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ओवैसी ने असीम वकार का काटा टिकट, जताया इस महिला पर भरोसा

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Published : Feb 5, 2022, 8:17 AM IST

ओवैसी ने अपनी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता व प्रमुख चेहरे असीम वकार को उम्मीदवार घोषित किया था. लेकिन नामांकन के आखिरी वक्त में असीम वकार के चुनाव लड़ने से इनकार करने पर ओवैसी ने सीएए-एनआरसी के विरोध प्रदर्शन से चर्चा में आई लखनऊ की रहने वाली उजमा परवीन को चुनावी मैदान में उतार दिया.

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा की 403 सीटों पर चुनाव होने जा रहे हैं. विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रत्याशी नामांकन दाखिल कर चुके हैं. इस चुनावी रण में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के प्रत्याशी भी मैदान में नजर आ रहे हैं. इसी कड़ी में लखनऊ की मुस्लिम बहुल पश्चिम विधानसभा सीट से ओवैसी ने अपनी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता व प्रमुख चेहरे असीम वकार को उम्मीदवार घोषित किया था. लेकिन नामांकन के आखिरी वक्त में असीम वकार के चुनाव लड़ने से इनकार करने पर ओवैसी ने सीएए-एनआरसी के विरोध प्रदर्शन से चर्चा में आई लखनऊ की रहने वाली उजमा परवीन को चुनावी मैदान में उतार दिया.

असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के राष्ट्रीय प्रवक्ता व पार्टी के चर्चित चेहरों में शुमार असीम वकार को पार्टी ने लखनऊ पश्चिम विधानसभा से कई दिन पहले प्रत्याशी घोषित किया था, क्योंकि असीम पार्टी का मजबूती के साथ पक्ष रखने के लिए जाने जाते हैं. लेकिन वकार ने चुनाव न लड़ने का फैसला लेकर सबको हैरत में डाल दिया. असीम नामांकन के आखिरी दिन भी पर्चा दाखिल करने नहीं पहुंचे थे, जिसके कारण एआईएमआईएम के समर्थकों में मायूसी और नाराजगी भी थी. हालांकि पार्टी ने आनन-फानन में असीम वकार की जगह पर उजमा परवीन को अपना उम्मीदवार बना दिया. लेकिन असीम वकार ने अपना पर्चा क्यों नहीं दाखिल किया, इस पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं. इसको लेकर न पार्टी और न ही असीम वकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया आई है.

एआईएमआईएम प्रत्याशी उजमा परवीन

इसे भी पढ़ें - 12 हजार का मोबाइल रखते हैं सीएम योगी, इतनी दौलत के हैं मालिक...

झांसी की रानी के नाम से मशहूर है उजमा

देश में जब सीएए-एनआरसी के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हो रहे थे, तब लखनऊ के घंटाघर पर अपने अनोखे अंदाज में प्रदर्शन के लिए उजमा परवीन का नाम चर्चा में आया था. प्रदर्शन के दौरान उजमा ने अपने छोटे बच्चे को पीठ पर बांधकर सर्द मौसम में CAA, NRC का विरोध जताती थी. जिसके कारण उनको लोग झांसी की रानी के नाम से भी जानने लगे. हालांकि उजमा का कोई राजनीतिक इतिहास तो नहीं है, लेकिन वह समाजसेवी के तौर पर अपनी पहचान रखती हैं और कोरोना की दूसरी लहर में उन्होंने अपनी पीठ पर सेनीटाइजर की मशीन बांधकर सड़क, मोहल्लों, मंदिर और मस्जिदों को सैनिटाइज किया था, जिसकी वजह से उनको काफी शोहरत हासिल हुई थी.

पश्चिम विधानसभा में इनमें होगी टक्कर

लखनऊ की पश्चिम विधानसभा सीट पर भाजपा उम्मीदवारों का हमेशा से दबदबा रहा है. इससे पहले कई बार इस सीट से भाजपा के स्वर्गीय विधायक सुरेश श्रीवास्तव अपनी जीत का परचम बुलंद करते आए हैं. लेकिन कोरोना की दूसरी लहर में सुरेश श्रीवास्तव और उनकी पत्नी का निधन हो गया था. इसलिए भाजपा ने उसी इलाके के रहने वाले अंजनी श्रीवास्तव को अपना प्रत्याशी घोषित किया है तो दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी ने अपने पूर्व विधायक रेहान नईम का टिकट काटकर उसी क्षेत्र के बसपा से आए नेता अरमान खान को उम्मीदवार बनाया है. इसके अलावा कांग्रेस ने शहाना सिद्दीकी और बसपा ने कायम राजा को उम्मीदवार बनाया है. इन सब दिग्गजों के बीच उजमा परवीन कितना वोट हासिल कर पाती हैं, यह देखना दिलचस्प होगा.

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा की 403 सीटों पर चुनाव होने जा रहे हैं. विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रत्याशी नामांकन दाखिल कर चुके हैं. इस चुनावी रण में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के प्रत्याशी भी मैदान में नजर आ रहे हैं. इसी कड़ी में लखनऊ की मुस्लिम बहुल पश्चिम विधानसभा सीट से ओवैसी ने अपनी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता व प्रमुख चेहरे असीम वकार को उम्मीदवार घोषित किया था. लेकिन नामांकन के आखिरी वक्त में असीम वकार के चुनाव लड़ने से इनकार करने पर ओवैसी ने सीएए-एनआरसी के विरोध प्रदर्शन से चर्चा में आई लखनऊ की रहने वाली उजमा परवीन को चुनावी मैदान में उतार दिया.

असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के राष्ट्रीय प्रवक्ता व पार्टी के चर्चित चेहरों में शुमार असीम वकार को पार्टी ने लखनऊ पश्चिम विधानसभा से कई दिन पहले प्रत्याशी घोषित किया था, क्योंकि असीम पार्टी का मजबूती के साथ पक्ष रखने के लिए जाने जाते हैं. लेकिन वकार ने चुनाव न लड़ने का फैसला लेकर सबको हैरत में डाल दिया. असीम नामांकन के आखिरी दिन भी पर्चा दाखिल करने नहीं पहुंचे थे, जिसके कारण एआईएमआईएम के समर्थकों में मायूसी और नाराजगी भी थी. हालांकि पार्टी ने आनन-फानन में असीम वकार की जगह पर उजमा परवीन को अपना उम्मीदवार बना दिया. लेकिन असीम वकार ने अपना पर्चा क्यों नहीं दाखिल किया, इस पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं. इसको लेकर न पार्टी और न ही असीम वकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया आई है.

एआईएमआईएम प्रत्याशी उजमा परवीन

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झांसी की रानी के नाम से मशहूर है उजमा

देश में जब सीएए-एनआरसी के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हो रहे थे, तब लखनऊ के घंटाघर पर अपने अनोखे अंदाज में प्रदर्शन के लिए उजमा परवीन का नाम चर्चा में आया था. प्रदर्शन के दौरान उजमा ने अपने छोटे बच्चे को पीठ पर बांधकर सर्द मौसम में CAA, NRC का विरोध जताती थी. जिसके कारण उनको लोग झांसी की रानी के नाम से भी जानने लगे. हालांकि उजमा का कोई राजनीतिक इतिहास तो नहीं है, लेकिन वह समाजसेवी के तौर पर अपनी पहचान रखती हैं और कोरोना की दूसरी लहर में उन्होंने अपनी पीठ पर सेनीटाइजर की मशीन बांधकर सड़क, मोहल्लों, मंदिर और मस्जिदों को सैनिटाइज किया था, जिसकी वजह से उनको काफी शोहरत हासिल हुई थी.

पश्चिम विधानसभा में इनमें होगी टक्कर

लखनऊ की पश्चिम विधानसभा सीट पर भाजपा उम्मीदवारों का हमेशा से दबदबा रहा है. इससे पहले कई बार इस सीट से भाजपा के स्वर्गीय विधायक सुरेश श्रीवास्तव अपनी जीत का परचम बुलंद करते आए हैं. लेकिन कोरोना की दूसरी लहर में सुरेश श्रीवास्तव और उनकी पत्नी का निधन हो गया था. इसलिए भाजपा ने उसी इलाके के रहने वाले अंजनी श्रीवास्तव को अपना प्रत्याशी घोषित किया है तो दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी ने अपने पूर्व विधायक रेहान नईम का टिकट काटकर उसी क्षेत्र के बसपा से आए नेता अरमान खान को उम्मीदवार बनाया है. इसके अलावा कांग्रेस ने शहाना सिद्दीकी और बसपा ने कायम राजा को उम्मीदवार बनाया है. इन सब दिग्गजों के बीच उजमा परवीन कितना वोट हासिल कर पाती हैं, यह देखना दिलचस्प होगा.

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