लखनऊ: एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष एसीजेएम अम्बरीष कुमार श्रीवास्तव ने लखनऊ से जारी असलहे का लाइसेंस बगैर सूचना दिए नई दिल्ली के पते पर स्थानांतरित कराने व एक ही लाइसेंस पर सात-सात असलहे खरीदने के मामले में अभियुक्त अब्बास अंसारी के खिलाफ फ़रारी की उद्घोषणा की नोटिस जारी करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने यह आदेश थाना महानगर की एक रिपोर्ट पर संज्ञान लेते हुए दिया है. मामले की अगली सुनवाई 26 सितंबर को होगी. पूर्व विधायक मुख्तारी अंसारी का बेटा अब्बास अंसारी मऊ से विधायक है.
विगत 14 जुलाई को अदालत ने अब्बास अंसारी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने का आदेश दिया था. कोर्ट ने थानाध्यक्ष महानगर को निर्देश दिया था कि वह वारंट का निष्पादन सुनिश्चित कर अदालत को अवगत कराएं. गुरुवार को अदालत में अभियोजन की ओर से थाना महानगर की रिपोर्ट दाखिल की गई. इस रिपोर्ट में कहा गया था कि अभियुक्त को गिरफ्तार करने के लिए राज्य व राज्य से बाहर भी दबिश दी गई, उसके सभी ज्ञात व संभाव्य ठिकानों पर दबिश के बावजूद उसका पता नहीं चला है.
कहा गया कि ऐसा प्रतीत होता है कि वह खुद को अदालत के समक्ष प्रस्तुत करने से छिपा रहा है जिससे उसके खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट का निष्पादन नहीं हो पा रहा है. 24 दिसंबर, 2020 को इस मामले में अब्बास अंसारी के विरुद्ध आईपीसी की धारा 420, 467, 468 व 471 के साथ ही शस्त्र अधिनियम की धारा 30 के तहत आरोप पत्र दाखिल किया गया था.
इसके पूर्व 12 अक्टूबर 2019 को इस मामले की एफआईआर प्रभारी निरीक्षक अशोक कुमार सिंह ने थाना महानगर में दर्ज कराई थी. वर्ष 2012 में लखनऊ के जिलाधिकारी ने अब्बास अंसारी के नाम डीबीबीएल गन का लाइसेंस जारी किया था. अब्बास अंसारी ने इस लाइसेंस को नई दिल्ली के पते पर स्थानांतरित करा लिया लेकिन इसकी पूर्व सूचना थाना महानगर को नहीं दी जिसकी वजह से एक ही शस्त्र दो राज्यों में अलग-अलग लाइसेंस व यूआइडी पर एक साथ अंकित हुआ. साथ ही दिल्ली में गन के एक लाइसेंस पर अन्य शस्त्र भी अनाधिकृत रुप से खरीदा गया. विवेचना के दौरान पुलिस ने दो राइफल, तीन 12 बोर की गन, एक रिवाल्वर व एक पिस्टल के साथ ही विभिन्न बोर के 4431 कारतूस व मैगजीन आदि बरामद किए थे.
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