ETV Bharat / state

विशेष शिक्षकों के नियुक्ति पत्र पर हाईकोर्ट का आदेश होगा अंकित - lucknow latest news

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच (Lucknow High Court) ने समग्र शिक्षा अभियान के तहत दिव्यांग बच्चों को शिक्षा व पुनर्वास सुविधाएं प्रदान करने के लिए की जाने वाली विशेष शिक्षकों की नियुक्तियों को अपने अंतिम आदेश के अधीन कर लिया है.

लखनऊ हाईकोर्ट
लखनऊ हाईकोर्ट
author img

By

Published : Jul 22, 2021, 10:23 PM IST

लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच (Lucknow High Court) ने समग्र शिक्षा अभियान के तहत दिव्यांग बच्चों को शिक्षा व पुनर्वास सुविधाएं प्रदान करने के लिए की जाने वाली विशेष शिक्षकों की नियुक्तियों को अपने अंतिम आदेश के अधीन कर लिया है. न्यायालय ने यह भी आदेश दिया है कि इस दौरान यदि किसी विशेष शिक्षक की नियुक्ति की जाती है तो उसके नियुक्ति पत्र में साफ-साफ अंकित किया जाएगा कि यह नियुक्ति कोर्ट के अंतिम आदेश के अधीन है. इसी के साथ न्यायालय ने समग्र शिक्षा अभियान के परियोजना निदेशक को दस दिनों में अपना जवाबी हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है.


यह आदेश न्यायमूर्ति अब्दुल मोईन की एकल पीठ ने उत्तर प्रदेश विशेष शिक्षक एसोसिएशन की सेवा सम्बंधी याचिका पर पारित किया. याचिका में राज्य परियोजना निदेशक के 22 फरवरी 2021 के आदेश को चुनौती दी गयी है. याचिका में कहा गया है कि 2005 में दिव्यागों की सम्यक शिक्षा व्यवस्था के लिये विभागीय संविदा पर विशेष शिक्षकों की नियुक्ति का आदेश जारी किया गया था और उसी आधार पर नियुक्तियां भी की गईं थीं. कहा गया कि 22 फरवरी 2021 को राज्य परियेजना निदेशक ने आदेश जारी कर ऐसे विशेष शिक्षकों की नियुक्ति के लिए टीईटी पास करना अनिवार्य कर दिया और यह नियुक्तियां जेम पेर्टल के जरिए करने का निर्णय ले लिया. जिसके कारण उन्हें बेरोजगार होना पड़ रहा है. यह भी दलील दी गयी कि इन नियुक्तियों के लिए टीईटी का कोई प्रावधान नहीं है. बल्कि इनके लिए भारतीय पुनर्वास परिषद (आरसीआई) द्वारा अनुमन्य विशेष शिक्षा में डिग्री अथवा डिप्लोमा की अनिवार्यता का प्रावधान है. न्यायालय ने मामले पर सुनवाई के बाद पारित आदेश में कहा कि वर्तमान याचिका के विचाराधीन रहने तक यदि नियुक्तियां की जाती हैं तो वह कोर्ट के अंतिम आदेश के अधीन होंगी.

लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच (Lucknow High Court) ने समग्र शिक्षा अभियान के तहत दिव्यांग बच्चों को शिक्षा व पुनर्वास सुविधाएं प्रदान करने के लिए की जाने वाली विशेष शिक्षकों की नियुक्तियों को अपने अंतिम आदेश के अधीन कर लिया है. न्यायालय ने यह भी आदेश दिया है कि इस दौरान यदि किसी विशेष शिक्षक की नियुक्ति की जाती है तो उसके नियुक्ति पत्र में साफ-साफ अंकित किया जाएगा कि यह नियुक्ति कोर्ट के अंतिम आदेश के अधीन है. इसी के साथ न्यायालय ने समग्र शिक्षा अभियान के परियोजना निदेशक को दस दिनों में अपना जवाबी हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है.


यह आदेश न्यायमूर्ति अब्दुल मोईन की एकल पीठ ने उत्तर प्रदेश विशेष शिक्षक एसोसिएशन की सेवा सम्बंधी याचिका पर पारित किया. याचिका में राज्य परियोजना निदेशक के 22 फरवरी 2021 के आदेश को चुनौती दी गयी है. याचिका में कहा गया है कि 2005 में दिव्यागों की सम्यक शिक्षा व्यवस्था के लिये विभागीय संविदा पर विशेष शिक्षकों की नियुक्ति का आदेश जारी किया गया था और उसी आधार पर नियुक्तियां भी की गईं थीं. कहा गया कि 22 फरवरी 2021 को राज्य परियेजना निदेशक ने आदेश जारी कर ऐसे विशेष शिक्षकों की नियुक्ति के लिए टीईटी पास करना अनिवार्य कर दिया और यह नियुक्तियां जेम पेर्टल के जरिए करने का निर्णय ले लिया. जिसके कारण उन्हें बेरोजगार होना पड़ रहा है. यह भी दलील दी गयी कि इन नियुक्तियों के लिए टीईटी का कोई प्रावधान नहीं है. बल्कि इनके लिए भारतीय पुनर्वास परिषद (आरसीआई) द्वारा अनुमन्य विशेष शिक्षा में डिग्री अथवा डिप्लोमा की अनिवार्यता का प्रावधान है. न्यायालय ने मामले पर सुनवाई के बाद पारित आदेश में कहा कि वर्तमान याचिका के विचाराधीन रहने तक यदि नियुक्तियां की जाती हैं तो वह कोर्ट के अंतिम आदेश के अधीन होंगी.

इसे भी पढ़ें - बाइकों से हो रहे ध्वनि प्रदूषण पर हाईकोर्ट ने लिया स्वतः संज्ञान, दिया ये आदेश

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.