लखनऊ. कांग्रेस मुख्यालय पर आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि काफी समय बाद कांग्रेस उत्तर प्रदेश की सभी 403 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही है. कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने 'लड़की हूं, लड़ सकती हूं' अभियान की शुरुआत उत्तर प्रदेश से ही की है.
उत्तर प्रदेश देश का सबसे पॉपुलर राज्य है. यहां युवाओं की संख्या सबसे ज्यादा है. इस राज्य में मेहनतकश लोग रहते हैं. यहां रोजगार की संभावनाएं सबसे ज्यादा हैं. बावजूद इसके उत्तर प्रदेश सबसे गरीब है. 2016-17 में उत्तर प्रदेश का ग्रास डोमेस्टिक प्रोडक्ट 11.4% थी जो 2020-21 में -64 फीसद हो गई है.
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल में प्रति व्यक्ति आय काफी कम हो गई है. प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत से आधे से भी कम है. प्रति व्यक्ति आय में वास्तव में 1.9% की गिरावट आई है. नीति आयोग के अनुसार 37 फीसद जनसंख्या गरीबी रेखा से नीचे है.
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी की दर देश में सबसे ज्यादा है. पी.चिदंबरम ने कहा कि राज्य का कुल कर्ज 6,6,2891 करोड़ है जोकि जीएसडीपी का 34.2% है. उत्तर प्रदेश में युवा सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. यूपी में बेरोजगारी दर देश में सबसे ज्यादा है.
अप्रैल 2018 से 15 से 29 आयु वर्ग के युवाओं के लिए बेरोजगारी दर दोहरे अंकों में है. ये इस आयु वर्ग के लिए देश स्तर पर कहीं ज्यादा है. शहरी क्षेत्रों में चार युवाओं में से एक नौजवान बेरोजगार है. सरकार में बड़ी संख्या में पद खाली पड़े हैं.
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सरकार उन्हें भर नहीं रही है. क्योंकि उसके पास पैसा ही नहीं है. यूपी में दूसरे राज्य में प्रवासियों की संख्या 12.32 मिलियन है. यानी यूपी से संबंधित 16 व्यक्तियों में से एक यूपी से बाहर चला गया है. शिक्षा का स्तर भी काफी दयनीय है. 2,77,000 शिक्षकों की आवश्यकता है.
आठ में से एक छात्र इस राज्य में स्कूल छोड़ देता है. उत्तर प्रदेश की नवजात मृत्यु दर 35.7 है. शिशु मृत्यु दर 50.4 है और 5 साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर 59.8 है जो राष्ट्रीय औसत से काफी ऊपर है. डॉक्टरों का अनुपात 0.64 है. नर्सों का अनुपात 0.43 है और पैरामेडिक्स का अनुपात 1.38 है. यह सभी राष्ट्रीय औसत से कम है. जिला अस्पतालों में प्रति एक लाख की आबादी पर केवल 13 बिस्तर हैं.
उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ की सरकार तानाशाह सरकार है. इस सरकार में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं. जाति और उन्माद फैलाने का प्रयास किया जाता है. इस मॉडल ने राज्य को गरीब बना दिया है यूपी के अधिकांश लोग गरीब हैं. नीति आयोग की तरफ से जारी गरीबी सूचकांक के अनुसार 37.9% जनसंख्या गरीब जिले हैं. अनुपात 50% से अधिक है. तीन जिलों में यह 70% से अधिक है. यह श्रावस्ती, बहराइच और बलरामपुर जिले हैं.
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश ने कुल आठ प्रधानमंत्री दिए हैं. बावजूद इसके इस प्रदेश की स्थिति ठीक नहीं है. ऐसे में उत्तर प्रदेश के चुनाव में मतदाता जब अपने मत का प्रयोग करने जाएं तो इन सब बातों का पूरा ध्यान रखें.