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ऑक्सीजन की कम सप्लाई पर INOX कंपनी के मालिक और यूपी के मुख्य सचिव तलब

जस्टिस विपिन सांघी की अध्यक्षता वाली बेंच ने ऑक्सीजन सप्लाई के आदेश का पालन नहीं करने पर आईनॉक्स कंपनी के मालिक और प्रबंध निदेशक को कल कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया है.

दिल्ली उच्च न्यायालय.
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Published : Apr 20, 2021, 10:53 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि दिल्ली में ऑक्सीजन की सप्लाई की स्थिति काफी खराब है. जस्टिस विपिन सांघी की अध्यक्षता वाली बेंच ने ऑक्सीजन सप्लाई के आदेश का पालन नहीं करने पर आईनॉक्स कंपनी के मालिक और प्रबंध निदेशक को कल कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने यूपी सरकार के मुख्य सचिव को भी 22 अप्रैल को कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया है.

जिन अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी उन्हें ऑक्सीजन की सप्लाई हो
कोर्ट ने कहा कि 19 अप्रैल को गंगाराम अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से उसका लेवल 86 पर आ गया. कोर्ट ने कहा कि जिन अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी हो रही है वहां ऑक्सीजन की आपूर्ति की जाए. कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वो बेडों की संख्या बढ़ाने पर गंभीरता से विचार करे.

कोरोना के उपकरणों को जल्द क्लियर करे कस्टम विभाग
कोर्ट ने कस्टम विभाग को निर्देश दिया कि वो कोरोना टेस्ट के लिए जरुरी उपकरण, दवाईयां और दूसरे उपकरण का आयात होने पर उनका तुरंत क्लियरेंस करे. इन उपकरणों का क्लियरेंस करते समय ज्यादा समय नहीं लिया जाए. कोर्ट ने आईसीएमआर को निर्देश दिया कि वो इन उपकरणों को क्लियरेंस देते समय उनकी गुणवत्ता में कोई समझौता नहीं करें. कोर्ट ने कहा कि आरटीपीसीआर टेस्ट रिपोर्ट जल्द जारी करें. कोर्ट ने केंद्र और आईसीएमआर को निर्देश दिया कि टेस्ट रिपोर्ट के लिए मरीज का डाटा भरते समय कम समय लेने पर विचार करें.

पेट्रोलियम और स्टील उद्योगों को ऑक्सीजन कम करने पर विचार करे केंद्र
कोर्ट ने कहा पेट्रोलियम का उत्पादन बढ़ाने की बजाय लोगों की जान बचाना ज्यादा जरुरी है. कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि पेट्रोलियम और स्टील उद्योगों की ऑक्सीजन सप्लाई कुछ दिनों के लिए कम करने पर गंभीरता से विचार करे. कोर्ट ने कहा कि स्टील उद्योग में भी उत्पादन कम किया जा सकता है. आज लोगों की जान बचाना ज्यादा जरुरी है. तब विनायक ने कहा कि कोर्ट की राय सही है. इस पर हम विचार करेंगे. तब जस्टिस रेखा पल्ली ने कहा कि इस पर आज क्यों नहीं विचार कर रहे हैं 22 का क्यों इंतजार कर रहे हैं. आप एक नागरिक के नाते सोचिए। तब विनायक ने कहा कि ये फैसला उद्योग विभाग को भेज देंगे. उसे ही विचार करना होगा. तब कोर्ट ने कहा कि उद्योग विभाग को कोरोना से क्या लेना देना है.

केरल सरकार की सराहना
विनायक ने कहा कि कल यानि 19 अप्रैल को कैबिनेट सेक्रेटरी ने उन राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ बैठक की. हम रोजाना इस पर काम कर रहे हैं. विनायक ने कहा केरल सरकार ऑक्सीजन का काफी ठीक से इस्तेमाल कर रही है, वो काबिले तारीफ है. केरल केवल 25 फीसदी ही इस्तेमाल करता है. मध्यप्रदेश में भी 20 से 25 फीसदी ऑक्सीजन इस्तेमाल किया जाता है. कई राज्यों में ऑक्सीजन को बर्बाद किया जा रहा है. केंद्र सरकार की ओर से एएसजी चेतन शर्मा ने कहा कि 22 अप्रैल से उद्योगों को ऑक्सीजन की सप्लाई बंद कर दी जाएगी. दिल्ली में पीएम केअर फंड की मदद से 8 ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट लगाए जाएंगे. सुनवाई के दौरान जस्टिस रेखा पल्ली ने कहा कि उन्हें पता चला है कि गंगा राम अस्पताल में मरीजों के लिए ऑक्सीजन लेवल केवल 82 रखा गया है.

आईनॉक्स ने ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं की
सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील राहुल मेहरा ने कहा कि आईनॉक्स कंपनी ने दिल्ली को एक मीट्रिक ऑक्सीजन नहीं दिया है. उन्हें बताया गया है कि अगर दिल्ली को ऑक्सीजन दिया गया तो यूपी में कानून-व्यवस्था की स्थिति पैदा हो सकती है. हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद दिल्ली को ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं हो रही है. तब कोर्ट ने पूछा कि क्या आईनॉक्स कंपनी यूपी में है। तब एएसजी शर्मा ने कहा कि ये राजस्थान और यूपी में है. उन्होंने आईनॉक्स को भी पक्षकार बनाने की मांग की. कोर्ट ने कहा कि अगर उसके आदेश का उल्लंघन होता है तो हम उन्हें ढूंढ़ निकालेंगे. कोर्ट ने कहा कि हम वहां सेना नहीं भेज सकते हैं हम उन्हें नोटिस जारी करेंगे.

22 अप्रैल को ही उद्योगों को ऑक्सीजन क्यों बंद होगा
सुनवाई के दौरान जस्टिस रेखा पल्ली ने पूछा कि 22 अप्रैल को ही उद्योगों का ऑक्सीजन क्यों बंद होगा, आज क्यों नहीं बंद होगा. आखिर वो कौन से उद्योग हैं जिनकी ऑक्सीजन नहीं रोकी जा रही है. सर गंगाराम अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी की वजह से इसे 82 लेवल पर लाया गया. राहुल मेहरा ने केंद्र सरकार के हलफनामा को पढ़ते हुए कहा कि राममनोहर लोहिया अस्पताल, सफदरजंग, लेडी हार्डिंग और तीन एम्स को मिलाकर 1432 बेड हैं. डीआरडीओ के पांच सौ में से 250 बेड कार्यशील हैं.

दिल्ली में ऑक्सीजन के आठ प्लांट स्वीकृत
केंद्र सरकार के अधिकारी निपुण विनायक से जब कोर्ट ने पूछा कि ऑक्सीजन की कमी क्यों हो रही है. 22 अप्रैल से ऑक्सीजन क्यों शुरु की जाएगी. उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन की कितनी जरुरत है इसे हाईपावर कमेटी तय करती है. विनायक ने कहा कि 19 अप्रैल को दिल्ली में 79 हजार एक्टिव केस थे. उन्होंने कहा कि 80 फीसदी केस हल्के लक्षण वाले होते हैं. 17 फीसदी मॉडरेट लक्षण वाले और तीन फीसदी गंभीर होते हैं जिन्हें आईसीयू में भर्ती किया जाता है. इनके लिए 10 लीटर ऑक्सीजन हर मिनट की जरुरत होती है. उन्होंने कहा कि हम नोडल अफसर के लगातार संपर्क में हैं. हम दिल्ली समेत दूसरे राज्यों के भी लगातार संपर्क में हैं. विनायक ने कहा कि 378 मीट्रिक ऑक्सीजन दिल्ली को उपलब्ध कराया जा रहा है. देश भर में ऑक्सीजन के 162 प्लांट स्वीकृत किए गए हैं. दिल्ली में ऑक्सीजन के आठ प्लांट की स्वीकृति दी गई है, जिसमें छह प्लांट 30 अप्रैल तक शुरु कर दिया जाएगा. अभी दो प्लांट के लिए जगह नहीं मिली है.

आईनॉक्स को 140 मीट्रिक टन आपूर्ति करने का निर्देश दिया था
पिछले 19 अप्रैल को जस्टिस विपिन सांघी की अध्यक्षता वाली बेंच ने निजी लेबोरेटरीज को निर्देश दिया था कि वो कोरोना सैंपल का टेस्ट जल्द बताए. कोर्ट ने निजी लेबोरेटरीज को निर्देश दिया है कि वे 24 घण्टे के अंदर रिपोर्ट देने की कोशिश करें. कोर्ट ने ऑक्सीजन का सप्लाई करनेवाली कंपनी आईनॉक्स को निर्देश दिया था कि वो दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन की सप्लाई करें और तत्काल 140 मीट्रिक टन तक ऑक्सीजन की आपूर्ति करें.

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि दिल्ली में ऑक्सीजन की सप्लाई की स्थिति काफी खराब है. जस्टिस विपिन सांघी की अध्यक्षता वाली बेंच ने ऑक्सीजन सप्लाई के आदेश का पालन नहीं करने पर आईनॉक्स कंपनी के मालिक और प्रबंध निदेशक को कल कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने यूपी सरकार के मुख्य सचिव को भी 22 अप्रैल को कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया है.

जिन अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी उन्हें ऑक्सीजन की सप्लाई हो
कोर्ट ने कहा कि 19 अप्रैल को गंगाराम अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से उसका लेवल 86 पर आ गया. कोर्ट ने कहा कि जिन अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी हो रही है वहां ऑक्सीजन की आपूर्ति की जाए. कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वो बेडों की संख्या बढ़ाने पर गंभीरता से विचार करे.

कोरोना के उपकरणों को जल्द क्लियर करे कस्टम विभाग
कोर्ट ने कस्टम विभाग को निर्देश दिया कि वो कोरोना टेस्ट के लिए जरुरी उपकरण, दवाईयां और दूसरे उपकरण का आयात होने पर उनका तुरंत क्लियरेंस करे. इन उपकरणों का क्लियरेंस करते समय ज्यादा समय नहीं लिया जाए. कोर्ट ने आईसीएमआर को निर्देश दिया कि वो इन उपकरणों को क्लियरेंस देते समय उनकी गुणवत्ता में कोई समझौता नहीं करें. कोर्ट ने कहा कि आरटीपीसीआर टेस्ट रिपोर्ट जल्द जारी करें. कोर्ट ने केंद्र और आईसीएमआर को निर्देश दिया कि टेस्ट रिपोर्ट के लिए मरीज का डाटा भरते समय कम समय लेने पर विचार करें.

पेट्रोलियम और स्टील उद्योगों को ऑक्सीजन कम करने पर विचार करे केंद्र
कोर्ट ने कहा पेट्रोलियम का उत्पादन बढ़ाने की बजाय लोगों की जान बचाना ज्यादा जरुरी है. कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि पेट्रोलियम और स्टील उद्योगों की ऑक्सीजन सप्लाई कुछ दिनों के लिए कम करने पर गंभीरता से विचार करे. कोर्ट ने कहा कि स्टील उद्योग में भी उत्पादन कम किया जा सकता है. आज लोगों की जान बचाना ज्यादा जरुरी है. तब विनायक ने कहा कि कोर्ट की राय सही है. इस पर हम विचार करेंगे. तब जस्टिस रेखा पल्ली ने कहा कि इस पर आज क्यों नहीं विचार कर रहे हैं 22 का क्यों इंतजार कर रहे हैं. आप एक नागरिक के नाते सोचिए। तब विनायक ने कहा कि ये फैसला उद्योग विभाग को भेज देंगे. उसे ही विचार करना होगा. तब कोर्ट ने कहा कि उद्योग विभाग को कोरोना से क्या लेना देना है.

केरल सरकार की सराहना
विनायक ने कहा कि कल यानि 19 अप्रैल को कैबिनेट सेक्रेटरी ने उन राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ बैठक की. हम रोजाना इस पर काम कर रहे हैं. विनायक ने कहा केरल सरकार ऑक्सीजन का काफी ठीक से इस्तेमाल कर रही है, वो काबिले तारीफ है. केरल केवल 25 फीसदी ही इस्तेमाल करता है. मध्यप्रदेश में भी 20 से 25 फीसदी ऑक्सीजन इस्तेमाल किया जाता है. कई राज्यों में ऑक्सीजन को बर्बाद किया जा रहा है. केंद्र सरकार की ओर से एएसजी चेतन शर्मा ने कहा कि 22 अप्रैल से उद्योगों को ऑक्सीजन की सप्लाई बंद कर दी जाएगी. दिल्ली में पीएम केअर फंड की मदद से 8 ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट लगाए जाएंगे. सुनवाई के दौरान जस्टिस रेखा पल्ली ने कहा कि उन्हें पता चला है कि गंगा राम अस्पताल में मरीजों के लिए ऑक्सीजन लेवल केवल 82 रखा गया है.

आईनॉक्स ने ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं की
सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील राहुल मेहरा ने कहा कि आईनॉक्स कंपनी ने दिल्ली को एक मीट्रिक ऑक्सीजन नहीं दिया है. उन्हें बताया गया है कि अगर दिल्ली को ऑक्सीजन दिया गया तो यूपी में कानून-व्यवस्था की स्थिति पैदा हो सकती है. हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद दिल्ली को ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं हो रही है. तब कोर्ट ने पूछा कि क्या आईनॉक्स कंपनी यूपी में है। तब एएसजी शर्मा ने कहा कि ये राजस्थान और यूपी में है. उन्होंने आईनॉक्स को भी पक्षकार बनाने की मांग की. कोर्ट ने कहा कि अगर उसके आदेश का उल्लंघन होता है तो हम उन्हें ढूंढ़ निकालेंगे. कोर्ट ने कहा कि हम वहां सेना नहीं भेज सकते हैं हम उन्हें नोटिस जारी करेंगे.

22 अप्रैल को ही उद्योगों को ऑक्सीजन क्यों बंद होगा
सुनवाई के दौरान जस्टिस रेखा पल्ली ने पूछा कि 22 अप्रैल को ही उद्योगों का ऑक्सीजन क्यों बंद होगा, आज क्यों नहीं बंद होगा. आखिर वो कौन से उद्योग हैं जिनकी ऑक्सीजन नहीं रोकी जा रही है. सर गंगाराम अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी की वजह से इसे 82 लेवल पर लाया गया. राहुल मेहरा ने केंद्र सरकार के हलफनामा को पढ़ते हुए कहा कि राममनोहर लोहिया अस्पताल, सफदरजंग, लेडी हार्डिंग और तीन एम्स को मिलाकर 1432 बेड हैं. डीआरडीओ के पांच सौ में से 250 बेड कार्यशील हैं.

दिल्ली में ऑक्सीजन के आठ प्लांट स्वीकृत
केंद्र सरकार के अधिकारी निपुण विनायक से जब कोर्ट ने पूछा कि ऑक्सीजन की कमी क्यों हो रही है. 22 अप्रैल से ऑक्सीजन क्यों शुरु की जाएगी. उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन की कितनी जरुरत है इसे हाईपावर कमेटी तय करती है. विनायक ने कहा कि 19 अप्रैल को दिल्ली में 79 हजार एक्टिव केस थे. उन्होंने कहा कि 80 फीसदी केस हल्के लक्षण वाले होते हैं. 17 फीसदी मॉडरेट लक्षण वाले और तीन फीसदी गंभीर होते हैं जिन्हें आईसीयू में भर्ती किया जाता है. इनके लिए 10 लीटर ऑक्सीजन हर मिनट की जरुरत होती है. उन्होंने कहा कि हम नोडल अफसर के लगातार संपर्क में हैं. हम दिल्ली समेत दूसरे राज्यों के भी लगातार संपर्क में हैं. विनायक ने कहा कि 378 मीट्रिक ऑक्सीजन दिल्ली को उपलब्ध कराया जा रहा है. देश भर में ऑक्सीजन के 162 प्लांट स्वीकृत किए गए हैं. दिल्ली में ऑक्सीजन के आठ प्लांट की स्वीकृति दी गई है, जिसमें छह प्लांट 30 अप्रैल तक शुरु कर दिया जाएगा. अभी दो प्लांट के लिए जगह नहीं मिली है.

आईनॉक्स को 140 मीट्रिक टन आपूर्ति करने का निर्देश दिया था
पिछले 19 अप्रैल को जस्टिस विपिन सांघी की अध्यक्षता वाली बेंच ने निजी लेबोरेटरीज को निर्देश दिया था कि वो कोरोना सैंपल का टेस्ट जल्द बताए. कोर्ट ने निजी लेबोरेटरीज को निर्देश दिया है कि वे 24 घण्टे के अंदर रिपोर्ट देने की कोशिश करें. कोर्ट ने ऑक्सीजन का सप्लाई करनेवाली कंपनी आईनॉक्स को निर्देश दिया था कि वो दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन की सप्लाई करें और तत्काल 140 मीट्रिक टन तक ऑक्सीजन की आपूर्ति करें.

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