लखनऊ : सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो उत्तर प्रदेश में भी हिमांचल प्रदेश की तरह लोगों को ऑर्गेनिक शराब पीने के लिए मिल सकेगी. आबकारी विभाग इस पर गहनता से विचार कर रहा है. साथ ही विभाग अवैध शराब के धंधे में लिप्त लोगों के पुनर्वास के लिए भी प्रयास करने जा रहा है. विभाग का मानना है कि जो लोग अवैध शराब के धंधे में लिप्त हैं और वे इसे छोड़ना चाहते हैं तो यह योजना उनके लिए मील का पत्थर साबित हो सकती है.
क्या है आर्गेनिक शराब
ऑर्गेनिक वाइन ऑर्गेनिक खेती के सिद्धांतों के अनुसार उगाए गए अंगूर से बनी शराब है. जिसमें आमतौर पर कृत्रिम रसायनिक उर्वरक कीटनाशक, कवकनाशी और शाकनाशी का उपयोग आमतौर पर नहीं किया जाता है. इसमें सामान्य शराब के संरक्षण के लिए उपयोग किए जाने वाले सल्फाइड की मात्रा काफी कम प्रयुक्त की जाती है. विशेषज्ञों के मुताबिक आर्गेनिक शराब मुख्य रूप से अंगूर के रासायनिक मुक्त होने पर केंद्रित है, जिसमें कुछ सिंथेटिक सामग्री मिलाई जाती है.
ऑर्गेनिक वाइन का उत्पादन फिलहाल सबसे अधिक संयुक्त राज्य अमेरिका में हो रहा है. यह सामान्य शराब की तुलना में कम हानिकारक मानी जाती है. विशेषज्ञ बताते हैं कि भारत में भले ही इसका उपयोग कम हो रहा हो, लेकिन विश्व में इसका उपयोग 3.7 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है. जबकि सामान्य शराब का उपयोग 2% की दर से ही बढ़ा है. आबकारी आयुक्त सेंथिल पांडियन कहते हैं कि अभी फिलहाल उत्तर प्रदेश में इसके उपयोग की अनुमति देने पर विचार चल रहा है.
आबकारी आयुक्त सेंथिल पांडियन ने ईटीवी को बताया कि गांव-कस्बों में जो लोग अवैध शराब बनाने के कार्य में लगे हुए थे, और वो इस दलदल से बाहर निकलना चाहते हैं, तो उन्हें विभाग सुधरने का पूरा मौका देगा. जिला प्रशासन और राज्य सरकार से सहायता लेकर उन्हें रोजगार मुहैया कराया जाएगा. प्रयास किया जाएगा कि उन्हें सरकार द्वारा संचालित अधिक से अधिक योजनाओं का लाभ मिल सके. उन्हें अनावश्यक उत्पीड़न से भी निजात मिल सकेगी.
विधानसभा चुनाव के लिए कसी कमर
आबकारी आयुक्त ने बताया कि चुनाव के दौरान आसपास के उन प्रदेशों से तस्करी कर शराब लाई जाती है, जहां शराब सस्ती है और इसका प्रयोग चुनाव में किए जाने की परंपरा रही है. इसे रोकने के लिए विभाग ने अभी से प्रयास शुरू कर दिए हैं. चुनाव आयोग के पूर्व के निर्देशों के दृष्टिगत इस पर काम किया जा रहा है. 14 से 26 सितंबर तक एक अभियान शुरू किया गया है. इस दौरान उन लोगों पर भी नजर रखी जाएगी, जो पूर्व में धंधे में शामिल रहे हैं. साथ ही जिन प्रदेशों से तस्करी कर शराब उत्तर प्रदेश में लाई जाती है उन प्रदेशों से संपर्क कर इसे रोके जाने की भी योजना है.
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अवैध शराब के धंधे में कुछ बड़े लोग भी शामिल
आबकारी आयुक्त सेंथिल पांडियन ने स्वीकार किया कि अवैध शराब के धंधे में कुछ बड़े लोग भी शामिल हैं. इन पर पूरी नजर रखी जा रही है. कोशिश यह की जा रही है कि जहां से उसकी निकासी होती है वहीं पर इसे रोक दिया जाए. इसके लिए विभाग ने पूरी कार्य योजना तैयार की है. मिलावट और जहरीली शराब के कारोबार को रोकने के लिए कड़े प्रावधान किए जा रहे हैं.