लखनऊ: कोरोना संकट के दौरान ऑक्सीजन की कमी के कारण मरीजों के सांसों की डोर टूट रही है. जिसे देखते हुए प्रदेश के अस्पतालों में दूसरे राज्यों से ऑक्सीजन लाकर उसकी सप्लाई की जा रही है. ऐसे में योगी सरकार ने प्रदेश को ऑक्सीजन के उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की योजना बनाई है. इसके लिए प्रदेश के सभी जनपदों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने की योजना है. जिसके लिए यूपी सरकार ने केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा है. वहीं मेडिकल कॉलेजों में ऑक्सीजन का डबल सिस्टम लगाने की योजना है. जिससे गंभीर मरीजों को विषम परिस्थितियों का सामना नहीं करना पड़ेगा.
हर जिले में लगेगा ऑक्सीजन प्लांट
अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद के मुताबिक गत वर्ष केंद्र सरकार ने पीएम केयर्स फंड से 14 ऑक्सीजन प्लांट राज्य के लिए मंजूर किए थे. इनको लगाने की गति तेज कर दी गई है. इसके साथ ही राज्य सरकार ने 61 और जनपदों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने का फैसला किया है. इसका प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेज दिया गया है. ऐसे में प्रदेश के हर जनपद में ऑक्सीजन प्लांट होगा. इसके अलावा हर जिला अस्पताल सीएचसी पर भी राज्य सरकार ऑक्सीजन जनरेटर प्लांट लगाएगी.
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हर सीएचसी को मिलेंगे 20 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर
अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद के मुताबिक सीएचसी पर भी गंभीर मरीजों के इलाज की व्यवस्था होगी. यहां के लिए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर आ चुके हैं. राज्य के 855 सीएचसी पर इन्हें उपलब्ध कराया जाएगा. हर सीएचसी पर 20-20 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर दिए जाएंगे. यह बिजली से चलने वाली मशीन है. यह हवा से ऑक्सीजन बनाती है.
मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की डबल व्यवस्था अनिवार्य
प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं शिक्षा आलोक कुमार के मुताबिक नेशनल मेडिकल काउंसिल (एनएमसी) का नया आदेश जारी हुआ है. इसमें हर सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों को ऑक्सीजन की डबल व्यवस्था करना अनिवार्य है. यानी कि उन्हें ऑक्सीजन के डबल प्लांट लगाने होंगे, इसमें एक लिक्विड ऑक्सीजन का प्लांट होगा. इसमें ट्रक से ऑक्सीजन टैंकर लेकर रिफिल की जाती है. वहीं दूसरा एयर सप्रेशन ऑक्सीजन प्लांट होगा. यह हवा से ऑक्सीजन बनाएगा. मसलन यदि किसी कारण वश लिक्विड ऑक्सीजन की सप्लाई प्रभावित होती है, तो मरीजों को सप्रेशन ऑक्सीजन प्लांट से ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा सके. प्रदेश में सरकारी और निजी मिलाकर कुल 57 मेडिकल कॉलेज हैं. जिसमें से 24 सरकारी हैं और 33 निजी मेडिकल कॉलेज हैं. सरकारी में 17 मेडिकल कॉलेजों में एयर प्रेशर प्लांट लगाने की तैयारी शुरू हो गई है. इसके अलावा 60 आरटी पीसीआर मशीनें लगाई जाएंगी.
केजीएमयू-पीजीआई पहुंची ऑक्सीजन
प्रमुख सचिव गृह अवनीश अवस्थी अधिकारियों के साथ गुरुवार को केजीएमयू पहुंचे. यहां उन्होंने ऑक्सीजन की आपूर्ति कराई. टैंकर में 29 मीट्रिक टन ऑक्सीजन थी. उन्होंने कहा कि गुरुवार को पौने छह मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई है. सभी टैंकर को रिपेयर कराया जा रहा है. जल्द ही केंद्र सरकार द्वारा आवंटित साढ़े 8 सौ मीट्रिक टन की सप्लाई प्रदेश में सुनिश्चित की जाएगी. ऑक्सीजन टैंकर को ग्रीन कॉरीडोर उपलब्ध कराया जा रहा है. इससे समय पर ऑक्सीजन मिल पा रही है. ऑक्सीजन ट्रक खाली हो या भरा दोनों तरफ से ग्रीन कॉरीडोर उपलब्ध कराया जा रहा है.
सेना के रिटायर्ड डॉक्टरों की होगी भर्ती
प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार के मुताबिक कोरोना काल में प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में बेड बढ़ा दिए गए हैं. वर्तमान में 18,181 बेड मेडिकल कॉलेजों में उपलब्ध हैं. इनमें 12,659 आइसोलेशन बेड हैं. 5,522 आईसीयू-एचडीयू बेड हैं. ऐसे में स्टाफ की कमी है. तमाम डॉक्टर-कर्मचारी संक्रमित भी हो रहे हैं. लिहाजा विभाग के रिटायर्ड डॉक्टरों और सेना के रिटायर्ड डॉक्टरों को आवश्यकता पड़ने पर भर्ती किया जाएगा. साथ ही एमबीबीएस के थर्ड ईयर और फोर्थ ईयर के छात्रों की ड्यूटी भी लगाई जाएगी.
कोविड मरीजों के इलाज के लिए डेढ़ लाख से अधिक बेड
अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल के मुताबिक प्रदेश में कोविड मरीजों के इलाज के लिए लगातार बेड बढ़ाए जा रहे हैं. वर्तमान में एल-1 श्रेणी के 1 लाख 16 हजार के करीब बेड हैं. वहीं एल-2 और एल-3 श्रेणी के 65 हजार के करीब बेड अस्पतालों में उपलब्ध हैं. इसके अलावा चिकित्सा सेवा के विस्तार के लिए लगातार प्रयास जारी हैं.