लखनऊ : राजधानी लखनऊ में 6 दिसंबर को होने वाले लखनऊ विश्वविद्यालय के 66वें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि पद्मश्री डॉ बलराम भार्गव होंगे. डॉ बलराम भार्गव ने कोविड-19 महामारी के दौरान स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन के विकास में अपनी अहम भूमिका निभाई थी, जिसके बाद उन्हें पूरे देश व विदेश में प्रसिद्धि मिली थी. इसके अलावा उन्होंने नई दिल्ली में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक के रूप में भी कार्य किया है. भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत अनुसंधान विभाग के सचिव का पदभार भी उन्होंने संभाला है. मुख्य अतिथि के संबंध में लखनऊ विश्वविद्यालय की ओर से शनिवार की देर शाम सूचना जारी की गई.
वायरस के प्रकोप को रोकने के लिए निभाई महत्वपूर्ण भूमिका : लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रवक्ता डॉ. दुर्गेश श्रीवास्तव ने बताया कि 'डॉ भार्गव वर्तमान में स्टैनफोर्ड इंडिया बायो डिजाइन सेंट्रल स्कूल ऑफ इंटरनेशनल बायो डिजाइन के लिए कार्यकारिणी निर्देशक की भूमिका निभाते हैं. डॉ. भार्गव ने 2018 से 2020 के बीच देश में जीका और निपाह वायरस के प्रकोप को रोकने के लिए अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. उन्होंने बताया कि डॉ. भार्गव ने किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी लखनऊ से एमबीबीएस, एमडी और डीएम में स्नातक, स्नाकोत्तर और सुपर स्पेशलिस्ट की डिग्री प्राप्त की है.'
पद्मश्री सम्मान से किया गया सम्मानित : उन्होंने बताया कि 'डॉ. भार्गव ने 2019 में गुजर मल विज्ञान पुरस्कार-2018 से सम्मानित किया गया. उनके प्रतिष्ठित पुरस्कारों की सूची में भारतीय विज्ञान कांग्रेस का एसएन बोस शताब्दी पुरस्कार, राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी का प्लेटिनम जुबली पुरस्कार व वास्तविक पुरस्कार शामिल है. इसके अलावा बायो डिजाइन इनोवेशन फेलो के काम को सुविधाजनक बनाने में उनकी भूमिका के लिए भार्गव को टाटा इनोवेशन फैलोशिप प्राप्त है. भारत सरकार ने कार्डियोलॉजी और मेडिसिन में उनके उल्लेखनीय कार्य को मान्यता देते हुए साल 2014 में उन्हें पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया है. वह जीवन विज्ञान में अनुसंधान के लिए 2015 में उन्हें यूनेस्को इक्वेटोरियल गिनी अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुका है.'
कुलपति ने दीक्षांत कार्यक्रम का लिया जाएगा : कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने 6 दिसंबर को होने वाले दीक्षांत समारोह की तैयारी के लिए स्थल का निरीक्षण किया. उन्होंने सबसे पहले गेट संख्या दो के पास निरीक्षण करके वहां पर लगने वाले बैनर गेट के बारे में अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए. कुलपति ने उस स्थल का भी निरीक्षण किया, जहां पर राज्यपाल व कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल द्वारा राष्ट्रीय ध्वज का अनावरण किया जाना प्रस्तावित है. इसके बाद कुलपति ने कला संकाय प्रांगण में तैयार हो रहे पंडाल का निरीक्षण भी किया.