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गर्मियों में 6 गुना से ज्यादा बढ़ जाती है पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर की मांग

गर्मियों के दिनों में पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर की मांग बढ़ जाती है. यही कारण है कि लखनऊ में सर्दियों के दिनों की अपेक्षा गर्मियों के दिनों में पानी का यह काम 6 गुना से अधिक बढ़ जाता है. राजधानी लखनऊ में 21 पंजीकृत कंपनियां हैं, जो इस काम से जुड़ी हुई हैं.

गर्मियों में बढ़ जाती है पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर की मांग.
गर्मियों में बढ़ जाती है पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर की मांग.
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Published : Mar 12, 2021, 10:34 AM IST

लखनऊ: लगातार जिस तरह से तापमान बढ़ रहा है. ऐसे में पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर की मांग भी बढ़ रही है. यही कारण है कि सर्दियों के दिनों की अपेक्षा गर्मियों के दिनों में पानी का यह काम 6 गुना से अधिक बढ़ जाता है. राजधानी लखनऊ में 21 पंजीकृत कंपनियां हैं, जो इस काम से जुड़ी हुई हैं. वहीं कई ऐसे डिस्ट्रीब्यूटर हैं जो बाहर से पैकेज्ड वाटर लाते हैं और इसकी सप्लाई भी करते हैं.

गर्मियों में बढ़ जाती है पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर की मांग.

पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर की सप्लाई करने वाले श्रवण कुमार ने बताया कि निश्चित रूप से सर्दियों के दिनों में जिन्हें हम एक पेटी पानी की सप्लाई देते थे, वह गर्मी के दिनों में 6 से 7 पेटी पानी की खपत करते हैं. ऐसे में कई बार स्थितियां ऐसी होती हैं कि जितनी मांग है हम लोग इसकी सप्लाई भी नहीं कर पाते हैं.

क्या कहते हैं अधिकारी
शहर में लगातार बढ़ रही पैकेज्ड वाटर की मांग के सवाल पर मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी डॉक्टर एसपी सिंह का कहना है कि राजधानी लखनऊ में 21 पैकेजिंग वाटर की कंपनियां हैं और कई बड़े डिस्ट्रीब्यूटर हैं. कंपनी की स्थापना के लिए इनके सभी नियम और कानून विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन उपलब्ध है. पानी के व्यवसाय से जुड़े लोगों को बीआईएस का सर्टिफिकेट लेना जरूरी होता है. इसके साथ ही निर्माणशाला में लैब भी जरूरी है. बैच के हिसाब से पानी की गुणवत्ता की जांच की जाती है और हर सीजन में पानी की सेंपलिंग कराने के साथ-साथ वाटर टेस्टिंग भी कराई जाती है.

इसे भी पढ़ें-दवा कारोबारी के घर डकैती मामला: हिरासत में गार्ड, दो पूर्व नौकरों की तलाश

अवैध प्लांटों पर की जाती है कार्रवाई
खाद्य सुरक्षा अधिकारी डॉक्टर एसपी सिंह ने बताया कि अवैध रूप से संचालित होने वाली पानी की फैक्ट्रियों पर प्रवर्तन दस्ता सीलिंग की कार्रवाई करता है. इसके साथ ही न्यायालय में वाद दायर कर उन्हें दंडित भी कराया जाता है.

प्रदेश भर में हैं लैबोरेट्री
डॉक्टर एसपी सिंह ने बताया कि पूरे प्रदेश में 6 प्रयोगशाला आए हैं, जिसमें लखनऊ, आगरा, मेरठ, झांसी, वाराणसी, गोरखपुर प्रमुख शहर है. इसके साथ ही प्रत्येक जनपदों में खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की तैनाती की जाती है और पानी की गुणवत्ता जांचने के लिए रेंडम सैंपल भी लिया जाता है. इसके साथ ही इस फैक्ट्री को लगाने के लिए सेंट्रल ग्राउंड अथॉरिटी से एनओसी भी ली जाती है.

जिस तरह से शहरों का आधुनिकीकरण हो रहा है. ऐसे में शुद्ध जल की आपूर्ति में आ रही समस्याओं के कारण पैकेज्ड वाटर की डिमांड लगातार बढ़ रही है. गर्मी का मौसम आते ही पैकेज्ड वॉटर की मांग में 6 गुना से अधिक की वृद्धि हो जाती हैं.

लखनऊ: लगातार जिस तरह से तापमान बढ़ रहा है. ऐसे में पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर की मांग भी बढ़ रही है. यही कारण है कि सर्दियों के दिनों की अपेक्षा गर्मियों के दिनों में पानी का यह काम 6 गुना से अधिक बढ़ जाता है. राजधानी लखनऊ में 21 पंजीकृत कंपनियां हैं, जो इस काम से जुड़ी हुई हैं. वहीं कई ऐसे डिस्ट्रीब्यूटर हैं जो बाहर से पैकेज्ड वाटर लाते हैं और इसकी सप्लाई भी करते हैं.

गर्मियों में बढ़ जाती है पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर की मांग.

पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर की सप्लाई करने वाले श्रवण कुमार ने बताया कि निश्चित रूप से सर्दियों के दिनों में जिन्हें हम एक पेटी पानी की सप्लाई देते थे, वह गर्मी के दिनों में 6 से 7 पेटी पानी की खपत करते हैं. ऐसे में कई बार स्थितियां ऐसी होती हैं कि जितनी मांग है हम लोग इसकी सप्लाई भी नहीं कर पाते हैं.

क्या कहते हैं अधिकारी
शहर में लगातार बढ़ रही पैकेज्ड वाटर की मांग के सवाल पर मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी डॉक्टर एसपी सिंह का कहना है कि राजधानी लखनऊ में 21 पैकेजिंग वाटर की कंपनियां हैं और कई बड़े डिस्ट्रीब्यूटर हैं. कंपनी की स्थापना के लिए इनके सभी नियम और कानून विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन उपलब्ध है. पानी के व्यवसाय से जुड़े लोगों को बीआईएस का सर्टिफिकेट लेना जरूरी होता है. इसके साथ ही निर्माणशाला में लैब भी जरूरी है. बैच के हिसाब से पानी की गुणवत्ता की जांच की जाती है और हर सीजन में पानी की सेंपलिंग कराने के साथ-साथ वाटर टेस्टिंग भी कराई जाती है.

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अवैध प्लांटों पर की जाती है कार्रवाई
खाद्य सुरक्षा अधिकारी डॉक्टर एसपी सिंह ने बताया कि अवैध रूप से संचालित होने वाली पानी की फैक्ट्रियों पर प्रवर्तन दस्ता सीलिंग की कार्रवाई करता है. इसके साथ ही न्यायालय में वाद दायर कर उन्हें दंडित भी कराया जाता है.

प्रदेश भर में हैं लैबोरेट्री
डॉक्टर एसपी सिंह ने बताया कि पूरे प्रदेश में 6 प्रयोगशाला आए हैं, जिसमें लखनऊ, आगरा, मेरठ, झांसी, वाराणसी, गोरखपुर प्रमुख शहर है. इसके साथ ही प्रत्येक जनपदों में खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की तैनाती की जाती है और पानी की गुणवत्ता जांचने के लिए रेंडम सैंपल भी लिया जाता है. इसके साथ ही इस फैक्ट्री को लगाने के लिए सेंट्रल ग्राउंड अथॉरिटी से एनओसी भी ली जाती है.

जिस तरह से शहरों का आधुनिकीकरण हो रहा है. ऐसे में शुद्ध जल की आपूर्ति में आ रही समस्याओं के कारण पैकेज्ड वाटर की डिमांड लगातार बढ़ रही है. गर्मी का मौसम आते ही पैकेज्ड वॉटर की मांग में 6 गुना से अधिक की वृद्धि हो जाती हैं.

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