लखनऊ: कमर्शियल मोटर ट्रेनिंग स्कूल के संचालक परिवहन विभाग के अधिकारियों के आदेश को ठेंगे पर रख रहे हैं. आरटीओ कार्यालय के अधिकारियों की तरफ से मोटर ट्रेनिंग स्कूल संचालकों को 17 सितंबर को अपने प्रपत्र और वाहनों के साथ कार्यालय में उपस्थित होने के लिए नोटिस जारी किया गया था, लेकिन कमर्शियल वाहन संचालक झांकने भी नहीं आए. इससे पता चलता है कि इन संचालकों पर अधिकारियों के आदेश का कितना असर है. हालांकि, लाइट मोटर ट्रेनिंग स्कूल के कुछ संचालक आरटीओ कार्यालय जरूर पहुंचे थे.
वाहनों में नहीं हो रहा मानकों का पालन
परिवहन विभाग के तरफ से लखनऊ में चल रहे कमर्शियल और लाइट मोटर ट्रेनिंग स्कूल के संचालकों को अपने प्रपत्र और वाहनों के साथ उपस्थित होने के लिए नोटिस जारी किया गया था. नोटिस जारी करने के पीछे वजह थी तमाम ट्रेनिंग स्कूलों की वैधता समाप्त होने के बावजूद ट्रेनिंग देना और सर्टिफिकेट जारी करना. हल्के वाहनों से ट्रेनिंग देने वाले मोटर ट्रेनिंग स्कूल के संचालक अपने वाहनों को लेकर आरटीओ कार्यालय पहुंचे. यहां पर उनके वाहनों का भौतिक निरीक्षण किया गया तो कई खामियां मिलीं. किसी वाहन में इंडिकेटर गायब था तो किसी में अग्निशमन यंत्र और किसी में फर्स्ट एड बॉक्स. ज्यादातर गाड़ियों में मोटर ट्रेनिंग स्कूल का नाम ही नहीं लिखा था. इस पर भौतिक निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने मोटर ट्रेनिंग स्कूल संचालकों को पूरी तरह से अपने वाहनों को दुरुस्त कराकर सोमवार को फिर से उपस्थित होने के लिए कहा है.
व्यावसायिक मोटर ट्रेनिंग स्कूल के संचालकों के नोटिस के बावजूद आरटीओ कार्यालय न पहुंचने पर कार्रवाई के बाबत अधिकारियों का कहना है कमर्शियल मोटर ट्रेनिंग स्कूल संचालकों ने दो दिन का और समय मांगा है. उन्हें समय दिया गया है. सोमवार को उन्हें भी अपने वाहनों के साथ हरहाल में आरटीओ कार्यालय में उपस्थित होना होगा. जहां तक स्कूलों के वैध प्रपत्रों की बात है तो कई स्कूल संचालकों ने ऑनलाइन प्रक्रिया पूरी की है. इसकी भी जांच की जा रही है. जो स्कूल अवैध तरीके से संचालित हो रहे होंगे उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
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सख्त हुए डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर
मोटर ट्रेनिंग स्कूल संचालकों की मनमानी पर नकेल कसने के लिए अब लखनऊ जोन के डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर निर्मल प्रसाद ने सख्ती दिखाई है. उन्होंने कहा है कि आरटीओ कार्यालय के संभागीय निरीक्षक (प्राविधिक) सभी मोटर ट्रेनिंग स्कूलों का भौतिक निरीक्षण करें और इसकी रिपोर्ट परिवहन विभाग मुख्यालय को सौंपें. इसके बाद अब अधिकारी ट्रेनिंग स्कूलों की जांच करने की तैयारी कर रहे हैं.