हैदराबाद: एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने खुद पर भाजपा को फायदा दिलाने संबंधित लग रहे आरोपों को निराधार करार देते हुए उन सियासी पार्टियों की मंशा पर ही सवाल उठा दिए हैं, जो उन्हें भाजपा का टीम 'बी' बताए फिर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जो लोग यह प्रचारित करते हैं उनका मकसद केवल मुस्लिम वोटों को हासिल करना है. उन्हें मेरी मौजूदगी से डर लगता है. इधर, उत्तर प्रदेश में उनकी पार्टी की सियासी सक्रियता और 100 सीटों पर चुनाव लड़ने के निर्णय पर ओवैसी ने कहा कि सूबे में उनके पास मजबूत संगठन के साथ ही कार्यकर्ताओं की एक बड़ी फौज है. यही कारण है कि वे यहां 100 सीटों पर अपने प्रत्याशी देने को एकमत हुए हैं.
भाजपा को फायदा दिलाने संबंधित लग रहे आरोपों पर उन्होंने आगे कहा कि यह सही नहीं है और जो ऐसा कर रहे हैं वे मेरी मौजूदगी से डरते हैं. वहीं, भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा इस देश को एक धर्म की पहचान देना चाहती है, जो संविधान के विपरीत है. दरअसल, एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने उक्त बातें एक साक्षात्कार के दौरान कहीं.
वहीं, यूपी में आगामी विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) की तैयारियों के इतर समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के साथ ही कांग्रेस और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर भी उन्होंने निशाना साधा. उन्होंने कहा कि बाहर से सब अलग जरूर दिखते हैं, लेकिन भीतर से सभी एक हैं.
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उत्तर प्रदेश में मुस्लिमों की रहनुमाई (leadership of muslims) का ठेका लेने वाले नेता कभी भी उनकी मदद को सामने नहीं आए. लेकिन अब जब मैं सूबे में मुस्लिमों और पिछड़ों की बात कर रहा हूं तो तथाकथित ठेकेदारों को दिक्कतें हो रही हैं.
हालांकि, उनके यूपी विधानसभा चुनाव पर अधिक फोकस रखने संबंधी एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यूपी में यह हमारा पहला चुनाव नहीं है. हम पिछले चुनाव में भी यहां प्रत्याशी उतारे थे. खैर, उस समय पार्टी का यहां संगठनात्मक ढांचा मजबूत नहीं था, लेकिन आज यहां पार्टी जमीनी स्तर पर मजबूत हुई है.
यहां पार्टी ने नगर निकाय व पंचायत चुनावों में हिस्सा लिया और इन चुनावों में कामयाबी भी मिली. जिला पंचायत चुनाव में तो 23 सदस्य जीते भी थे. वहीं, 18-20 प्रत्याशी दूसरे स्थान पर रहे थे. इससे स्पष्ट होता है कि यहां लोग अब एआईएमआईएम को सपोर्ट कर रहे हैं.
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इधर, भाजपा की टीम 'बी' कहे जाने पर बिफरे ओवैसी ने कहा कि अगर किसी जगह भाजपा जीत रही है तो क्या उसका जिम्मेदार केवल मैं ही हूं? भाजपा इसलिए जीत रही है, क्योंकि हिन्दू उन्हें वोट दे रहे हैं. मुसलमानों के वोट नहीं मिल रहे हैं.
अगर आपको सुबूत चाहिए तो आप सीएसडीएस (CSDS) का डेटा देखें कि 2014 में भाजपा को 34% हिंदू वोट मिले थे और आगे चलकर 2019 में यह 44% हो गया था. अगर सहयोगी दलों का जोड़ दें तो 51% वोट हो जाता है. यानी जो वोट पोल हुआ उसका 60% तो अकेले भाजपा को ही गए थे.
आगे उन्होंने यूपी में अपने सियासी राह को स्पष्ट करते हुए कहा कि सूबे में दलित-पिछड़ों के बाद सबसे ज्यादा नाइंसाफी मुस्लिमों के साथ हुई है. इसलिए एआईएमआईएम आज वहां मुस्लिमों और पिछड़ों की आवाज उठा रही है.
लेकिन सपा-बसपा और कांग्रेस सरीखी पार्टियां, जो अब तक मुस्लिम वोट पाते रहे हैं, उन्हें मेरी मौजूदगी से अपने सियासी वजूद पर खतरा मंडराता दिख रहा है. सो वे मुझे भाजपा की टीम 'बी' कह मुस्लिम मतदाता को अपने पाले में करना चाहते हैं. पर अब यह संभव नहीं है.
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