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रीता बहुगुणा व राजबब्बर के खिलाफ मुकदमे के गवाहों को पेश करने का आदेश - यूपी न्यूज

लखनऊ की एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष जज ने रीता बहुगुणा व राजबब्बर के खिलाफ मुकदमे के गवाहों को पेश करने का आदेश दिया है.

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Published : Nov 20, 2021, 9:23 PM IST

लखनऊः एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय ने धरना-प्रदर्शन के दौरान तोड़फोड़ व पुलिस बल पर हमला करने आदि के एक मामले में गवाहों को तलब करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने 4 दिसम्बर को गवाही के लिए तत्कालीन एडीएम पूर्वी निधि श्रीवास्तव, एसपी पूर्वी राजीव मल्होत्रा, सीओ ट्रैफिक अवनीश मिश्रा व एसएचओ आलमबाग विकास पांडेय को तलब करने का आदेश दिया है.


इस मामले में रीता बहुगुणा जोशी व राजबब्बर समेत 15 अभियुक्त हैं. इन सबके खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 323, 332, 333, 336, 337, 338, 341, 343, 352 व 307 के साथ ही क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट एक्ट की धारा 7 के तहत आरोप तय हुआ है. जबकि तीन अभियुक्त तारिक अली, पप्पू खान व राज कुमार लोधी को फरार घोषित करते हुए, इनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट के साथ ही फरारी की उद्घोषणा की नोटिस भी जारी करने का आदेश दिया है.

उल्लेखनीय है कि 17 अगस्त, 2015 को इस मामले की एफआईआर एसआई प्यारेलाल प्रजापति ने थाना हजरतगंज में दर्ज कराई थी. उस दिन कांग्रेस पार्टी का लक्ष्मण मेला स्थल पर धरना-प्रदर्शन था. करीब पांच हजार कार्यकर्ताओं के साथ अचानक यह सभी अभियुक्तगण धरना स्थल से विधान सभा का घेराव करने निकल पड़े. आरोप है कि समझाने व रोकने पर संकल्प वाटिका के पास पथराव करने लगे.

ये भी पढ़ेंः भारत ने ऐसे खोजी कोरोना की वैक्सीन....20 मकाऊ बंदर बने पूरे देश के लिए संकटमोचक


विशेष अदालत में इस मुकदमे को जनहित में वापस लेने के लिए राज्य सरकार की ओर से एक अर्जी भी दी गई थी. 20 फरवरी, 2021 को अदालत ने राज्य सरकार की इस अर्जी को खारिज करते हुए मामले को गम्भीर करार दिया था. इसके बाद अभियुक्तों की डिस्चार्ज अर्जी भी खारिज हो गई थी.

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लखनऊः एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय ने धरना-प्रदर्शन के दौरान तोड़फोड़ व पुलिस बल पर हमला करने आदि के एक मामले में गवाहों को तलब करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने 4 दिसम्बर को गवाही के लिए तत्कालीन एडीएम पूर्वी निधि श्रीवास्तव, एसपी पूर्वी राजीव मल्होत्रा, सीओ ट्रैफिक अवनीश मिश्रा व एसएचओ आलमबाग विकास पांडेय को तलब करने का आदेश दिया है.


इस मामले में रीता बहुगुणा जोशी व राजबब्बर समेत 15 अभियुक्त हैं. इन सबके खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 323, 332, 333, 336, 337, 338, 341, 343, 352 व 307 के साथ ही क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट एक्ट की धारा 7 के तहत आरोप तय हुआ है. जबकि तीन अभियुक्त तारिक अली, पप्पू खान व राज कुमार लोधी को फरार घोषित करते हुए, इनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट के साथ ही फरारी की उद्घोषणा की नोटिस भी जारी करने का आदेश दिया है.

उल्लेखनीय है कि 17 अगस्त, 2015 को इस मामले की एफआईआर एसआई प्यारेलाल प्रजापति ने थाना हजरतगंज में दर्ज कराई थी. उस दिन कांग्रेस पार्टी का लक्ष्मण मेला स्थल पर धरना-प्रदर्शन था. करीब पांच हजार कार्यकर्ताओं के साथ अचानक यह सभी अभियुक्तगण धरना स्थल से विधान सभा का घेराव करने निकल पड़े. आरोप है कि समझाने व रोकने पर संकल्प वाटिका के पास पथराव करने लगे.

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विशेष अदालत में इस मुकदमे को जनहित में वापस लेने के लिए राज्य सरकार की ओर से एक अर्जी भी दी गई थी. 20 फरवरी, 2021 को अदालत ने राज्य सरकार की इस अर्जी को खारिज करते हुए मामले को गम्भीर करार दिया था. इसके बाद अभियुक्तों की डिस्चार्ज अर्जी भी खारिज हो गई थी.

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