचीत करते संवाददाता.

पान मसाला कारोबारी लाल बहादुर ने बताया, 'किसी तरीके से अभी काम चल रहा है. सरकार की तरफ से जो सुविधा मिली थी, उसमें केवल 5 किलो चावल मिला था. रोजाना की इनकम करीब ढाई से तीन हजार रुपये थी.'

लाल बहादुर ने बताया कि उनके घर में 5 लोग हैं. किसी तरह अभी तो घर चल रहा है, लेकिन आगे कर्जा लेना पड़ेगा. उन्होंने बताया कि वे किराए के घर में रहते हैं. अभी किराया नहीं दिया है, लेकिन आगे देना पड़ेगा. किसी से कर्ज लेकर किराया देंगे.

कारोबारी पुनीत का कहना है, 'यह बहुत बुरी स्थिति है. कुछ काम नहीं बचा है. कर्जा लिया था, वह भी पैसा खत्म हो गया है. पान मसाला बिक नहीं रहा है. दुकानें खुल नहीं रही हैं. सरकार ने कुछ छूट दी है, लेकिन पता ही नहीं लग पा रहा है कि दुकानें खुलेंगी कि नहीं खुलेंगी.'

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उन्होंने बताया, 'कोई भी सरकारी सुविधा नहीं मिली है. मां के खाते में जो पैसे आए हैं, अकाउंट बंद होने के चलते वे नहीं मिल पाएं. बिजली का बिल डेढ़ महीने से पेंडिंग है. अभी वह भी नहीं जमा हुआ है. मेरे पास थोड़े बहुत पैसे पड़े हैं, जिससे घर का खर्च चल रहा है.'

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