लखनऊ: यमुना एक्सप्रेस-वे बस दुर्घटना में मारे गए रोडवेज के ड्राइवर के लिए कैसरबाग बस स्टेशन पर दो मिनट का मौन रखा गया. साथी रोडवेज कर्मचारियों ने दिवंगत चालक को श्रद्धांजलि दी. इस मौके पर रोडवेज कर्मचारियों ने शासन की उस जांच रिपोर्ट को खारिज कर दिया, जिसमें ड्राइवर की लापरवाही से घटना की बात कही जा रही है.
बता दें कि दुर्घटना में ड्राइवर समेत 29 लोगों की जान चली गई थी. रोडवेज कर्मियों की मांग है कि सीबीआई या फिर परिवहन निगम की एक कमेटी बनाकर फिर से जांच की जाए.
जानिए क्या है पूरा मामला
- यमुना एक्सप्रेस-वे बस दुर्घटना मामला
- कैसरबाग पर रोडवेज कर्मी इकट्ठा हुए.
- कैसरबाग बस स्टेशन पर मृतक ड्राइवर कृपा शंकर चौधरी दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई.
- रोडवेज कर्मियों ने एक स्वर में शासन की जांच रिपोर्ट पर प्रश्नचिन्ह लगाया.
- कर्मियों ने सरकार से ड्राइवर के एक परिजन को सरकारी नौकरी देने की मांग की.
- सरकार की तरफ से जो भी सहायता राशि उपलब्ध कराई जाती है,वह उपलब्ध कराई जाए.
- जांच रिपोर्ट में ड्राइवर की झपकी आने की रिपोर्ट को कर्मियों ने सही नहीं ठहराया.
- कर्मियों की मांग है किसीबीआई या फिर परिवहन निगम की एक कमेटी बनाकर फिर से जांच की जाए.
अवध डिपो में तैनात ड्राइवर कृपा शंकर चौधरी का पिछले साथ 8 साल का रिकॉर्ड पूरी तरह से साफ सुथरा था. उससे कभी कोई घटना नहीं हुई थी, ऐसे में जांच में उसे दोषी ठहरा देना समझ से परे है.यह बात हम लोगों को हजम नहीं हो रही है.मेरी मांग है कि एक जांच कमेटी गठित कर फिर से जांच कराई जाए. चाहे तो 29 लोगों की मौत की जांच सीबीआई से भी करा ली जाए. मृतक के परिजन को नौकरी दी जाए और सहायता राशि उपलब्ध कराई जाए.
रजनीश मिश्रा, शाखा अध्यक्ष, रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद