लखनऊ: उत्तर प्रदेश की जेलों में बड़ी संख्या में जेल वार्डर के पद रिक्त चल रहे है. योगी सरकार ने जेल के रिक्त पदों को भरने का काम शुरू कर दिया है. पीएसी कर्मियों को कारागारों विभाग में दो साल प्रतिनियुक्ति पर तैनात करने पर सहमति बन गई है. इन दिनों प्रदेश की जेलों में निर्धारित क्षमता से अधिक कैदी बन्द हैं. जिसके चलते कैदियों की सुरक्षा में कारागार विभाग को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
पिछले दिनों प्रदेश के कारागार विभाग ने शासन से इस समस्या के समाधान के लिए अनुरोध किया था. शासन ने पीएसी के जवानों को दो वर्ष की प्रति नियुक्ति पर जेलों की सुरक्षा में भेजने पर सहमति प्रदान कर दी है. इससे कारागार विभाग में रिक्त पदों के सापेक्ष नए 4635 जेल वार्डर जल्द मिल जाएंगे.
बंदी रक्षकों के 60 फीसदी पद खाली
प्रदेश के कारागार विभाग में बंदी रक्षकों के 60 फीसदी पद इन दिनों खाली चल रहे हैं. दिसंबर महीने की 19 और 20 तारीख को जेल वार्डन के 3638 बंदी रक्षकों पदों पर परीक्षा हो चुकी है. जल्द ही कारागार विभाग में सुरक्षा कर्मियों को लेकर चल रही दिक्कत दूर हो सकेगी. वहीं जेलों की सुरक्षा व्यवस्था भी काफी ज्यादा मजबूत हो जाएगी.
997 पीएसी जवान कारागार विभाग में प्रतिनियुक्ति पर जाएंगे
997 पीएसी जवानों को दो सालों के लिए कारागार विभाग में प्रतिनियुक्ति पर भेजा जाएगा. इसके लिए शासन से सहमति मिल चुकी है. आईजी पीएसी आशुतोष कुमार ने शासन के आदेश की कारागार विभाग को जानकारी दी है. उन्होंने बताया है कि सीधी भर्ती 2018 के तहत भर्ती के लिए चयनित तथा वर्तमान में प्रशिक्षणरत 823 पीएसी के रिक्रूट सिपाहियों की सहमति प्राप्त हो चुकी है. शेष 174 पीएसी रिक्रूट की सहमति प्रतीक्षित है जो प्राप्त होते ही अलग से उपलब्ध करा दी जाएगी.
महानिदेशक कारागार आनंद कुमार ने बताया कि जेल वार्डरों के बड़े पैमाने पर रिक्त पदों के को लेकर पिछले दिनों शासन को एक प्रस्ताव भेजा गया था. जिस पर शासन ने पीएसी के कुल 997 सिपाहियों को प्रतिनियुक्ति के आधार पर दो वर्ष के लिए जेल विभाग की सेवा में भेजने पर सहमति दे दी है.