लखनऊ : 69000 शिक्षक भर्ती के अंतर्गत चयनित हुए 6800 शिक्षक अभ्यार्थी अपनी नियुक्ति की मांग को लेकर लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. बीते कई दिनों से शिक्षक भर्ती अभ्यार्थी लखनऊ के ईको गार्डन में धरने पर बैठे हुए हैं. मंगलवार को इन अभ्यर्थियों से मुलाकात करने अपना दल (कमेरावादी) पार्टी की विधायक पल्लवी पटेल पहुंचीं. इस दौरान उन्होंने भाजपा पर जान बूझ कर अड़चनें पैदा करने और सियासत करने का आरोप लगाया.
शिक्षक भर्ती नियुक्ति में सरकार ने जानबूझकर पैदा की अड़चनें : 69000 शिक्षक भर्ती के अंतर्गत चयनित हुए 6800 शिक्षक अभ्यार्थी अपनी नियुक्ति की मांग को लेकर लखनऊ के ईको गार्डन में लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. मंगलवार को अभ्यर्थियों के बीच पहुंचीं विधायक पल्लवी पटेल ने कहा कि यह समस्या सरकार ने जानबूझकर उत्पन्न की है. अभ्यर्थियों की मांगें जायज हैं, क्योंकि राष्ट्रीय वर्ग आयोग और सरकार ने स्वयं इस बात को स्वीकार किया है कि भर्ती में आरक्षण लागू करने में विसंगति हुई है. उन्होंने इस विषय को विधानसभा सत्र के दौरान उठाए जाने की बात कही है.
सत्ता मिलते ही पिछड़ा-दलित वर्ग को किया जाता है अनदेखा : मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए पल्लवी पटेल ने कहा कि उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व केंद्रीय कैबिनेट मंत्री अनुप्रिया पटेल वोट के लिए विधानसभा चुनाव के दौरान पिछड़ा-दलित वर्ग की समस्याओं पर बोलते थे, लेकिन सत्ता में आने के बाद मौन हो गए हैं. यह लोग केवल पिछड़े-दलित के नाम पर मलाई खा रहे हैं. फिलहाल इन्हें पिछड़े वंचितों से कोई मतलब नहीं है.
अभ्यर्थियों ने सरकार पर लगाए गंभीर आरोप : प्रर्दशन कर रहे अमरेंद्र पटेल ने पल्लवी पटेल को ज्ञापन देते हुए बताया कि 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण लागू करने में घोर अनियमितता बरती गई. जिस कारण आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को नौकरी से वंचित कर दिया गया. इस संबंध में कई बार आंदोलन के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले का संज्ञान लिया और विसंगति दूर करते हुए पीड़ित दलित पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों को नियुक्ति दिए जाने आदेश अधिकारियों को दिया था. जिसके आधार पर बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने विसंगति को सुधारने के उपरांत 6800 दलित पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने का वादा करते हुए एक सूची जारी की, लेकिन अभी तक न्याय नहीं मिल सका. हमारी मांग है कि सरकार इस मामले का त्वरित समाधान निकाले और सभी 6800 चयनित पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों का हक अधिकार देते हुए उनकी नियुक्ति करे.