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अंतरराष्ट्रीय चीफ जस्टिस कॉन्फ्रेंस से ये देश रखे गए बाहर, जानिए कौन-कौन करेगा शिरकत...

उत्तर प्रदेश में 19 नवंबर से अंतरराष्ट्रीय चीफ जस्टिस कॉन्फ्रेंस का आयोजन होने जा रहा है. इस आयोजन के लिए करीब 60 से ज्यादा देशों के मुख्य न्यायाधीश, प्रेसिडेंट और राष्ट्र अध्यक्षों ने अपनी सहमति दे दी है. खास बात यह है कि इस कॉन्फ्रेंस से आयोजकों ने दो देशों को दूर रखा है.

अंतरराष्ट्रीय चीफ जस्टिस कॉन्फ्रेंस के लिए इन देशों को नहीं मिला न्यौता.
अंतरराष्ट्रीय चीफ जस्टिस कॉन्फ्रेंस के लिए इन देशों को नहीं मिला न्यौता.
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Published : Nov 10, 2021, 6:29 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में 19 नवंबर से अंतरराष्ट्रीय चीफ जस्टिस कॉन्फ्रेंस (International Chief Justice Conference) का आयोजन किया जा रहा है. लखनऊ के सिटी मांटेसरी स्कूल (सीएमएस) की ओर से आयोजित होने वाली यह 22वीं कॉन्फ्रेंस है. अब तक करीब 60 से ज्यादा देशों के मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice), प्रेसिडेंट और राष्ट्र अध्यक्षों ने इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए अपनी सहमति दे दी है. खास बात यह है कि इस कॉन्फ्रेंस से आयोजकों ने चीन और पाकिस्तान को दूर रखा है.



ईटीवी भारत से खास बातचीत में सीएमएस के संस्थापक प्रबंधक और शिक्षाविद डॉ. जगदीश गांधी ने यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि मौजूदा अंतरराष्ट्रीय हालातों के मद्देनजर इन दोनों देशों को आमंत्रित ही नहीं किया है. उन्होंने बताया कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51 पर आधारित यह ऐतिहासिक सम्मेलन विश्व शांति, एकता और विश्व के ढाई अरब से अधिक बच्चों के सुंदर और सुरक्षित भविष्य को समर्पित है.

आयोजन के बारे में जानकारी देते सीएमएस के संस्थापक प्रबंधक और शिक्षाविद डॉ. जगदीश गांधी.

ये भी पढ़ेंः दो साल की मासूम बच्ची से रेप और हत्या के दोषी को फांसी की सजा



डॉ. जगदीश गांधी ने बताया कि विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के इस 22वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन 19 नवंबर को होगा. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह उद्घाटन करेंगे. उनके साथ राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, कानून मंत्री बृजेश पाठक, राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी और विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित शिरकत करेंगे. इनके साथ ही क्रोएशिया के पूर्व राष्ट्रपति स्टीपन मेसिक समेत अन्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष मौजूद रहेंगे. उन्होंने बताया कि पूर्व के सम्मेलनों में पाकिस्तान और चीन के प्रतिनिधि भी मौजूद रहते थे, लेकिन मौजूदा अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों को देखते हुए इस बार उन्हें नहीं बुलाया गया है.




उन्होंने बताया कि अभी तक 21 अंतर्राष्ट्रीय विश्व न्यायाधीश सम्मेलन हो चुके हैं. इनमें 36 देशों के 1329 से अधिक मुख्य न्यायाधीश, न्यायाधीश तथा राष्ट्राध्यक्ष शामिल हो चुके हैं. इस बार के कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए अल्जीरिया, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, इटली, रूस, यूनाइटेड किंगडम, यूएसए, जापान, नीदरलैंड, साउथ अफ्रीका, ब्राजील, थाईलैंड, स्विट्जरलैंड, श्रीलंका समिति देशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे.

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश में 19 नवंबर से अंतरराष्ट्रीय चीफ जस्टिस कॉन्फ्रेंस (International Chief Justice Conference) का आयोजन किया जा रहा है. लखनऊ के सिटी मांटेसरी स्कूल (सीएमएस) की ओर से आयोजित होने वाली यह 22वीं कॉन्फ्रेंस है. अब तक करीब 60 से ज्यादा देशों के मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice), प्रेसिडेंट और राष्ट्र अध्यक्षों ने इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए अपनी सहमति दे दी है. खास बात यह है कि इस कॉन्फ्रेंस से आयोजकों ने चीन और पाकिस्तान को दूर रखा है.



ईटीवी भारत से खास बातचीत में सीएमएस के संस्थापक प्रबंधक और शिक्षाविद डॉ. जगदीश गांधी ने यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि मौजूदा अंतरराष्ट्रीय हालातों के मद्देनजर इन दोनों देशों को आमंत्रित ही नहीं किया है. उन्होंने बताया कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51 पर आधारित यह ऐतिहासिक सम्मेलन विश्व शांति, एकता और विश्व के ढाई अरब से अधिक बच्चों के सुंदर और सुरक्षित भविष्य को समर्पित है.

आयोजन के बारे में जानकारी देते सीएमएस के संस्थापक प्रबंधक और शिक्षाविद डॉ. जगदीश गांधी.

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डॉ. जगदीश गांधी ने बताया कि विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के इस 22वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन 19 नवंबर को होगा. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह उद्घाटन करेंगे. उनके साथ राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, कानून मंत्री बृजेश पाठक, राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी और विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित शिरकत करेंगे. इनके साथ ही क्रोएशिया के पूर्व राष्ट्रपति स्टीपन मेसिक समेत अन्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष मौजूद रहेंगे. उन्होंने बताया कि पूर्व के सम्मेलनों में पाकिस्तान और चीन के प्रतिनिधि भी मौजूद रहते थे, लेकिन मौजूदा अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों को देखते हुए इस बार उन्हें नहीं बुलाया गया है.




उन्होंने बताया कि अभी तक 21 अंतर्राष्ट्रीय विश्व न्यायाधीश सम्मेलन हो चुके हैं. इनमें 36 देशों के 1329 से अधिक मुख्य न्यायाधीश, न्यायाधीश तथा राष्ट्राध्यक्ष शामिल हो चुके हैं. इस बार के कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए अल्जीरिया, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, इटली, रूस, यूनाइटेड किंगडम, यूएसए, जापान, नीदरलैंड, साउथ अफ्रीका, ब्राजील, थाईलैंड, स्विट्जरलैंड, श्रीलंका समिति देशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे.

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